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ब्लैक फंगस की चपेट में गुजरात, सिर्फ चार बड़े शहर के अस्पतालों में ही 1100 से ज्यादा मामले
गुजरात में अभी तक म्यूकोरमाइकोसिस के मामलों की सही संख्या पर कोई डेटा नहीं है. लेकिन वर्तमान में अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा शहरों के सरकारी अस्पतालों में इस संक्रमण से पीड़ित 1,100 से अधिक मरीज भर्ती हैं.
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गुजरात के चार बड़े शहरों के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 से उबरने के बाद ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए 1100 से अधिक मरीजों का इलाज चल रहा है. एक सरकारी विज्ञप्ति में शुक्रवार को बताया गया कि राज्य सरकार ने म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) को महामारी घोषित कर दिया है और महामारी रोग अधिनियम के तहत बीमारी को अधिसूचित कर दिया है.
इसका मतलब है कि अस्पतालों को इस घातक फंगस संक्रमण के संदिग्ध और पुष्ट मामलों के बारे में सरकार को सूचित करने की जरूरत है. विज्ञप्ति के मुताबिक, अस्पतालों को केंद्र और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के ब्लैंक फंगस की जांच, निदान और उपचार पर दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
गुजरात में अभी तक म्यूकोरमाइकोसिस के मामलों की सही संख्या पर कोई डेटा नहीं है, लेकिन वर्तमान में अहमदाबाद, राजकोट, सूरत और वडोदरा शहरों के सरकारी अस्पतालों में इस संक्रमण से पीड़ित 1,100 से अधिक मरीज भर्ती हैं.
स्थानीय अधिकारियों ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि सबसे ज्यादा 450 मरीज राजकोट के सिविल अस्पताल में भर्ती हैं, अहमदाबाद के मुख्य सिविल अस्पताल में 350, सूरत शहर के दो सरकारी अस्पतालों में करीब 110 और वडोदरा शहर के सरकारी अस्पतालों में करीब 225 मरीजों का इलाज चल रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि मोटे-मोटे आकलन के मुताबिक मार्च में राज्य में कोरोना वायस की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद से हर दिन ब्लैक फंगस के 70-80 मरीजों को अस्पातलों में भर्ती किया जा रहा है.
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