एक्सप्लोरर

महिलाओं के लिए मोदी सरकार ने अब तक लिए ये बड़े फैसले, जानें क्या है उनकी जमीनी हकीकत

ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून हो, या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत कर महिलाओं का लिंगानुपात बढ़ाना हो. पीएम मोदी ने अपने फैसलों से महिलाओं के जीवन को लगातार बेहतर बनाया है.

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के पीछे महिला वोटरों के समर्थन को बड़ी वजह माना जाता है. मोदी सरकार की लोकप्रिय उज्ज्वला योजना से बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं को गैस सिलेंडर मिला, जिससे महिलाओं ने उनका समर्थन किया. यही कारण है कि बीजेपी ने अपने 9 साल के कार्यकाल में महिलाओं के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की. 

ट्रिपल तलाक के खिलाफ कानून हो, या बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत कर महिलाओं का लिंगानुपात बढ़ाना हो. पीएम मोदी ने अपने फैसलों से महिलाओं के जीवन को लगातार बेहतर बनाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि इन फैसलों का भारत की महिलाओं के जीवन पर क्या असर पड़ रहा है. और किन-किन योजनाओं ने भारत की महिलाओं की जिंदगी बेहतर बनाई है.

महिलाओं के हित में लिए गए फैसले 

उज्ज्वला योजना

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. इस योजना का मकसद मार्च 2020 तक भारत के 8 करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाना था. अभी तक प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 9 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. 2021-22 वित्त वर्ष में PMUY 2.0 शुरू किया गया की इसके तहत एक करोड़ ज्यादा कनेक्शन दिए जाने का प्रावधान किया गया था.

जमीनी हकीकत: 'द हिंदू' की एक रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष (2021-22) में एक करोड़ लाभार्थियों ने अपने सिलेंडर सिर्फ़ एक बार ही भरवाए थे. इसके अलावा साल 2022 में केंद्र सरकार ने संसद में उज्ज्वला योजना के तहत दिए गए गैस कनेक्शन की रिफिलिंग के आंकड़े बताएं. 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने बताया कि इस योजना के तहत 4.13 करोड़ लाभार्थियों ने एक बार भी रसोई गैस सिलेंडर को रिफिल नहीं करवाया है. वहीं दूसरी तरफ 7.67 करोड़ लाभाथिर्यों ऐसे हैं, जिन्होंने एक ही बार सिलेंडर भरवाया है. 

सुकन्या समृद्धि

केंद्र सरकार की तरफ से सुकन्या समृद्धि योजना को साल 2014 में शुरू किया गया था. यह एक सरकारी स्मॉल सेविंग स्कीम की तरह काम करती है. जिसमें आप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा और शादी के लिए मोटा फंड जुटाने में सफल हो सकते है. 21 साल मैच्योरिटी पीरियड होने के चलते यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट माना जाता है. 

जमीनी हकीकत: जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तब साल 1 अप्रैल, 2014 को 9.1 फीसदी ब्याज मिलता था, इसके अगले साल 1 अप्रैल, 2015 में यह बढ़कर 9.2 फीसदी हुआ. साल 2018 में सरकार ने इसे बढ़ाकर 8.5 फीसदी किया. इसके बाद 31 मार्च 2020 को यह 8.4 फीसदी रहा, जबकि 30 जून 2020 तिमाही के लिए यह घटकर 7.6 फीसदी पर आ गया. तब से अब तक यानि 2023 में इस पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज दी जा रही है. 

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

हरियाणा में बच्चियों के जन्म दर में हो रही कमी को देखते हुए साल 2015 में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया था. इस योजना का मकसद कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाना, बेटियों को पढ़ाने के आर्थिक सहायता और बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराया था. 

जमीनी हकीकत: साल 2022 में इस अभियान पर संसद की एक समिति ने एक रिपोर्ट पेश की थी. जिसके अनुसार साल 2016 से 2019 के बीच केंद्र सरकार ने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का लगभग 80 प्रतिशत फंड सिर्फ विज्ञापनों में ही खर्च किया. 

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS)-5 के अनुसार भारत में प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या बढ़कर 1020 हो गई है. लेकिन बेटियों की शिक्षा पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. इस आंकड़े की मानें तो भारत की करीब 40 प्रतिशत महिलाओं को 10 साल से ज्यादा स्कूली शिक्षा मिली है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में तो सिर्फ 33.7 प्रतिशत बेटियां ही 10वीं से आगे पढ़ सकीं. 

तीन तलाक 

मुस्लिम समाज में पिछले लंबे समय से चलते आ रहे तीन तलाक पर कानून बनाने की मांग के बाद 1 अगस्त 2019 को मोदी सरकार द्वारा तीन तलाक के खिलाफ कानून लाया गया. बीजेपी सरकार की इस पहल से देश की उन तमाम मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली, जिन्हें एक झटके में तीन तलाक कहकर छोड़ दिया जाता था. इस कानून का सीधा मतलब ये है कि अब कोई मुस्लिम पुरुष एक साथ तीन तलाक देकर अपनी  पत्नी को छोड़ नहीं सकता है और अगर ऐसा करता है तो उसे जेल जाना होगा और जुर्माना भी भरना होगा.

जमीनी हकीकत: तीन तलाक के खिलाफ कानून लाए जाने के दो साल बाद साल 2021 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी दावा ने कहा कि इस कानून के बाद ट्रिपल तलाक के मामलों में 80 फीसदी की कमी आई है. 

वहीं साल 2021 में उत्तर प्रदेश में 63 हजार से ज्यादा मामले दर्ज थे, जो कानून लागू होने के बाद 221 रह गए. बिहार में इस एक्ट के लागू होने के बाद केवल 49 मामले ही दर्ज हुए.

निर्भया योजना 

साल 2012 में राजधानी दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप के बाद देश की बेटियों की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड की शुरुआत की गई थी. इस फंड को जमा करने का मकसद महिला सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शुरू करना और रेप पीड़िताओं को आर्थिक मदद देना था. 

जमीनी हकीकत: साल 2021 में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने फंड को लेकर राज्यसभा में अपने एक बयान में कहा कि महिला सुरक्षा पॉलिसी पर काम कर रही कमेटी ने 2021-22 के लिए 9764.30 करोड़ रुपये का फंड निर्धारित किया है. जिसमें से 2871.42 करोड़ योजनाओं पर खर्च किए गए. 

हालांकि साल 2021 के फरवरी महीने में चैरिटी ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट में निर्भया फंड को लेकर अहम जानकारी दी. रिपोर्ट में 2018 से 2021 तक के फंड के बजट का विश्लेषण किया गया था. जिसके अनुसार फंड उन महिलाओं तक सीधा पहुंचा ही नहीं है, जिनके लिए इसे बनाया गया.

हाल ही में निर्भया फंड को लेकर महाराष्ट्र सरकार विवादों में घिरी थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जुलाई 2022 में सरकार ने 47 गाड़ियां लड़कियों की सुरक्षा के लिए खरीदी थी, लेकिन शिंदे ने इन गाड़ियों को विधायकों और सांसदों की सुरक्षा में लगा दिया.

स्पेशल मैटरनिटी लीव 60 दिन

साल 2022 में केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया. इसके अनुसार केंद्र सरकार की सभी महिला कर्मचारी जन्म के समय या उसके तुरंत बाद बच्चे की मौत होने पर 60 दिनों के विशेष मातृत्व अवकाश की हकदार होंगी. आदेश में कहा गया है कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मौत के कारण होने वाले इमोशनल ट्रॉमा का मां के जीवन पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय लिया गया है.

मातृत्व अवकाश या मैटरनिटी लीव वो है, जिसके तहत एक महिला कर्मचारी को उसकी गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और उसकी शुरुआती देखभाल के लिए छुट्टी दी जाती है. महिलाओं को इस अवकाश के लिए उसकी कंपनी पैसों का भुगतान भी करती है. यानि इस लीव में महिलाओं को उनकी पूरी सैलरी दी जाती है.

महिला सशक्तिकरण पर कब-क्या बोले पीएम

  • 15 अगस्त 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाला किल की प्राचीर से देश में महिलाओं के प्रति लोगों के व्यवहार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'हमारे देश के विकास के लिए महिलाओं का सम्मान महत्वपूर्ण स्तंभ है, हमें अपनी ‘नारी शक्ति’ का समर्थन करने की आवश्यकता है. कोई भी राष्ट्र जिसने प्रगति की है, उसके नागरिकों में अनुशासन गहरायी से समाया हुआ है.
  • 9 जून 2022:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने एक संबोधन के दौरान महिला सशक्तिकरण को लेकर कहा, 'हमारी सरकार ने महिलाओं को सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेकों योजनाएं चलाकर समाज में उनकी हिस्सेदारी को मजबूत किया है. हमने सबसे ज्यादा योजनाएं महिलाओं के लिए शुरु किए हैं.'
  • 15 अगस्त 2019 : पीएम मोदी ने देश की महिला शक्ति पर जोर दिया. उन्होंने भाषण में महिलाओं को मजबूती देने की बात की और कहा कि महिलाओं को सभी तरह के अधिकार मिलने चाहिए.
  • 15 अगस्त 2017: अपने भाषण के दौरावन पेड मैटरनिटी लीव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ' सशक्तिकरण के सन्दर्भ में मैं उन बहनों का सम्मान करना चाहूंगा जिन्हें 'तीन तलाक' के कारण जिंदगी में काफी मुश्किलों का सामना किया.' 

 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
Advertisement
metaverse

वीडियोज

PM Modi On ABP: 2024 चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी का फाइनल इंटरव्यू | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: पीएम मोदी से पहली बार जानिए- किस विपक्षी नेता के वे पैर छूते थे | Loksabha ElectionPM Modi On ABP: 'किसी को मुस्लिमों का ठेकेदार नहीं बनना चाहिए'- पीएम मोदी | Loksabha Election 2024PM Modi On ABP: 'हमारा विरोध मुसलमान से नहीं है'- पीएम मोदी | Loksabha Election 2024

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India-Pakistan Relations: कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
कारगिल युद्ध के 25 साल बाद पाकिस्तान का कबूलनामा, अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर नवाज शरीफ ने मानी ये गलती
Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
अखिलेश यादव समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज, जानें क्या है पूरा मामला?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को दूसरी बार मिला सेवा विस्तार, 6 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे चुकी है AAP
Hardik Pandya Divorce: हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
हार्दिक-नताशा तलाक की खबरों ने लिया नया मोड़, करीबी दोस्त का हैरतअंगेज़ खुलासा
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ सबसे ज्यादा मुनाफा! यहां देखें टॉप 5 की लिस्ट
'जवान', 'पठान' या 'एनिमल' नहीं, इस फिल्म को 2023 में हुआ खूब मुनाफा!
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
वैक्सीन बनाने वालों को कम से कम कितनी सैलरी देता है सीरम इंस्टिट्यूट? रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
शरीर में है B12 की कमी तो कुछ ऐसे दिखते हैं लक्षण, जानें एक सेहतमंद व्यक्ति में कितना होना चाहिए लेवल?
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
टूरिज्म में आया उछाल, 119 देशों की सूची में 39वें स्थान पर आया भारत, क्या हैं इसके संकेत
Embed widget