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दक्षिण की राजनीति में ‘सन’राइज़, तमिलनाडु में स्टालिन तो कर्नाटक में कुमारस्वामी के बेटे की एंट्री
‘सन’राइज का यह उदाहरण ना सिर्फ तमिलनाडु या कर्नाटक में बल्कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में चन्द्र बाबू नायडू की सरकार के वक़्त और तेलंगाना में केसीआर की सरकार में भी देखा गया है.
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तमिलनाडु: डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन को डीएमके यूथ विंग का सचिव बनाया गया है. तमिल फिल्म एक्टर उदयनिधि स्टालिन से पहले उनके पिता एमके स्टालिन भी इस पद पर रह चुके हैं. जिसके बाद करुणानिधि ने स्टालिन को कोषाध्यक्ष बनाया था और यूथ विंग के सचिव के तौर पर वी स्वामीनाथन को नियुक्त किया गया था. कुछ दिन पहले स्वामीनाथन ने इस्तीफा दिया है, जिसके बाद उदयनिधि के लिए रास्ता साफ हो गया.
पिता करुणानिधि की मृत्यु के बाद स्टालिन को डीएमके का अध्यक्ष बनाया गया, जो कि करुणानिधि के वक़्त भी वर्किंग प्रेसिडेंट थे. क्योंकि करुणानिधि काफी समय तक राजनीति में अपनी सेहत के कारण सक्रिय नहीं थे. इससे पहले भी करुणानिधि के परिवार में स्टालिन को तवज्जो दिए जाने को लेकर बड़े भाई अलागिरी नाराज रहे और उन्हें पार्टी से साइडलाइन कर दिया गया था, जिसके बाद पूरा कार्यभार स्टालिन को सौंप दिया गया था.
लोकसभा चुनाव में स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने डीएमके के लिए जमकर प्रचार अभियान चलाया था और तमिलनाडु के हर इलाके में जनसंपर्क किया था. पार्टी को लोकसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत भी मिली और विरोधी पार्टी एडीएमके को करारी हार देखनी पड़ी.
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उदयनिधि स्टालिन क्योंकि तमिल फिल्मों में काम करते हैं, इसलिए लोगों के बीच उनकी अपील काफी अच्छी रही है. इसमें कोई दो राय नहीं कि फिल्म जगत से राजनीति में आने का तमिलनाडु में इतिहास रहा है. चुनाव के दौरान उदयनिधी की लोगों के प्रति ये अपील अब उन्हें पार्टी के इस पद पर ले आई है.
तमिलनाडु में कुल 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर चुनाव हुए हैं, जिनमें डीएमके गठबंधन को 37 सीटें मिली हैं. डीएमके का मानना है कि उदयनिधि को यूथ विंग का सचिव बनाए जाने से पार्टी से युवाओं को जोड़ने में मदद मिलेगी. बता दें कि 2016 में जयललिता के रहते एडीएमके को विधानसभा चुनाव में भारी जीत मिली थी और हर पांच साल में सरकार बदलने का इतिहास तोड़ते हुए दोबारा सत्ता पर जयललिता काबिज़ हुई थी. ऐसे में 2021 चुनाव को लेकर अब डीएमके भारी जीत की कोशिश में जुट गई है.
कर्नाटक में भी ‘सन’राइज कर्नाटक में भी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को जेडीएस यूथ विंग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस बात का एलान उनके दादा यानी एचडी देवेगौड़ा ने खुद किया. वहीं, जेडीएस के वर्किंग प्रेसिडेंट के तौर पर मधु बंगारप्पा को नियुक्त किया गया है.
यूथ विंग अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त होने पर निखिल कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले हफ्ते मैंने कहा था कि सवाल उठ सकते हैं कि आपका वंशवाद जारी है, लेकिन यह फैसला मेरे लिए झटका बनकर आया. मुझे वास्तव में आश्चर्य हुआ जब एचडी देवेगौड़ा जी ने यह फैसला लिया. अब मैं पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं.
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‘सन’राइज का यह उदाहरण ना सिर्फ तमिलनाडु या कर्नाटक में बल्कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में चन्द्र बाबू नायडू की सरकार के वक़्त और तेलंगाना में केसीआर की सरकार में भी देखा गया है.
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