एक्सप्लोरर
Advertisement
मुफ़्त अनाज योजना में पलीता लगा रहे कई राज्य, देर से बांट रहे ग़रीबों को अनाज- पीएम मोदी ने बढ़ाने का किया था ऐलान
मुफ्त राशन देने की योजना को नवंबर 2020 तक के लिए और बढ़ा दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम ग़रीब कल्याण योजना के तहत इसका एलान किया था.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम ग़रीब कल्याण योजना के तहत 81 करोड़ ग़रीबों को मुफ्त अनाज देने की स्कीम नवम्बर तक बढ़ाने का ऐलान किया है. पीएम के ऐलान के बाद खाद्य और उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा था कि अब राज्यों को अनाज बंटवारे में कोताही नहीं करनी चाहिए और ज़्यादा संवेदनशील होना चाहिए. पासवान के बयान के पीछे जो आंकड़े हैं उससे साफ़ है कि कई राज्य सरकारें अनाज वितरण के मामले में कछुए की रफ़्तार से चल रही हैं जिसका खामियाजा ग़रीबों को उठाना पड़ रहा है. दरअसल अनाज वितरण की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों की ही होती है. केंद्र सरकार उन्हें मुफ़्त में अनाज मुहैया करवाती है.
चार राज्यों ने नहीं बांटा है जून का अनाज
अगर जून महीने में अनाज के वितरण को देखा जाए तो पता चलता है कि पासवान के बयान का आख़िर क्या मतलब है ? 30 जून तक के आंकड़े बताते हैं कि जून के लिए कुल लाभार्थियों में से केवल 66 फ़ीसदी लाभार्थियों को ही मुफ़्त अनाज बांटा जा सका है. इनमें ज़्यादातर बड़े राज्यों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है. सबसे चौंकने वाली बात ये है कि कुल चार राज्य ऐसे जिन्होंने जून महीने के कोटे का अनाज अभी तक ग़रीबों में बांटना शुरू भी नहीं किया है जबकि जून का महीना ख़त्म भी हो चुका है. इनमें त्रिपुरा के अलावा बिहार , पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य शामिल हैं. यानि बीजेपी और एनडीए शासित राज्य भी पीएम की इस बड़ी योजना में पलीता लगा रहे हैं . शायद इसलिए रामविलास पासवान ने राज्यों से इस मामले में ज़्यादा संवेदनशील होने को कहा है.
नाम बड़े और दर्शन छोटे
इसके अलावा कुछ अन्य बड़े राज्य भी आशा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं. इनमें छत्तीसगढ़ में 59% लाभार्थियों को ही अनाज बांटा जा सका है. वहीं राजस्थान ( 66% ) , गुजरात ( 63% ) ओडिसा ( 71% ) और कर्नाटक ( 75% ) में भी अनाज बंटवारे की चाल काफ़ी धीमी है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य भी इन राज्यों से ज़्यादा आगे नहीं हैं. ताज्जुब की बात ये है कि इनमें से ज़्यादातर राज्य ऐसे हैं जिन्होंने केंद्र सरकार से इस योजना को कम से कम तीन महीने तक बढ़ाने का अनुरोध किया था.
कुछ राज्यों ने अच्छा काम किया
हालांकि 11 राज्य ऐसे हैं जिन्होंने अपने अपने यहां कुल आवंटित अनाज का 100 फ़ीसदी वितरण ग़रीबों में कर दिया है. इनमें आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे बड़े राज्यों के अलावा गोवा , केरल , दिल्ली , लक्षद्वीप और चंडीगढ़ जैसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं. जिन राज्यों ने अपने 90 फ़ीसदी से ज़्यादा लाभार्थियों को मुफ्त अनाज बांट दिया है उनमें उत्तर प्रदेश ( 91% ) , असम ( 93% ) , उत्तराखण्ड ( 90% ) और अरुणाचल प्रदेश ( 98% ) शामिल हैं.
डेढ़ लाख करोड़ का खर्च आएगा
1 जुलाई से प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना - 2 की शुरुआत हुई है जो नवंबर 2020 तक जारी रहेगी. खाद्य मंत्रालय के मुताबिक़ इस दौरान कुल 200 लाख मीट्रिक टन अनाज का 80 करोड़ लाभार्थियों के बीच मुफ्त वितरण किया जायेगा. साथ ही कुल 9.78 लाख मीट्रिक चने का वितरण भी किया जाएगा. इससे क़रीब 81 करोड़ लाभार्थियों और क़रीब 20 करोड़ लाभुक परिवारों को मुफ़्त अनाज मिलेगा. मंत्रालय के मुताबिक़ इसपर लगभग 90 हजार करोड़ का खर्च आएगा और दोनों योजनाओं ( अनाज और चना ) को जोड़ दें तो कुल खर्च लगभग 1.5 लाख करोड़ होगा.
Kanpur Encounter Live Updates: यूपी- कानपुर एनकाउंटर में STF ने संभाला मोर्चा, एनकाउंटर में विकास दुबे के दो रिश्तेदार ढेर
यूपी: कानपुर में आठ पुलिसकर्मी शहीद, समाजवादी पार्टी ने कहा- 'रोगी सरकार' के जंगलराज में 'हत्या प्रदेश' बना उत्तर प्रदेश
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
और देखें
Advertisement
ट्रेडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
आईपीएल
इंडिया
आईपीएल
दिल्ली NCR
Advertisement
for smartphones
and tablets
and tablets
शशि शेखर, स्वतंत्र पत्रकारJournalist
Opinion