महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस द्वारा लगाए गए आरोपों पर सोमवार को सीआईडी जांच के आदेश दिए. बता दें कि देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिनों पहले पेन ड्राइव बम फोड़कर राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था. आज भी उन्होंने एक पेन ड्राइव विधानसभा अध्यक्ष को सैंपा. जिस पर गृह मंत्री दिलीप वालसे ने फडणवीस की खिंचाई करते हुए कहा, "आपने पहले एक पेन ड्राइव दिया, फिर एक और पेन ड्राइव दिया, आज फिर एक पेन ड्राइव दिया, क्या आप जिस तरह से इतने पेन ड्राइव दे रहे हैं, क्या आपने कोई डिटेक्टिव एजेंसी खोली है?" 


'मामले में किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा'


उन्होंने आगे कहा कि आपने जो पेन ड्राइव दिया है, उसकी जांच की जाएगी, इस मामले में किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा. गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले में जो वकील है प्रवीण चव्हाण उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि अब नवाब मलिक की बात करें, तो मलिक जिस तरह से केंद्र की एजेंसियों का खुलासा कर रहे थे, उसके बाद उन पर जिस तरह से कार्रवाई की गई है, वो सबके सामने है.


दिलीप वलसे ने विपक्ष के नेता फडणवीस से कहा कि आप भी राज्य के पांच साल तक मुख्यमंत्री थे, उस समय आपने नवाब मलिक पर कार्रवाई की होती, तो समझा जा सकता था. उन्होंने कहा कि पेन ड्राइव मामले की जांच हम स्टेट सीईआईडी के जरिए करवाएंगे.


'किसी का भी नाम दाऊद से और सरकार से जोड़ते हैं'


उन्होंने कहा, "अब बार-बार आप दाऊद -दाऊद का नाम लेकर किसी का भी नाम दाऊद से और सरकार से जोड़ते हैं. अभी आपने डॉक्टर लांबे का नाम भी दाऊद से जोड़ा, जिसको लेकर बताना चाहते हैं कि वक्फ बोर्ड में डॉक्टर लांबे की नियुक्ति सरकार की तरफ से नहीं की गई,उनका चयन बोर्ड के चुनाव में बतौर सदस्य किया गया था."


'फोन टेपिंग मामले में नाम बदल कर रखा गया था'


उन्होंने फोन टैपिंग मामले को लेकर कहा, "अलग-अलग नेताओं के नाम बदल गए थे. नाना पटोले का नाम अमजद खान रखा गया था. इस तरह से कई नेताओं के नाम फोन टेपिंग मामले में बदल कर रखा गया था." अनिल देशमुख मामले को लेकर उन्होंने कहा, "मैं आपसे पूछता हूं कि एक शख्स जो किसी मामले में आरोपी है, उसके कहने पर राज्य के गृहमंत्री को एक पत्र लिखकर मंत्री पर आरोप लगता है."


'अनिल देशमुख पर बोले दिलीप वालसे'


गृह मंत्री ने कहा, "मामला क्या था, देश के एक बड़े उद्योगपति के घर के नीचे एक कार में जिलेटिन की छड़ें मिलती हैं, फिर अचानक से फिर मनसुख हिरेन की हत्या की जाती है. अलग-अलग जांच एजेंसी शामिल होती है, अब तक एएनआई ने इस मामले में क्या जांच किया, इस पर मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलूंगा." उन्होंने कहा कि पहले अनिल देशमुख पर 100 करोड़ का वसूली का आरोप था, जो अब बढ़कर 250 करोड़ तक आ गया है.


देवेंद्र फडणवीस का ये था आरोप


बता दें कि फडणवीस ने आरोप लगाया था कि उन्हें और बीजेपी के नेताओं को फंसाने के लिए विशेष लोक अभियोजक प्रवीण चव्हाण के कार्यालय में साजिश रची जा रही है. उन्होंने दावा किया था कि उक्त पेन ड्राइव में 125 घंटे की वीडियो रिकॉर्डिंग है, जिसमें दिखाया गया है कि पुलिस और महा विकास आघाड़ी गठबंधन के सदस्यों ने प्रवीण चव्हाण के कार्यालय में मिलकर किस प्रकार बीजेपी नेताओं को गलत मामलों में फंसाने की साजिश रची. फडणवीस ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग उठाई थी.


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