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महाराष्ट्र एटीएस की बड़ी कार्रवाई, आर्थर रोड से चल रहे गवाहों को धमकाने वाले रैकेट का किया पर्दाफाश
महाराष्ट्र एटीएस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो गवाहों को धमकाने का काम करता था. इस पूरे मामले में एक मुंबई पुलिस का हैड कॉन्सटेबल भी पकड़ा गया है.
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मुंबई: महाराष्ट्र एटीएस के डीआईजी शिवदीप लांडे की टीम ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो गवाहों को धमकाने का काम करता था. इस मामले में पुलिस ने आजीवन कारावास की सजा काटने वाले गैंगस्टर के साथ जेल के हेड कॉन्स्टेबल अर्जुन घोड़के को भी गिरफ्तार किया है. एटीएस ने जांच में पाया कि कैसे एक गैंगस्टर जेल के अंदर से इंस्ट्रक्शन वाली चिट्ठी लिखकर उसके गुर्गों, जो जेल से बाहर हैं उनको देता था, और उनसे खास मामलों के गवाहों को धमकी दिलवाता था और इन चिट्ठियों को बाहर पहुंचाने में कैसे हेड कांस्टेबल गैंगस्टर की मदद करता था.
इस मामले में एटीएस ने गैंगस्टर हरीश मांडवीकर को सोमवार को गिरफ्तार किया था. आपको बता दें कि हरीश मांडवीकर पहले से ही मुंबई के आर्थर रोड जेल में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और आरोप है कि वो अपने गिरोह का संचालन जेल से कर रहा है.
एटीएस ने बताया कि जून 2015 में उन्होंने मेफेड्रिन मैन्युफेक्चर और डिस्टिब्यूशन रैकेट को ध्वस्त किया था, जिसमे लगभग 155 किलोग्राम कच्चे और तैयार किए गए करोड़ों की कीमत की मेफेड्रिन जब्त किया था. उस मामले में एटीसी ने सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक साजिद इलेक्ट्रिकवाला नाम का आरोपी भी शामिल था.
इलेक्ट्रिकवाला, आर्थर रोड जेल में बंद, गैंगस्टर हरीश मांडवीकर के संपर्क में था. मार्च 2020 में 2015 के इसी ड्रग्स मामले में एक गवाह इलेक्ट्रिकवाला के खिलाफ कोर्ट में बयान दर्ज करवा रहा था, पर लॉकडाउन के चलते उसकी गवाही टल गयी और अगली तारीख नवंबर 2020 दी गयी थी इसी दौरान उस गवाह को मांडवीकर के लोगों ने धमकी देना शुरू कर दिया.
कैसे पूरे गैंग का पता चला
उस गवाह ने उसे मिली धमकी की शिकायत एटीएस की कांदिवली की चारकोप यूनिट को की. गवाह ने बताया कि उसे सुजीत पडवलकर और सचिन कोलेकर नाम के शख्स ने धमकी दी और झूठा बयान देने को कहा. जिसके बाद पुलिस ने पडवलकर और कोलेकर को हिरासत में लिया तब पूछताछ के दौरान उन दोनों ने कहा कि वो गैंगस्टर हरीश मांडविकर के आदेश पर काम कर रहे थे.
आगे की जांच में पता चला कि गैंगस्टर मांडवीकर हेड कॉन्स्टेबल के माध्यम से कोलेकर जैसे उसके गिरोह के सदस्यों तक अपना इंस्ट्रक्शन चिट्ठियों के माध्यम से भेजा करता था.
मांडविकर को जब भी अपनी गैंग को कुछ टारगेट देना होता था, जैसे किसी मामले के गवाह को धमकाना, वह अपने उस इंस्ट्रक्शन को एक चिट्ठी में लिखता था और वह चिट्ठी हेड कॉन्स्टेबल अर्जुन घोड़के के माध्यम से कोलेकर तक पहुंचाता था फिर कोलेकर आगे क्या करना है वो पडवलकर को बताता था, जिसके बाद पडवलकर गवाहों को धमकी देने जाता था.
आपको बता दें कि, मांडविकर के खिलाफ 13 मामले हैं, जिनमें 'मटका किंग' सुरेश भगत की हत्या भी शामिल है, जिसमें उसे दोषी ठहराया गया है और उम्रकैद की सजा मिली है. कहा जाता है कि मुंबई के उत्तर-पश्चिमी उपनगरों में मांडविकर गिरोह अब भी सक्रिय है.
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