BJP-TDP-JSP Alliance: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने लिए 370 प्लस और एनडीए के लिए 400 प्लस सीटें जीतने का टारगेट रखा है. इसके लिए पार्टी ने गठबंधन में कई छोटे-बड़े दलों को शामिल भी किया. वहीं, आंध्र प्रदेश में बीजेपी के नेता तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जन सेना पार्टी (जेएसपी) के गठबंधन से खुश नजर नहीं आ रहे.


दि हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, खुले मंचों से नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ बोलना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी नेता उम्मीद कर रहे हैं कि जो वो बोल रहे हैं उस पर पार्टी आलाकमान विचार जरूर करेगा. इसको लेकर हंगामा तो उसी वक्त शुरू हो गया था जब बीजेपी-टीडीपी-जेएसपी के गठबंधन की खबरें आनी शुरू हुईं थीं.


बैठक के दौरान नेताओं ने किया विरोध


कथित तौर पर पार्टी की आंतरिक बैठकों के दौरान कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. इसके साथ ही इस मुद्दे को विविध क्षेत्र बैठक (बीजेपी और आरएसएस की बैठक) में भी जोरशोर से उठाया गया. बैठकों के नतीजों की जानकारी रखने वाले एक बीजेपी नेता का कहना है कि कैडर को डर है कि गठबंधन पार्टी को कम से कम 10 साल पीछे धकेल देगा. नेताओं का मानना है कि टीडीपी के साथ गठबंधन पार्टी के संगठनात्मक विकास और वैचारिक ताकत से समझौता करेगा.


'टीडीपी का कांग्रेस से हाथ मिलाना नहीं भूल सकते'


एक नेता ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, “सबसे बड़ी बात है कि कई नेताओं को ये गठबंधन हजम नहीं हो रहा. कैडर ये नहीं भूला है कि साल 2018 में टीडीपी एनडीए से बाहर हो गई थी और कांग्रेस पार्टी से हाथ मिला लिया था. 2019 के चुनावों से पहले अपनी यात्राओं के दौरान टीडीपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उससे कैडर अभी भी नाराज है.”


इस गठबंधन के बाद ऐसी आशंका व्यक्त की गई है कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी को मजबूत करने के लिए की गई मेहनत बर्बाद हो जाएगी.


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