Amit Shah On Electoral Bonds: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (15 मार्च) को कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय राजनीति में से काले धन का वर्चस्व समाप्त करने के लिए लाया गया था. उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. 


गृह मंत्री का यह बयान चुनाव आयोग की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड पर एसबीआई से प्राप्त हुए आंकड़ों को सार्वजनिक किए जाने के अगले दिन आया. चुनाव आयोग ने गुरुवार (14 मार्च) शाम अपनी वेबसाइट पर आंकड़े अपलोड कर दिए थे.


इलेक्टोरल बॉन्ड पर क्या कुछ बोले गृह मंत्री अमित शाह?


केंद्रीय गृह मंत्री ने शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में इलेक्टोरल बॉन्ड पर सवाल पूछे जाने पर कहा, ''इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय राजनीति में से काले धन का वर्चस्व समाप्त करने के लिए लाया गया था. सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देती है वो सबको मानना होता है, मैं इस पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहता. अभी भी सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है. मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करता. मैं किसी भी मंच पर किसी भी व्यक्ति से चर्चा करने के लिए तैयार हूं. इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय राजनीति में से काला धन समाप्त करने के लिए लाया गया.''


गृह मंत्री ने कहा, ''कोई मुझे ये समझा दे कि इलेक्टोरल बॉन्ड आने के पहले किस तरह से चंदा आता था? तो कैश से आता था. बॉन्ड में किस तरह से आता है? तो अपनी कंपनी के चेक आरबीआई को देकर एक बॉन्ड परचेज करते हैं और देते हैं. इसमें गोपनीयता का सवाल आ गया. जो कैश में चंदा आता था, उसका क्या हुआ, किसका नाम जाहिर हुआ है? मुझे बताइये, आज तक किसी का हुआ है क्या? किसी का नहीं हुआ है.''


गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर साधा निशाना


गृह मंत्री शाह ने कहा, ''एक परसेप्शन चलाया जा रहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से भारतीय जनता पार्टी को बड़ा फायदा हुआ है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पावर में है वगैरह. अभी राहुल गांधी ने तो स्टेटमेंट कर दिया कि दुनिया की सबसे बड़ी उगाही का अगर कोई जरिया है तो इलेक्ट्रॉनिक बॉन्ड है. मालूम नहीं इनको कौन ये सब लिखकर देता है. मैं पोजीशन आज देश की जनता के सामने स्पष्ट कर देना चाहता हूं. भारतीय जनता पार्टी को एप्रोक्सीमेटली 6000 करोड़ के बॉन्ड मिले हैं. टोटल बॉन्ड 20,000 करोड़ के हैं. तो 14,000 करोड़ के बॉन्ड कहां गए?''


उन्होंने कहा, ''मैं बताता हूं. टीएससी को 1600 करोड़ के मिले, कांग्रेस को 1400 करोड़ के मिले, बीआरएस को 1200 करोड़ के मिले, बीजेडी को 775 करोड़ के मिले और डीएमके को 639 करोड़ के मिले... देश में हमारे 303 सांसद हैं, हमें 6000 करोड़ के बॉन्ड मिले हैं और 242 सांसद जिन पार्टियों के हैं, इनको 14,000 करोड़ के बॉन्ड निकले, क्या शोर-शराबा कर रहे हो?'' गृह मंत्री ने कहा, ''मैं दावे से कहता हूं, जब हिसाब खुलेगा, ये लोग आपको फेस नहीं कर पाएंगे.''


'ये बॉन्ड का धन काला धन नहीं'


कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गृह मंत्री ने कहा, ''ये बॉन्ड का धन काला धन नहीं है, उनकी बैलेंस शीट में रिफ्लेक्ट करता है कि हमने चुनाव के लिए बॉन्ड दिया है... ये पार्टी के बैलेंस शीट में रिफ्लेक्ट होता है और बॉन्ड कितना दिया गया, कंपनी की बैलेंस शीट में रिफ्लेक्ट होता है. क्या गोपनीय बचा?


'फिर से कालेधन की वापसी का डर'


गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें इसका सॉल्यूशन नहीं दिख रहा है, फिर से कालेधन की वापसी का डर है. उन्होंने कहा, ''इलेक्टोरल बॉन्ड को स्क्रैप करने की जगह सुधारना चाहिए, ऐसा मेरा व्यक्तिगत मत है, जो कोई मायने नहीं रखता, देश की सबसे बड़ी अदालत ने जो फैसला दिया है, इसका मैं सम्मान करता हूं.'' बता दें कि राजनीतिक फंडिंग की व्यवस्था के लिए केंद्र सरकार 2018 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को रद्द कर दिया था.


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