कोलकाता: कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अब दीदी का साथ भी पूरी तरह मिल गया है. खुद ममता बनर्जी आज कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठेंगी. कोलकाता में तृणमूल की तरफ से 8 से 10 दिसंबर तक यह धरना प्रदर्शन किया जाएगा जिसके आखिरी दिन ममता बनर्जी इसे संबोधित करेंगी. ममता दोपहर 3 बजे गांधी मूर्ति पहुंचेंगी.


मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार को 'जनविरोधी' कृषि कानूनों को तुरंत वापस ले लेना चाहिए या फिर इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को किसानों के अधिकारों को नष्ट करके सत्ता में नहीं रहना चाहिए.


ममता बनर्जी ने आंदोलनरत किसानों की मांगें न माने जाने और सरकार द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने पर भी चिंता जताई थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा ता, "मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए. अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे. हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं."


ममता ने कहा था कि केंद्र सरकार सब कुछ बेच रही है. उन्होंने कहा, "आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंकों, रक्षा आदि को नहीं बेच सकते."


सीएम ने कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अलिखित विघटनकारी और निजीकरण नीति को वापस ले. हमने अल्टीमेटम दिया है."


क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.


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