(Source: ECI / CVoter)
मिसाल: केरल में UPSE प्री परीक्षा में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बैठी 24 साल की लतीशा
लतीशा ने बताया कि वह पिछले करीब डेढ़ साल से संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की इस प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी कर रही है और उन्हें आशा है कि उनकी कोशिशें सार्थक होगी.
तिरूवनंतपुरम: टाइप 2 ओस्टियोजेनेसिस इमपरफेक्टा नाम के एक दुर्लभ रोग और सांस लेने में परेशानी भी केरल की कोट्टायम निवासी 24 साल की लतीशा अंसारी के हौसले को नहीं डिगा सकी. वह रविवार को व्हीलचेयर पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में बैठी.
लतीशा ने बताया कि वह पिछले करीब डेढ़ साल से संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) की इस प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी कर रही है और उन्हें आशा है कि उनकी कोशिशें सार्थक होगी. वह जन्म के बाद से ‘टाइप 2 ओस्टियोजेनेसिस इमपरफेक्टा’ से ग्रसित हैं. साथ ही, एक साल से अधिक समय से वह सांस लेने में परेशानी का भी सामना कर रही हैं, जिसके चलते हमेशा ही उन्हें एक ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है.
कोट्टायम जिला कलेक्टर पीआर सुधीर बाबू के हस्तक्षेप के चलते परीक्षा भवन के अंदर लतीशा को ‘ऑक्सीजन कांसेंट्रेटर’ उपलब्ध कराया गया. आनुवांशिक विकार से ग्रस्त बच्चों के लिए काम करने वाली एक संस्था अमृतवर्षिनी की लता नायर ने कहा कि लतीशा जैसी अभ्यर्थियों को यूपीएससी द्वारा बेहतर सुविधाएं दिए जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि लतीशा को मेडिकल जरूरतों के लिए हर महीने करीब 25,000 रूपये की जरूरत है.
यूपीएससी ने देश भर के 72 शहरों में रविवार को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की. दिल्ली के परीक्षा पर अभ्यर्थी समय से पहुंच सकें इसके मद्देनजर दिल्ली मेट्रो में सुबह 6 बजे से ही अपनी सेवाएं शुरू दी थी.
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