एक्सप्लोरर

चीन का उकसावा या कुछ और...लक्षद्वीप पहुंचे पीएम मोदी तो मालदीव को क्यों लगी मिर्ची?

पीएम मोदी की पर्यटकों से लक्षद्वीप घूमने की अपील से मालदीव के कुछ नेता बौखला गए. उन्‍होंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत पर अपमानजनक ट‍िप्‍पणी कर डाली, ज‍िसने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर द‍िया.

India Maldives Row: दक्षिण एशिया में हिंद महासागर के बीच बसा देश मालदीव अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में ख्यात है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप जाने और वहां से सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डालने के बाद से ही मालदीव और उसके कुछ नेता ऐसे बौखलाए हुए हैं. इसकी वजह से अब भारत और मालदीव के रिश्ते में दरार आ गई है. सवाल ये हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है? क्यों प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव के नेताओं को मिर्ची लग रही है? क्या मालदीव के नेताओं का भारत के खिलाफ दिया गया बयान चीन के उकसावे पर है या फिर इसके पीछे है दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का कोई बड़ा गेम प्लान? 

दरअसल, मालदीव एशिया महाद्वीप का सबसे छोटा देश है. कहने को तो ये देश करीब 90 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, लेकिन जमीन के नाम पर इसके पास महज 298 वर्ग किलोमीटर का ही इलाका है. इतना छोटा कि ये दिल्ली और मुंबई तो छोड़िए लखनऊ के आगे भी कहीं नहीं टिकता है, लेकिन खूबसूरत इतना है कि दुनिया भर के लोग यहां आते हैं. 

मालदीव को अपने देश की खूबसूरती पर गुमान भी है. तभी तो जब प्रधानमंत्री मोदी लक्षद्वीप गए, वहां स्नॉर्किंग की और सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की खूबसूरती का जिक्र करते हुए उसे और बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने की बात की तो मालदीव को मिर्ची लग गई. मालदीव के मंत्रियों ने लक्षद्वीप के बहाने पहले प्रधानमंत्री और फिर पूरे भारत को ही लपेट लिया और उल्टी-सीधी बयानबाजी करने लगे.

मालदीव की सभी फ्लाइट और होटल बुकिंग कैंसल 

नतीजा ये हुआ कि भारत ने पलटवार किया. वैसे ये पलटवार सरकार ने नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर बैठे लोगों ने किया, जिन्होंने बायकॉट मालदीव ट्रेंड करवा दिया. इसके बाद टूरिज्म की एक वेबसाइट ने मालदीव की सारी फ्लाइट और होटल बुकिंग कैंसल कर दी. फिर भारत के सेलिब्रिटी भी देश के पक्ष में खड़े हो गए. सोशल मीडिया पर अमिताभ बच्चन से लेकर अक्षय कुमार और वीरेंद्र सहवाग ने टिप्पणी की तो सरकार की ओर से भारतीय उच्चायोग ने मालदीव सरकार से आपत्ति दर्ज करवाई. 

भारत की आलोचना पर 3 मंत्रियों को देना पड़ा इस्तीफा 

इस मामले में मालदीव को अपने ही घर में भी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसमें मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद, पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने अपनी ही सरकार को नसीहत दे दी. नतीजा ये हुआ कि मालदीव बैकफुट पर आ गया और प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही भारत की आलोचना करने वाले 3-3 मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ गया.

भारत से हर साल 2 लाख से ज्यादा लोग जाते हैं मालदीव 

मालदीव की सरकार ने खुद को अपने मंत्रियों के बयानों से अलग करके भारत के साथ रिश्ते सुधारने की भी कोशिश की, लेकिन मालदीव जैसे देश का भारत के खिलाफ दिया बयान यहां के आम लोगों को इतना अखरा है कि वो अब मालदीव को बख्शने के मूड में नहीं हैं. और इसका नुकसान किसी और को नहीं सिर्फ मालदीव्स को ही उठाना पड़ेगा, क्योंकि भारत से हर साल 2 लाख से भी ज्यादा लोग मालदीव घूमने जाते हैं. लेकिन अब लोग मालदीव्स की टिकट कैंसल करवाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं कि उनके पास लक्षद्वीप के रूप में अपना मालदीव है तो दूसरे देश जाने की जरूरत ही क्या है.

ऑपरेशन कैक्टस नहीं किया होता तो मालदीव का नक्शा कुछ और होता  

और रही बात मालदीव की तो भारत के साथ तो उसके ऐसे रिश्ते रहे हैं कि अगर भारत ने मालदीव में घुसकर ऑपरेशन कैक्टस नहीं किया होता तो मालदीव का नक्शा शायद कुछ और ही होता. ये बात है साल 1988 की. तब भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी और मालदीव के राष्ट्रपति मौमूल अब्दुल गयूम थे. तब मालदीव की सेना ने श्रीलंका के विद्रोहियों के साथ मिलकर अब्दुल गयूम का तख्तापलट करने की कोशिश की थी. इससे पहले 1980 और 1983 में भी तख्तापलट की कोशिश हुई थी, जो नाकाम हो गई थी. लेकिन 1988 में 3 नवंबर की सुबह पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम के करीब 100 लड़ाके मालदीव पहुंच गए और उन्होंने एयरपोर्ट, बंदरगाहों, टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर कब्जा कर लिया. विद्रोही मालदीव की सेना के साथ मिलकर राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा करना चाहते थे, लेकिन राष्ट्रपति सुरक्षित बच गए. 

राजीव गांधी के आदेश पर हुआ था ऑपरेशन कैक्टस

उन्होंने तब श्रीलंका, पाकिस्तान, सिंगापुर और अमेरिका से मदद मांगी, लेकिन काम भारत ही आया. राजीव गांधी के आदेश पर ऑपरेशन कैक्टस हुआ और तख्तापलट की कोशिश नाकाम हो गई. इसके बाद से ही मालदीव और भारत के संबंध दोस्ताना ही रहे. कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारत ने वैक्सीन की खेप मालदीव को पहुंचाई थी. इसके अलावा 2014 में जब मालदीव में पानी का संकट खड़ा हो गया था, तब भारत ने अपने जहाजों में पानी भरकर देश के लोगों की प्यास बुझाई थी. अभी मालदीव के जो पिछले राष्ट्रपति थे इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, उन्होंने तो 'इंडिया फर्स्ट' की नीति लागू कर रखी थी. लेकिन पिछले चुनाव में सोलिह की हार हुई थी और मुइज़्ज़ू मालदीव के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने 'इंडिया आउट' का नारा दे दिया. इसी नारे के साथ वो चुनाव में उतरे भी थे और जीत भी दर्ज की थी. जीतने के बाद उन्हें लगा कि भारत के खिलाफ जाने की नीति ने ही उन्हें चुनाव जिताया है तो वो भारत विरोधी कृत्यों में उलझ गए.

भारत विरोधी को चीन और पाकिस्तान का साथ

यही वजह है कि अब तक मालदीव के जितने भी राष्ट्रपति होते थे वो अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत का चुनाव करते थे, लेकिन मुइज्जू ने अपनी यात्रा के लिए तुर्की को चुना, जिसका भारत के खिलाफ रुख जगजाहिर है. और अभी भारत-मालदीव को लेकर जो विवाद हुआ है तो इस बीच मुइज्जू चीन होकर आ गए हैं, जिसने मालदीव्स का भारत के प्रति रुख साफ कर दिया है. और जो भी भारत का विरोधी है, चीन और पाकिस्तान उसके साथ है. तो चीन ने मालदीव की नई नीति का समर्थन कर दिया. लेकिन अपने फायदे के लिए. 

कर्ज की वजह से मालदीव के होंगे श्रीलंका जैसे हालात 

चीन ने मालदीव को इतना कर्ज दे रखा कि वो भी श्रीलंका जैसी हालत में आ गया है. मालदीव पर जो कुल विदेशी कर्ज है, चीन अकेले उसके 70 फीसदी कर्ज के लिए जिम्मेदार है. मालदीव्स की जो 540 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आस-पास की जीडीपी है, उसका 10 फीसदी हिस्सा तो अकेले चीन को कर्ज चुकाने में ही चला जाता है. इसके बावजूद मालदीव चीन की गुलामी कर रहा है, तो आने वाले दिनों में उसकी हालत भी श्रीलंका जैसी हो सकती है.

मालदीव में 98 फीसदी आबादी मुस्लिम 

अमेरिका ने यहां तक दावा कर दिया है कि मालदीव के एक शहर में दुनिया के खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस का भी ऑफिस है. और इसकी वजह ये है कि सुन्नी बहुल मालदीव धर्म को लेकर कट्टर है. यहां की 98 फीसदी आबादी मुस्लिम है और उनमें भी सुन्नी हैं, जबकि 2 फीसदी अन्य धर्मों के लोग हैं, लेकिन उनके पास धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है. रही बात धार्मिक मसलों की तो मालदीव में धार्मिक मसलों को लेकर बाकायदा एक मंत्रालय भी है, जिसे मिनिस्ट्री ऑफ इस्लामिक अफेयर्स कहा जाता है. ऐसे में मालदीव के साथ भारत के रिश्ते फिलहाल तो सुधरते नहीं दिख रहे हैं. 

टूर‍िज्‍म पर ट‍िकी है मालदीव की पूरी अर्थव्‍यवस्‍था 

मालदीव की राजधानी माले में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को देश के विदेश मंत्रालय ने समन भेजा है. इससे पहले भारत ने भी नई दिल्ली में मौजूद मालदीव के राजदूत को तलब किया था. और अब इसे भारत की तरफ से लिए गए राजनयिक एक्शन का रिएक्शन माना जा रहा है. तो कुल मिलाकर अभी बात बनने से ज्यादा बिगड़ती जा रही है और अगर बात बिगड़ती है तो उसका नुकसान भारत को नहीं बल्कि सीधे तौर पर मालदीव्स को ही होगा, जिसकी पूरी अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर टिकी है और इसमें भी बड़ा हिस्सा भारत का रहा है. भारत के तो टूरिस्ट मालदीव की बजाय लक्षद्वीप चले जाएंगे, लेकिन मालदीव्स को फिर से पानी के संकट का सामना करना पड़ा तो अब मुश्किल है कि भारत फिर से अपने जहाजों के जरिए मालदीव्स को पानी पिलाए.  

यह भी पढ़ें: बिलकिस कांड के दोषियों को वापस जाना पड़ेगा जेल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'गुजरात सरकार का फैसला गलत था'

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
ब्रिटेन ने दिया बड़ा झटका, 91 हजार भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर, जानिए पूरा मामला
ब्रिटेन ने दिया बड़ा झटका, 91 हजार भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर, जानिए पूरा मामला
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा?  दो साल बाद हुआ खुलासा
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा? हुआ खुलासा
...तो घाटकोपर में बच जाती 14 लोगों की जान, BMC ने 2 हफ्ते पहले ही होर्डिंग हटाने के लिए दिया था नोटिस
...तो घाटकोपर में बच जाती 14 लोगों की जान, BMC ने 2 हफ्ते पहले ही होर्डिंग हटाने के लिए दिया था नोटिस
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Podcast: क्या मतलब है होता Kafir का Dharma LiveLoksabha Election 2024: पीएम मोदी के नामांकन से जुड़ी पूरी अपडेट | ABP News | Breakingये ग्रह है कुंडली में अच्छा तो होंगे मालामाल! Dharma Liveबंद कमरे में रिश्तों की अदला-बदली! | Sansani

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
एल्गार परिषद मामले में गौतम नवलखा को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत
ब्रिटेन ने दिया बड़ा झटका, 91 हजार भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर, जानिए पूरा मामला
ब्रिटेन ने दिया बड़ा झटका, 91 हजार भारतीय छात्रों पर पड़ेगा असर, जानिए पूरा मामला
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा?  दो साल बाद हुआ खुलासा
किसके जैसा दिखता है नुसरत जहां का बेटा? हुआ खुलासा
...तो घाटकोपर में बच जाती 14 लोगों की जान, BMC ने 2 हफ्ते पहले ही होर्डिंग हटाने के लिए दिया था नोटिस
...तो घाटकोपर में बच जाती 14 लोगों की जान, BMC ने 2 हफ्ते पहले ही होर्डिंग हटाने के लिए दिया था नोटिस
केएल राहुल पर पब्लिकली भड़के थे संजीव गोयनका, अब पत्नी अथिया शेट्टी ने शेयर किया पोस्ट
अथिया शेट्टी ने शेयर किया क्रिप्टिक पोस्ट, केएल राहुल का वीडियो हुआ था वायरल
एटम बमों पर बैठा एशिया! भारत-चीन-पाकिस्तान समेत 8 देशों की दुश्मनी भड़का रही परमाणु युद्ध आग
एटम बमों पर बैठा एशिया! भारत-चीन-पाकिस्तान समेत 8 देशों की दुश्मनी भड़का रही परमाणु युद्ध आग
Maruti First Car: Maruti की पहली कार, जिसने ला दी थी ऑटो सेक्टर में क्रांति, 80 के दशक में थी ये कीमत
Maruti की पहली कार, जिसने लाई ऑटो सेक्टर में क्रांति, 80 के दशक में थी ये कीमत
Elon Musk: 'एलन मस्क को चीन में लूट लिया जाएगा, भारत की बजाय चीन को चुनकर बन गए लूजर'
'एलन मस्क को चीन में लूट लिया जाएगा, भारत की बजाय चीन को चुनकर बन गए लूजर' 
Embed widget