![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Independence Day 2022: अंग्रेजों ने भारत के 45 ट्रिलीयन डॉलर के संसाधनों पर कर दिया था हाथ साफ, अनमोल कोहिनूर हीरा समेत इन चीजों को चुराया
British Loot in India: अंग्रेजों ने 1765 से 1938 तक भारत के करीब 45 ट्रिलियन डॉलर के संसाधनों पर हाथ साफ कर दिया था. एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक ने अपने निबंध में इसका जिक्र किया था.
![Independence Day 2022: अंग्रेजों ने भारत के 45 ट्रिलीयन डॉलर के संसाधनों पर कर दिया था हाथ साफ, अनमोल कोहिनूर हीरा समेत इन चीजों को चुराया Independence Day 2022 British Steal resources of 45 trillion dollars of India including priceless Kohinoor diamond Independence Day 2022: अंग्रेजों ने भारत के 45 ट्रिलीयन डॉलर के संसाधनों पर कर दिया था हाथ साफ, अनमोल कोहिनूर हीरा समेत इन चीजों को चुराया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/15/a35965a1a26f4b19b3160b2384e0aeff1660553627004488_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Valuable Things Stolen By The British from India: भारत (India) जब-जब स्वंत्रता दिवस (Independence Day) का जश्न मनाता है तो अंग्रेजों (The British) की काली करतूतों का जिक्र बर्बर ही हो उठता है. कहा जाता है कि अंग्रेजों ने अपने शासनकाल में भारत को इतना लूटा कि 45 ट्रिलियन डॉलर की कीमत के संसाधनों पर हाथ साफ कर दिया.
कहा जाता है कि अंग्रेजों ने यह लूट 1765 से 1938 तक की थी. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक (Utsa Patnaik) ने एक निबंध में भारत से अंग्रेजों द्वारा लूटे गए खजाने का जिक्र किया था.
कोहिनूर हीरा
सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत से अंग्रेज अनमोल हीरा कोहिनूर लूट ले गए. कोहिनूर हीरा आंध्र प्रदेश की कोल्लूर खदान से निकला था. यह मिला कब था, इस बारे में कोई सटीक अनुमान उपलब्ध नहीं है. समय-समय पर यह अलग-अलग राजाओं के पास रहा. कोहिनूर का वजन 105.6 मीट्रिक कैरेट यानी 21.6 ग्राम है. वर्तमान में यह ब्रिटेन के एक म्यूजियम टावर ऑफ लंदन के ज्वेल हाउस में है. अग्रेज इसे 1849 में लूट ले गए थे और ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को यह सौंप दिया था. इसके बाद इसे महारानी विक्टोरिया मुकुट में जड़ दिया गया था. यह पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां के सिंहासन में भी लगा रहा और फिर कुछ समय पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के पास रहा था.
सुल्तानगंज की बुद्ध प्रतिमा
1861 में बिहार के सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन पर गेस्ट रूम बनाने के लिए खुदाई की जा रही थी, तब भगवान बुद्ध की एक विशाल ताम्र प्रतिमा मिली थी. अंग्रेज इसे ब्रिटेन ले गए और यह आज भी बर्मिंघम के म्यूजियम में रखी है. यह मूर्ति लगभग ढाई मीटर ऊंची और एक मीटर चौड़ी है. इसका वजन 500 किलोग्राम से ज्यादा बताया जाता है. पुरातत्त्वविदों के अनुसार, बुद्ध की इस मूर्ति को 500 से 700 से ७०० ईसवी में बनाया गया होगा.
अमरावती मार्बल्स
1859 में अंग्रेजों ने अमरावती में खुदाई के दौरान मिली संगमरमर की मूर्तियों और शिलालेखों पर हाथ साफ कर दिया. इन मूर्तियों और शिलालेखों को अमरावती मार्बल्स भी कहा जाता है. अंग्रेजों ने इन्हें चुराकर मद्रास के रास्ते ब्रिटेन ले गए थे. लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में में अमरावती मार्बल्स को रखा गया है.
टीपू सुल्तान की अंगूठी और तलवार
1799 में अंग्रेस मैसूर के बादशाह टीपू सुल्तान की अंगूठी और तलवार चुरा ले गए थे. इस वर्ष टीपू सुल्तान और अंग्रेजों के बीच श्रीरंगपट्टनम में जंग हुई थी, जिसमें टीपू हार गए थे और उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद अंग्रेज उनकी शव से अंगूठी और तलवार ले भागे थे. बीच में खबर आई थी भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या टीपू की तलवार ले आया है लेकिन अब तक पता नहीं चला है कि आखिर वह कहां रखी है. टीपू की अंगूठी ब्रिटेन में बताई जाती है. कहा जाता है कि टीपू की अंगूठी में देवनागरी लिपि में श्रीराम लिखा है.
शाहजहां का वाइन कप
पांचवें मुगल बादशाह शाहजहां का वाइन कप 19वीं सदी में अग्रेज अधिकारी कर्नल चार्ल्स सेटोम गुथरी ने कब्जा लिया था. कहा जाता है कि 1857 की क्रांति के बाद गुथरी इसे ले गया था. 1962 में यह लंदन के विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम रखा गया था. यह वाइन कप नेफराइट जेड नाम के खनिज पदार्थ से बनाया गया था.
यह भी पढ़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)