IAF Chief: ‘वायुसेना की ताकत का उदाहरण था बालाकोट ऑपरेशन’, बोले एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी
IAF Chief On Balakot Airstrike: साल 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में हुई एयरस्ट्राइक को याद करते हुए भारतीय वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने इसे प्रभावशाली प्रदर्शन करार दिया है.

IAF Chief VR Chaudhari: भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने मंगलवार (18 अप्रैल) को भारत की वायु शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि साल 2019 के बालाकोट ऑपरेशन ने 'नो वार, नो पीस' परिदृश्य और "परमाणु संकट" के तहत भी अपनी प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ देश की वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल प्रभावी ढंग से किया जा सकता है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वायु शक्ति निहित लचीलेपन और बेमिसाल सटीक प्रहार क्षमता की वजह से एक पसंदीदा विकल्प बन गई है. उन्होंने कहा, "बालाकोट जैसे अभियानों ने यह भी प्रदर्शित किया है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति को देखते हुए, एयरोस्पेस शक्ति को प्रभावी रूप से बिना किसी युद्ध, बिना शांति के परिदृश्य में प्रभावी रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है."
एयरचीफ मार्शल ने सेमिनार में लिया हिस्सा
'एयरोस्पेस पावर: पिवोट टू फ्यूचर बैटलस्पेस ऑपरेशंस' पर एक सेमिनार में हिस्सा लेते हुए एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा, ‘हमारे पास किसी भी हमले का जवाब देने के लिए विकल्पों की भरमार हो गई है.’ अपने संबोधन में उन्होंने सुरक्षा को मजबूत करने के लिए और उपायों पर भी चर्चा की.
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, “भारत की सुरक्षा चिंताओं के लिए यह आवश्यक है कि वह पर्याप्त सैन्य शक्ति स्थापित करे. साथ ही इसमें सूचना का प्रभुत्व सुनिश्चित हो, जिससे जरूरत पड़ने पर हमारे पास जबरदस्त और कई प्रतिक्रिया विकल्प हों.”
उन्होंने कहा, “हवाई क्षेत्र को नियंत्रित करने में सक्षम होना भविष्य में और इसे हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस शक्ति की खासियत लीडरशिप को सही रणनीति बनाने की क्षमता देती है. एयरोस्पेस पॉवर के क्षेत्र में भारत की बढ़त को देखते हुए भविष्य में युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना अहम भूमिका निभा सकती है.”
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने यह भी कहा कि सीएमओएस (पूरक धातु ऑक्साइड अर्धचालक) सेंसर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव रहित टीमिंग सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता है. अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान "कल के युद्ध" लड़ने में एक निर्णायक कारक साबित होंगे.
भारत के युद्धक विमानों ने फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी की थी. पुलवामा आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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