गांधीनगर: गुजरात चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे है., वैसे-वैसे चुनावी घमासान तेज होता जा रहा है. इसी बीच रेशमा पटेल और वरुण पटेल की पीसी में जमकर हंगामा हुआ. पाटीदार आरक्षण आंदोलन से मशहूर हुए रेशमा पटेल, वरुण पटेल और महेश पटेल हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं.


रेशमा-वरुण ने लगाया हार्दिक पर गद्दारी का आरोप

रेशमा और वरुण, हार्दिक पटेल पर समाज के साथ गद्दारी करने का आरोप लगाते हुए प्रेस कांन्फ्रेंस कर रहे थे, तभी हार्दिक समर्थक यहां पहुंच गए और जमकर हंगामा किया. रेशमा पटेल और वरुण पटेल की बीजेपी में एंट्री को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है. हार्दिक पटेल का काउंटर करने के लिए ही इन दोनों को बीजेपी में शामिल कराया गया है.



डिप्टी सीएम नितिन पटेल का विवादास्पद बयान

वहीं, गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने विवादास्पद बयान दिया है. नितिन पटेल ने कहा कि सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस आतंकी हाफिज सईद को भी पार्टी में शामिल कर सकती है.

पिछले कुछ दिनों में गुजरात की राजनीति में कई ट्विस्ट देखने को मिले हैं. कैशकांड, फिर गांधीनगर में ओबीसी के बड़े नेता अल्पेश ठाकोर का कांग्रेस में शामिल होना. राज्य में कांग्रेस और बीजेपी वार-पलटवार से गुजरात की चुनाव लीला और भी दिलचस्प होती जा रही है. गुजरात में अभी से अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव जैसा ‘सीन’ बनने लगा है.

क्यों गुजरात में हर पार्टी पटेलों को अपनी तरफ चाहती है?

गुजरात में पटेलों की आबादी करीब 15% है. राज्य की करीब 80 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है. पटेल बीजेपी के मुख्य वोट बैंक माने जाते रहे हैं. बीजेपी के 182 में से 44 विधायक पटेल जाति से आते हैं. गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं. आरक्षण ना मिलने से अब पटेल बीजेपी से नाराज हैं.