एक्सप्लोरर

पूर्वी लद्दाख में LAC के पास स्थिति मजबूत करने में जुटा चीन, सैटेलाइट इमेज से सामने आई जानकारी

पूर्वी लद्दाख में LAC के पास चीन स्थिति मजबूत करने में जुट गया है. इस बात की जानकारी सैटेलाइट इमेज से सामने आई है.

नई दिल्लीः चीन एक बार फिर से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर अपनी स्थिति मजबूत करने में जुट गया है‌. ओपन सोर्स इंटेलीजेंस, 'द इंटेल लैब' के मुताबिक, डेप्सांग प्लेन में दोनों देशों के सैन्य कैंप करीब एक किलोमीटर की दूरी पर हैं. पिछले डेढ़ साल ‌‌से एलएसी पर चल रहे तनाव के चलते दोनों देशों की पैट्रोलिंग इस इलाके में बंद है. भारत और चीन ने फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज और गोगरा में तो डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट कर लिया है, लेकिन डेपसांग प्लेन में अभी भी तनाव जारी है और दोनों देशों के सैनिक आई बॉल टू आई बॉल हैं. 'द इंटेल लैब' ने डेप्सांग प्लेन के रकी नाले की सैटेलाइट इमेज जारी की है, जिसमें दिखाई पड़ता है कि इस इलाके में दोनों देशों के सैन्य कैंप 1.21 किलोमीटर की दूरी पर हैं.

डेपसांग प्लेन में पांच पैट्रोलिंग पॉइंट हैं

पीपी नंबर 10, 11, 11ए, 12 और 13. चीनी सेना इन्ही पांच पैट्रोलिंग पॉइंट्स पर भारतीय सेना की गश्त पर मुश्किलें खड़ी करती है. पिछले डेढ़ साल से यानि जब से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं में टकराव शुरू हुआ है तभी से यहां भी पैट्रोलिंग बंद है. दोनों ही देशों की सेनाओं ने ये जहां जबदस्त तरीके से टैंक, आर्मर्ड व्हीकल्स और हैवी मशीनरी की तैनाती कर रखी है.  आपकों बता दें कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी 826 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुयल कंट्रोल पर कुल 65 पैट्रोलिंग पॉइंट हैं, जो काराकोरम पास (दर्रे) से शुरू होकर डेपसांग प्लेन, गलवान घाटी, गोगरा, हॉट-स्प्रिंग, फिंगर एरिया, पैंगोंग-त्सो लेक और कैलाश हिल रेंज से चुमार-डेमचोक तक हैं.

जानकारी के मुताबिक, डेपसांग प्लेन में दरअसल,  एक वाई-जंक्शन बनता है, जो बुर्तसे से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. उसी से सटे दो नालों--जीवन नाला और रकी नाला के बीच में ये पांच पैट्रोलिंग पॉइंट हैं--पीपी-10, 11, 11ए, 12 और 13.

दरअसल, डेपसांग प्लेन में दोनों देशों के बीच विवाद बेहद पुराना है. भारत के दौलत बेग ओल्डी यानी डीबीओ के बेहद करीब के इस इलाके में सबसे पहले दोनों देशों के बीच पैट्रोलिंग को लेकर विवाद वर्ष 2002 में हुआ था. लेकिन इस विवाद ने एक बड़े टकराव का रूप लिया अप्रैल 2013 में जब दोनों देशों की सेनाओं ने यहां पहली बार अपने कैंप गाड़ लिए थे और 25 दिनों तक ‘फेसऑफ’ (गतिरोध) हुआ था.

काराकोराम रेंज का डेपसांग प्लेन बेहद सामरिक महत्व का इलाका

भारत और चीन दोनों के लिए ही काराकोराम रेंज का डेपसांग प्लेन बेहद सामरिक महत्व का इलाका है. भारत का इसलिए क्योंकि यहीं से सामरिक महत्व की रोड, डीएस-डीबीओ यानि 255 किलोमीटर लंबी दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड गुजरती है. दुनिया की सबसे उंची एएलजी यानि एडवांस लैंडिंग ग्राउंड डीबीओ, यहां से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है, जिसके चलते भारत को चीन पर इस इलाके में बढ़त हासिल है. चीन के लिए इसका महत्व है क्योंकि इसके करीब से ही चीन का जी-219 हाईवे गुजरता है, जो तिब्बत को शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है.

सूत्रों की मानें तो चीन के लिए डेपसांग प्लेन का इलाका ठीक वैसा ही है जैसा कि भारत के लिए सिलिगुड़ी कोरिडोर का चिकन-नेक. चीन को इस बात का डर है कि अगर भारत ने इस इलाके पर अपना अधिकार जमा लिया तो जी-219 हाईवे भारतीय सेना के सीधे जद में आ जाएगा. इसीलिए चीन इस इलाके में भारतीय सेना की पैट्रोलिंग में अंड़गा लगाता रहता है.

गलवान घाटी, फिंगर-एरिया, पैंगोंग त्सो लेक और गोगरा (हॉट स्प्रिंग) के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच ये पांचवा फ्लैस-पॉइंट यानि विवादित इलाका है. हालांकि, दो चरण के डिसइंगेजमेंट के बाद से फिंगर एरिया, कैलाश हिल रेंज और गोगरा का विवाद लगभग सुलझ गया है और सेनाएं पीछे चली गई हैं.

 सूत्रों की मानें तो विवाद शुरू होने के वक्त चीनी सेना एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चयुल कंट्रोल को पश्चिम की तरफ धकेलना चाहती थी ताकि डेपसांग प्लेन्स में कुछ इलाकों पर अपना कब्जा जमा लिया जाए. वर्ष 2013 में जब भारत और चीन के बीच डेपसांग प्लेन्स में फेसऑफ हुआ था तो उस वक्त उच्च स्तर के राजनैतिक और राजनयिक दखल के बाद ही फेसऑफ खत्म हुआ था और दोनों देश की सेनाएं पीछे हटी थीं. करीब 25 दिन बाद फेसऑफ खत्म हुआ था. 

हवाई पट्टी को फिर से शुरू किया

इस फेसऑफ के करीब चार महीने बाद ही भारतीय वायुसेना ने डीबीओ में वर्षों से बंद पड़ी अपनी हवाई पट्टी को फिर से शुरू किया था. उस दौरान वायुसेना ने अपने मिलिट्री ट्रांसपोर्ट  एयरक्राफ्ट, सी-130जे सुपरहरक्युलिस को यहां पर लैंडिंग कर दुनिया की सबसे उंची हवाई पट्टी का खिताब हासिल किया था. ये हवाई पट्टी '62 के युद्ध के दौरान बनाई गई थी. लेकिन कुछ साल बाद ही इस इलाके में भूकंप आने के बाद ये क्षतिग्रस्त हो गई थी. उसके बाद यहां भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर तो ऑपरेशन्स करते थे लेकिन ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की लैंडिंग बंद कर दी गई थी.  अप्रैल 2013 के फेसऑफ के चार महीने बाद लेकिन यहां इस हवाई पट्टी का मालवाहक विमानों के लिए तैयार कर लिया गया. 

डीबीओ हवाई पट्टी बनने से सैनिक और सैन्य साजो सामान को इलाके तक पहुंचाने में काफी मदद मिलती है. डीबीओ रोड और डीबीओ हवाई पट्टी से सैनिकों की मूवमेंट काफी तेज हो गई है.  डीबीओ हवाई पट्टी के कारण ही पिछले साल यानि अप्रैल-मई 2020 में भारतीय सेना ने बेहद तेजी से इस इलाके में अपने सैनिक और दूसरे सैन्य साजो सामान को एलएसी पर तैनात कर दिया था, जिसके चलते चीन की पीएलए सेना भी भौचक्का रह गई थी.

इस बीच खबर ये भी है कि चीन की पीएलए सेना एलएसी पर अपने सैनिकों के लिए स्थायी कैंप और बैरक तैयार कर रही है. इसके अलावा भारत की तैनाती पर भी चीनी सेना नजर लगाए हुए है और इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. आपको बता दें कि चीन की ड्रोन गतिविधियों को देखते हुए ही भारतीय सेना अब बड़ी संख्या में ड्रोन खरीद रही है. इन सर्विलांस ड्रोन्स को एलएसी पर तैनात करने के लिए खरीदा जा रहा है जिसके लिए थलसेना ने पिछले कुछ महीनों में कई बड़ए करार किए हैं.

बंगाल की मुख्यमंत्री की कुर्सी दांव पर, जानें क्यों है ममता बनर्जी के लिए ये उपचुनाव इतना अहम

Bhawanipur Bypoll: आज प्रचार के आखिरी दिन ममता के लिए TMC ने झोंकी ताकत, BJP ने 80 नेताओं को मैदान में उतारा

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Mukhtar Ansari Died: मुख्तार अंसारी ने क्यों लगाया था 'जय श्रीराम' का नारा? मौत के बाद वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप
मुख्तार अंसारी ने क्यों लगाया था 'जय श्रीराम' का नारा? मौत के बाद वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप
Guess Who: घर से भागे, खूब खाए धक्के...आज सभी का डार्लिंग और करोड़ों का मालिक बन चुका है ये लड़का
घर से भागे...खूब खाए धक्के, आज करोड़ों का मालिक बन चुका है ये लड़का
Rashifal 29th March 2024: मेष, कर्क, तुला, धनु राशि वालों को आज कई नए अवसर मिल सकते हैं, जानें अपना राशिफल
मेष, कर्क, तुला, धनु राशि वालों को आज कई नए अवसर मिल सकते हैं, जानें अपना राशिफल
Poison in Food: अगर खाने में जहर मिलाया जाए तो क्या उसका स्वाद बदल जाता है, क्या टेस्ट से लगा सकते हैं गड़बड़ी का पता?
अगर खाने में जहर मिलाया जाए तो क्या उसका स्वाद बदल जाता है?
Advertisement
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Jayant Chaudhary EXCLUSIVE: बागपत सीट क्यों है जयंत चौधरी के लिए अहम?।ABP Shikhar SammelanJayant Chaudhary EXCLUSIVE: जयंत ने खोला राज़..बीजेपी के इस काम ने जीता दिल ! ABP Shikhar SammelanJayant Chaudhary EXCLUSIVE: अखिलेश के आरोपों का जयंत ने दिया सीधा जवाब | ABP Shikhar SammelanJayant Chaudhary EXCLUSIVE: जयंत चौधरी ने ऐसे ली विपक्ष की चुटकी ।ABP Shikhar Sammelan | Election

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Mukhtar Ansari Died: मुख्तार अंसारी ने क्यों लगाया था 'जय श्रीराम' का नारा? मौत के बाद वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप
मुख्तार अंसारी ने क्यों लगाया था 'जय श्रीराम' का नारा? मौत के बाद वायरल हो रहा ऑडियो क्लिप
Guess Who: घर से भागे, खूब खाए धक्के...आज सभी का डार्लिंग और करोड़ों का मालिक बन चुका है ये लड़का
घर से भागे...खूब खाए धक्के, आज करोड़ों का मालिक बन चुका है ये लड़का
Rashifal 29th March 2024: मेष, कर्क, तुला, धनु राशि वालों को आज कई नए अवसर मिल सकते हैं, जानें अपना राशिफल
मेष, कर्क, तुला, धनु राशि वालों को आज कई नए अवसर मिल सकते हैं, जानें अपना राशिफल
Poison in Food: अगर खाने में जहर मिलाया जाए तो क्या उसका स्वाद बदल जाता है, क्या टेस्ट से लगा सकते हैं गड़बड़ी का पता?
अगर खाने में जहर मिलाया जाए तो क्या उसका स्वाद बदल जाता है?
Avesh Khan: आवेश खान के लिए आसान नहीं रहा क्रिकेटर बनना, पिता चलाते थे पान की दुकान, अब बेटा बना मैच विनर
आवेश खान के लिए आसान नहीं रहा क्रिकेटर बनना, पिता की थी पान की दुकान
Bullet Train Project: बुलेट ट्रेन के लिए तैयार हो रहा देश का पहला बैलेस्टलेस ट्रैक, जानिए इसकी खूबियां 
बुलेट ट्रेन के लिए तैयार हो रहा देश का पहला बैलेस्टलेस ट्रैक, जानिए इसकी खूबियां 
Video: 'पूरी ताकत झोंक देंगे...', टारगेट पूरा करने के लिए मैनेजर ने कर्मचारियों को दिलाई अनोखी शपथ
Video: 'पूरी ताकत झोंक देंगे...', टारगेट पूरा करने के लिए मैनेजर ने कर्मचारियों को दिलाई शपथ
Eye Sight: तमाम कोशिशों के बावजूद नजर कमजोर तो कीजिए ये चार काम, महीने भर में उतर जाएगा कई साल से लगा चश्मा
तमाम कोशिशों के बावजूद नजर कमजोर तो कीजिए ये चार काम, महीने भर में उतर जाएगा कई साल से लगा चश्मा
Embed widget