West Bengal: प. बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के खिलाफ राजधानी में वकीलों ने मार्च निकाला. वकीलों का कहना है कि बंगाल की स्थिति भयंकर है. उसे कश्मीर बनने से बचाना है. बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लॉयर्स फॉर जस्टिस एसोसिएशन की तरफ आज दिल्ली में पटियाला कोर्ट के बाहर मार्च निकाला गया.


इसमें सैकड़ों की संख्या में वकील शामिल हुए. स्टॉप रेप, सेव द गर्ल चाइल्ड, बंगाल मांगे राष्ट्रपति शासन और केंद्र सरकार जागो जैसे प्ले कार्ड्स लेकर दिल्ली के वकील इस मार्च में शामिल हुए. इस मार्च में शामिल हुए वकील केके त्यागी ने बताया कि बंगाल में भयंकर स्थिति है, जघन्य अपराध बलात्कार हो रहे हैं.


वकीलों ने निकाला शांतिपूर्ण मार्च


वहां रक्षक ही भक्षक हो गए हैं. प्रशासन कार्रवाई करने के बजाय उनको दबाने का काम करता है. जो अपराधी हैं उन्हें बचाने का काम करता है. इसी वजह से 15000 लोग बंगाल छोड़कर चले गए हैं. 300 से हत्या, 65 रेप की घटना, 11 केस सीबीआई को हाईकोर्ट ने दिया है. इसलिए वकीलों ने ये शांतिपूर्ण कैंडल मार्च निकाला है. 


उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली की सभी कोर्ट से लोग स्वप्रेरणा से यहां आकर मार्च में शामिल हो रहे हैं. मार्च में शामिल होकर मांग करेंगे बंगाल की सरकार को बर्खास्त करो. राष्ट्रपति जी को 11:45 ज्ञापन दिया है. रात 9 बजे गृहमंत्री को भी ज्ञापन देंगे. त्यागी कहते हैं कि केंद्र सरकार अपने पावर का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई करें और बंगाल के लोगों को बचाए, लोगों को जीने का रास्ता दिखाएं. 


बंगाल में नहीं है लोकतंत्र


इस मार्च में शामिल होने के लिए बंगाल से आए अधिवक्ता लोकनाथ चटर्जी ने बताया कि बंगाल में लोकतंत्र नहीं है. वहां की स्थिति डरावनी है. बंगाल में रेप को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. रेप अगर गैर तृणमूल की बातें करते हैं तो दुकानें बंद करवा दी जाती हैं और आप जहां काम करते हैं वहां जाकर बोला जाता है कि इनको कंपनी से निकालो.


बंगाल की जो स्थिति है उसे देश-दुनिया को जानना चाहिए. उस मार्च में शामिल हुई सुप्रीम कोर्ट की वकील गोपा श्री ने कहा कि वहां FIR दर्ज नहीं हो रही, कंप्लेन को दबा दिया जा रहा है. लोगों से, पीएम से और जो न्याय व्यवस्था देख रहे हैं उनसे अपील करती हूं कि बंगाल को बचा लिया जाए. बंगाल कश्मीर बनता जा रहा है. हमें उसे कश्मीर बनने से बचाना है. 


घरों में लगा दी जाती है आग


इस मार्च में शामिल हुई एक वकील ने कहा कि घर में झगड़े होते हैं तो क्या हम घरों को जला देते हैं. जो लोग हत्या कर रहे हैं, घरों को जला रहे हैं, वो कौन हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है?  घर जल जाता है, शहर जल जाता है और पब्लिक प्रॉपर्टी का नुकसान होता है. जो लोग ऐसा काम करते हैं, वो लोग इस घर के नहीं है. उनको इस घर में रहने का कोई अधिकार नहीं है. 


दोपहर में राष्ट्रपति से मुलाकात की बात पर एक वकील ने बताया कि हमने राष्ट्रपति से कहा न्याय प्रणाली में इतनी देर हो जाती है कि उसका फायदा दोषी उठा लेते हैं.  हमने मांग की है कि देश में फास्ट ट्रैक कोर्ट चले, फास्ट ट्रैक इन्वेस्टिगेशन हो, फास्ट ट्रैक डिसीजन आएं. डे टू डे सुनवाई हो. 


बंगाल में नहीं बचा है लोकतंत्र


आखिर में एक अधिवक्ता ने कहा कि वहां लोकतंत्र नहीं है. वहां बंगाल के राज्यपाल सुरक्षित नहीं है, बार बार केंद्र को चिट्ठी लिखकर अपनी सुरक्षा मांगते हैं. हम चाहते हैं वहां संविधान के अनुसार काम हो. इसलिए पूरे दिल्ली एनसीआर के अधिवक्ता इस मार्च में शामिल हो रहे हैं.


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