Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के चलते स्थगित किए गए डिफेंस एक्सपो (Defence Expo) की नई तारीख की घोषणा कर दी गई है. एशिया (Asia) की सबसे बड़ी रक्षा-प्रदर्शनी (Biggest Defence Exhibition), गुजरात की राजधानी गांधीनगर (Gandhinagar) में 18-22 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी. दुनिया को अपने हथियार और सैन्य-साजो सामान प्रदर्शित करने वाले भारत के इस डिफेंस एक्सपो यानि रक्षा-प्रदर्शनी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को जगह और तारीख जारी की. दो साल में एक बार होने वाला डिफेंस-एक्सपो इससे पहले गांधीनगर में ही 11-13 मार्च में आयोजित किया जाना था.


देश-विदेश की करीब 1000 कंपनियों ने डिफेंस एक्सपो  में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा दिया था लेकिन रुस-यूक्रेन युद्ध के चलते बड़ी संख्या में विदेशी कंपनियों ने लॉजिस्टिक-दिक्कतों के चलते बाद में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया था. यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय ने डिफेंस एक्सपो को स्थगित कर दिया था. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पांच दिवसीय कार्यक्रम में तीन व्यावसायिक दिन और उसके बाद दो सार्वजनिक दिन होंगे. डेफएक्सपो-2022, हेलीपैड प्रदर्शनी केंद्र में एक लाख वर्ग मीटर  से ज्यादा क्षेत्र में तीन-स्थल; महात्मा मंदिर कन्वेंशन और प्रदर्शनी केंद्र में उद्घाटन कार्यक्रम और सेमिनार एवं साबरमती रिवर फ्रंट में लाइव डेमो आयोजित किया जाएंगे. 


5 बिलियन डॉलर का निर्यात के लक्ष्य की ओर कदम
प्रदर्शनी की योजना कंपनियों के बीच साझेदारी बनाने के लिए बंधन जैसे कार्यक्रम, भविष्य के युद्ध के मैदान के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी समाधानों सहित स्टार्ट-अप/एमएसएमई के प्रदर्शन वाले सेमिनार और वेबिनार, रक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, छात्रों के दौरे, गुजरात को एयरोस्पेस एवं रक्षा क्षेत्र आदि के लिए एक निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शन करना के साथ बनाई जा रही है. डेफएक्सपो-2022 रक्षा में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और 2025 तक 5 बिलियन डॉलर का निर्यात प्राप्त करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुरूप है.


रक्षा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा आयोजन
भारत ने हाल के वर्षों में भारतीय कंपनियों द्वारा प्राप्त किए गए कई अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर के साथ खुद को एक उभरते हुए रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है. भारतीय रक्षा उद्योग डेफएक्सपो-2022 की उत्सुकता से उम्मीद कर रहा है जो रक्षा क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा आयोजन है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 'आजादी के अमृत महोत्सव' के चलते डेफएक्सपो 2022 अपने विषय 'पाथ टू प्राइड' के साथ राष्ट्रवादी गौरव का आह्वान करता है और नागरिकों को एक सक्षम स्वदेशी रक्षा उद्योग की स्थापना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है. 


आयोजन से निवेश को मिलेगा बढ़ावा
डेफएक्सपो-2022 में, प्रतिभागियों को अपने उपकरणों और प्लेटफार्मों को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा और व्यावसायिक साझेदारी बनाने के लिए भारतीय रक्षा उद्योग के विस्तार की ताकत और क्षमताओं का पता लगाने में भी सक्षम होंगे. यह आयोजन निवेश को बढ़ावा देने, विनिर्माण क्षमताओं और सामर्थ्य का विस्तार करने, प्रौद्योगिकी समावेश के लिए अवसरों की खोज करने में मदद करेगा. भारत फिलहाल दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश है. 


भारत की 'डिफेंस हब' के तौर पर पहचान बनाने की कोशिश
पिछले कुछ सालों से भारत (India) हथियारों की उत्पादन (Wepon Production) और निर्यात करने पर भी जोर दे रहा है. यही वजह है कि इस बार के डिफेंस एक्सपो (Defecne Expo) के जरिए भारत खुद को 'डिफेंस-हब' के तौर पर अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है. अक्टूबर के महीने में गांधीनगर (Gandhinagar) में होने जा रहे डिफेंस एक्सपो का ये 12वां संस्करण है. पिछला डिफेंस एक्सपो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में हुआ था, जबकि नौवां संस्करण चेन्नई और आठवां गोवा में हुआ था. उससे पहले तक डिफेंस-एक्सपो राजधानी दिल्ली में ही होता आया था. लखनऊ में हुए डिफेंस एक्सपो में एक हजार से ज्यादा आर्म्स कंपनियों ने हिस्सा लिया था. इनमें से करीब 170 विदेशी कंपनियां थीं. लखनऊ में करीब 40 देशों के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और दूसरे गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया था.


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