Covid-19 In India: चीन समेत कई देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने भारत में भी चिंता पैदा कर दी है. पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा कि अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं क्योंकि भारत में पिछले साल के अनुसार जनवरी के मध्य में कोविड (Covid-19) मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है. जब भी ओमिक्रोन का सब-वेरिएंट BF.7 (Corona BF.7 Variant) आएगा तो एकाएक मामले बढ़ सकते हैं. 


इसके अलावा नेजल वैक्सीन के बाजार में आने में अभी एक महीना लगेगा. इस बार मास्क लगाना अनिवार्य बनाए जाने की संभावना नहीं है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि मृत्यु की संख्या ज्यादा होने की आशंका नहीं है, लेकिन मामलों की तादाद ज्यादा हो सकती है. BF.7 वेरिएंट पर वैक्सीन के प्रभाव की जांच की जा रही है. 


कोरोना को लेकर अगले 35 से 40 दिन अहम


पिछले दो दिनों में हवाई अड्डों पर 6000 लोगों की कोरोना जांच की गई और 32 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. कल स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया एयरपोर्ट जाएंगे. ट्रेंड बताता है कि पूर्वी एशिया से शुरू होने के बाद भारत पहुंचने में वायरस को 30 से 35 दिन लगते हैं. इस हिसाब से जनवरी अहम है. 


एक अधिकारी ने कहा, "विगत में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी. यह एक प्रवृत्ति रही है." स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है. यदि कोविड की नयी लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी. 


कोरोना टेस्ट हो सकता है अनिवार्य


सूत्रों ने बताया कि हालात को देखते हुए जल्द ही चीन समेत 6 देशों से आने वाले हवाई यात्रियों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य करने और एयर सुविधा के अन्य प्रावधान लागू किए जाने की संभावना है. चीन के अलावा इन देशों में सिंगापुर, जापान, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और हॉन्ग कॉन्ग शामिल हैं.


देश भर के कई अस्पतालों में हुई मॉक ड्रिल


देश भर के कई अस्पतालों ने मंगलवार को कोविड-19 के मामलों में किसी भी बढ़ोतरी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की जांच के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि उपकरणों और मानव संसाधनों की परिचालन संबंधी तैयारियों का आंकलन करना महत्वपूर्ण है. 


दिल्ली में, एलएनजेपी अस्पताल के अलावा, केंद्र के तहत आने वाले सफदरजंग अस्पताल जैसे कई अन्य सरकारी अस्पतालों और दक्षिणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में भी मॉक ड्रिल की गई.


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