जम्मू: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू में एक सभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि मुझे बहुत से लीडरों की बहुत सी बातें अच्छी लगती हैं. मैं खुद गांव से हूं और मुझे इस बात का फख्र है. आज़ाद ने पीएम मोदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि वो गांव से थे, कुछ भी नहीं थे, बर्तन मांजते थे, चाय बेचते थे. उन्होंने कहा कि सियासी तौर पर हम उनके खिलाफ हैं, लेकिन कम से कम जो अपनी असलियत है उसको नहीं छिपाते. जो आदमी अपनी असलियत छुपाता है वह आरज़ी दुनिया में रहता है. आदमी को फख्र होना चाहिए.


गुलाम नबी आज़ाद आज जम्मू में गुज्जर देश चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यक्रम में पहुंचे थे. उन्होंने वहां ट्रस्ट के सबसे पहले ट्रस्टी मसूद चौधरी के नाम पर बनाई गई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया और उसके बाद गुज्जर बकरवाल समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम की सच बोलने के लिए तारीफ करते नज़र आए.


गौरतलब है कि हाल ही में गुलाम नबी आज़ाद के राज्यसभा से रिटायर होने के वक्त पीएम मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की थी. सभा में पीएम आज़ाद का ज़िक्र करते हुए भावुक हो गए थे. बाद में आज़ाद ने भी प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया था और उनकी तारीफ की थी.


गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "कोविड के चलते डबल शिफ्ट में काम कर रहा हूं. राजनीतिक नेता जो बड़े हुए हैं, उन्हें ठीक करना मुश्किल है, लेकिन जो युवा हैं उन्हें कुछ कर के दिखाना है." उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अभी भी विकास नहीं हुआ है. जिस विकास के दावे किए जा रहे हैं, वह कागजों पर है.


उन्होंने कहा कि जम्मू के लोगों को टैक्स के नाम पर लूटा जा रहा है और टैक्सेस कमाई पर होनी चाहिए, जबकि जम्मू-कश्मीर में कमाई के जरिए को बढ़ाया नहीं गया है. शनिवार को जम्मू में गुलाम नबी आज़ाद की अध्यक्षता में G-23 नेताओं की बैठक हुई थी, जिसमें कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने हिस्सा लिया था. इस शक्ति प्रदर्शन पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह शक्ति पर प्रदर्शन अभी सिर्फ 10% है, जबकि 90% व्यक्ति प्रदर्शन अभी बाकी है. जम्मू से 370 हटाए जाने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि स्थिति ऐसी है, जैसे पुलिस के डीजीपी को सिपाही बना दिया गया हो.


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