UK's Travel Advisory: ब्रिटेन सरकार ने भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड को बुधवार को अपने अंतरराष्ट्रीय ट्रेवल एडवाइजरी में शामिल तो कर लिया, लेकिन भारतीय यात्रियों के लिए ब्रिटिश सरकार की वैक्सीन मान्यता प्रक्रिया को लेकर असमंजस की स्थिति है. भारत को अब भी उन 17 देशों की सूची में शामिल नहीं किया गया है, जिनके यात्रियों को टीकाकरण को ब्रिटेन में मान्यता हासिल होगी.


ब्रिटेन के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल (डीएचएसी) ने बुधवार को कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता और इस बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत है. परामर्श में कहा गया है, 'एस्ट्राजेनेका कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया और मॉडर्ना टाकेडा जैसे चार टीकों को स्वीकृत टीकों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है.' इसमें कहा गया है, 'आपके लिये ब्रिटेन आने से 14 दिन पहले टीके की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य है.'


ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा नियमों की समीक्षा की है, जो चार अक्टूबर से लागू होंगे. इन नियमों के तहत स्वीकृत कोविड-19 टीकों की एक सूची जारी की गई है, जिसमें सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित टीके को शामिल नहीं किया गया था. ब्रिटेन के इस फैसले की चौतरफा आलोचना हुई है.


ब्रिटेन के नये यात्रा नियम के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लेने वाले लोगों के टीकाकरण को मान्यता नहीं दी गई थी और ब्रिटेन पहुंचने पर उन्हें 10 दिनों के पृथक-वास में रहने की जरुरत बताई गई थी.


ब्रिटिश सरकार के नए फैसले का मतलब है कि कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकें ले चुके लोगों को 10 दिनों के पृथक वास में रहने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही उन्हें यह भी नहीं बताना होगा कि वह ब्रिटेन में कहां रहेंगे.


दरअसल, ब्रिटेन की यात्रा के संबंध में फिलहाल लाल, एम्बर और हरे रंग की तीन अलग अलग सूचियां बनाई गई हैं. कोविड-19 खतरे के अनुसार अलग-अलग देशों को अलग अलग सूची में रखा गया है. चार अक्टूबर से सभी सूचियों को मिला दिया जाएगा और केवल लाल सूची बाकी रहेगी. लाल सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन की यात्रा पर पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा. भारत अब भी एम्बर सूची में है. इस सूची में शामिल देशों के यात्रियों को ब्रिटेन जाने पर कुछ पाबंदियों से गुजरना पड़ सकता है.


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