मुंबई: चांदीवाल आयोग ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था जो उन्हें अबतक डिलीवर नहीं हुआ है. एजेंसी के अधिकारी वारंट लेकर उन्हें देने गए थे लेकिन परमबीर सिंह नहीं मिले. सूत्रों से जानकारी मिली है कि परमबीर सिंह को बेलेबल वारंट देने के लिए एजेंसी तीन जगहों पर गई थी, लेकिन वह कहीं नहीं मिले. इन तीन जगहों में दो लोकेशन पंजाब के चंडीगढ़ और एक लोकेशन मुंबई में है.


महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की वकील अनिता शेखर केस्टिरोल ने चांदीवाल कमिशन के सामने नॉन बेलेबल वारंट जारी करने की मांग की और उनकी सम्पत्ति जब्त करने की मांग की. अनिता ने बताया, कोर्ट ने कहा है कि परमबीर सिंह एक वरिष्ठ अधिकारी हैं और इस वजह से यह हम अभी नहीं करते. उन्हें समय दिया जाना चाहिए. अब अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होनी है.


परमबीर सिंह से जुड़े जबरन वसूली मामले में दाऊद का सहयोगी परवीन गिरफ्तार
इससे पहले पुलिस ने हाल ही में भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के कथित सहयोगी तारिक परवीन को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी परमबीर सिंह भी आरोपी हैं. परवीन को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. तारिक अब्दुल करीम मर्चेंट उर्फ ​​तारिक परवीन (55) एक अन्य मामले में पहले से ही जेल में बंद है और वह यहां ठाणे नगर थाने में दर्ज एक मामले में वांछित था.


इस प्राथमिकी में परमबीर सिंह सहित 20 से अधिक लोगों के नाम हैं. सिंह मुंबई और ठाणे के पुलिस आयुक्त रहे थे. यह मामला बिल्डर केतन तन्ना की शिकायत पर दर्ज किया गया है. तन्ना ने आरोप लगाया था कि जब सिंह ठाणे के पुलिस आयुक्त थे तो उन्होंने और अन्य अधिकारियों ने उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली की.


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