Citizenship Amendment Act: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) देश का कानून है. ऐसे में इसे लागू करने से कोई रोक नहीं सकता और सभी लोगों के लिए  ये जरूरी है.


रिपब्लिक टीवी से बातचीत के दौरान उनसे (अमित शाह) सवाल किया गया कि देश में सीएए कब लागू होगा? लोकसभा चुनाव को लेकर कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है.  इसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा, ''मैं फिर से कहता हूं कि सीएए देश का कानून है. पत्थर पर खींची लकीर और ये वास्तविकता है. सीएए इस चुनाव से पहले लागू होगा.'' 


दरअसल, इससे पहले भी अमित शाह कई मौकों पर कह चुके हैं कि सीएए लागू करने को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. उन्होंने हाल ही में कहा था कि इसको लेकर किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. 


अमित शाह ने क्या कहा था?
अमित शाह ने साथ ही कहा था, ''सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है. सीएए के जरिए किसी की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती. इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. कुछ लोग भड़काने का काम कर रहे हैं.''


विपक्षी दलों का क्या कहना है?
कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल सीएए को लेकर सरकार पर हमलावर है. हाल ही में  पवन खेड़ा ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आई तो वह सीएए को रद्द कर देगी. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी ममता बनर्जी भी बोल चुकी हैं कि सीएए बंगाल में लागू नहीं होगा. 


सीएए में क्या प्रावधान है?
सीएए के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देना है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे. 


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