Chirag Paswan Demand: NDA की बैठक से पहले चिराग पासवान ने रखी शर्त, दिया सीट शेयरिंग का 6-1 का फॉर्मूला
LJPR Seat Sharing Formula: चिराग पासवान को बीजेपी ने एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है, जिस पर अभी तक उन्होंने अपना रुख साफ नहीं किया है.
Chirag Paswan Formula For Alliance: नीतीश कुमार के साथ छोड़ देने के बाद बीजेपी को बिहार में साथी की तलाश में है. बीजेपी जानती है कि 2024 में अकेले जाना खतरनाक हो सकता है और देश के आम चुनाव में ये रिस्क उठाना ठीक नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी ने पुराने साथी चिराग पासवान को 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली बैठक के लिए न्योता भी भेजा लेकिन अभी तक चिराग ने कोई जवाब नहीं दिया है. अब खबर आ रही है कि चिराग पासवान ने बीजेपी के सामने मुश्किल शर्त रख दी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि चिराग पासवान ने अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए उन सभी 6 लोकसभा सीटों की मांग की है, जिस पर 2019 के लोकसभा चुनाव में अविभाजित एलजेपी ने जीत हासिल की थी.
इसके साथ ही चिराग पासवान ने एलजेपी के नेता रहे दिवंगत राम विलास पासवान के पास रही राज्यसभा सीट भी मांगी है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चिराग पासवान के दिल्ली रवाना होने से पहले रविवार (16 जुलाई) को पटना में पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक हुए, जिसमें ये फैसला लिया गया.
बीजेपी के लिए क्यों जरूरी हैं चिराग?
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए चिराग पासवान को पत्र भेजा है. इसमें नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को एनडीए का महत्वपूर्ण सहयोगी बताया है और चिराग पासवान से बैठक में शामिल होने का आग्रह किया है. दिलचस्प बात ये है कि चिराग पासवान इस समय एनडीए का हिस्सा नहीं हैं.
राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई. एक धड़े पर चाचा पशुपति पारस ने कब्जा जमा लिया, जिसे नाम दिया राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी. पारस इस समय एनडीए का हिस्सा हैं और मंत्री भी हैं. बावजूद, इसके पिछले सप्ताह बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और चिराग पासवान के बीच दो बार मुलाकात हुई, जो बता रही है कि बीजेपी एक बार फिर से पुराने साथी को महत्व दे रही है.
बिहार का गणित बनाता है चिराग को खास
2019 के लोकसभा चुनाव बीजेपी, जेडीयू और अविभाजित एलजेपी एक साथ थीं. उस समय एनडीए ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में 39 पर कब्जा जमाया था. विपक्षी यूपीए को सिर्फ एक सीट मिली थी. लेकिन इस बार समीकरण बदल गए हैं. नीतीश कुमार पाला बदलकर यूपीए के साथ हैं, वहीं चिराग पासवान की पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. ऐसे में बीजेपी को बिहार में साथी की तलाश है. बीजेपी ये भी चाहती है कि चिराग पासवान और उनके चाचा के बीच सब ठीक हो और दोनों एक साथ आएं. फिलहाल ये देखना है कि बीजेपी चिराग पासवान की शर्त कितना पूरा करती है और बठक में चिराग पासवान आएंगे या नहीं.
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