चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान को मिला 'Z' कैटेगरी का सुरक्षा कवच, जानिए सिक्योरिटी में क्या होता है खास?
देश के दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान को केंद्र सरकार की ओर से जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. इस आर्टिकल में जानिए जेड श्रेणी की सुरक्षा कैसी होती है और इसमें सुरक्षा के क्या इंतजाम होते हैं.
New CDS Anil Chauhan: केंद्र सरकार ने नवनिर्वाचित चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (Anil Chauhan) को दिल्ली पुलिस का 'जेड' श्रेणी का सशस्त्र सुरक्षा कवच प्रदान किया है. बीते बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नामित किया गया था. अनिल चौहान देश के डीजीएमएओ, सेना की पूर्वी कमान के कमांडर रह चुके हैं. सेना में 40 वर्षों तक सेवा देने के बाद वे पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए हैं.
रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) की ओर से कहा गया कि भारत सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को अगले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में नियुक्त किया, जो भारत सरकार, सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) कई कमांड संभाल चुके हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों का व्यापक अनुभव है. जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से ही सीडीएस का सैन्य पद खाली था. अनिल चौहान के बारे में तो आपने जान लिया. अब आप उनको मिली सुरक्षा कवच के बारे में भी जान लीजिए.
Z श्रेणी की सुरक्षा कैसी होती है?
जेड श्रेणी सुरक्षा कवच में कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इसमें 10 एनएसजी कमांडो भी होते हैं. इसी के साथ भारत तिब्बत बॉर्डर पुलिस, सीआरपीएफ (CRPF) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के जवान भी सुरक्षा में रहते हैं. जेड श्रेणी की सुरक्षा में एसपीजी के कमांडो भी शामिल होते हैं. सुरक्षा की जिम्मेदारी सबसे पहले एनएसजी की होती है और फिर एसपीजी की होती है.
घर के हर एंट्री प्वाइंट पर होती है सुरक्षाकर्मियों की तैनाती
एसपीजी सुरक्षा के बाद जेड प्लस श्रेणी सबसे अच्छी सुरक्षा व्यवस्था मानी जाती है. इस सुरक्षा कवच में पायलट वाहन और एस्कॉर्ट के लिए गाड़ियां भी मुहैया कराई जाती हैं. साथ ही विशिष्ट व्यक्ति जिस घर में रहते हैं उस घर के हर एक एंट्री प्वाइंट पर सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. घर में आने वाले हर व्यक्ति की पूरी तरह से जांच पड़ताल की जाती है और उसके बाद ही अंदर जाने की इजाजत होती है.
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