भारत में जाति जनगणना: सियासी बिसात पर शह और मात का नया खेल

2011 में सरकार ने सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) की थी, जिसमें जाति के आँकड़े भी इकट्ठा करने की कोशिश की गई. लेकिन उस समय डेटा में बहुत सारी गलतियाँ थीं.

भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अगली राष्ट्रीय जनगणना में जाति की गणना भी की जाएगी. यह निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि 1931 के बाद से भारत में सामान्य जातियों की गणना नहीं हुई है. केवल

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