इनकम बढ़ रही है, लेकिन खाने में कम खर्च कर रहे हैं भारतीय, गांव भी पीछे नहीं

भारत के ग्रामीण और शहर के लोग खाने पीने पर कुल कमाई का आधे से भी कम खर्च कर रहे है, और खर्च का ये हिस्सा पिछले कुछ दशकों में तेजी से घटा है.

खाना हमेशा से भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहा है. सिर्फ एक दशक पहले तक, देश में गरीबी रेखा का निर्धारण इस आधार पर किया जाता था कि किसी व्यक्ति को एक दिन में कितनी कैलोरी की जरूरत

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