एक्सप्लोरर

2600 KM की जलधारा, तटों पर बसे 4 हजार गांव... गंगा का कायाकल्प करने में 'नमामि गंगे' ने ऐसे निभाई अहम भूमिका

जल शक्ति मंत्री ने कहा- “1985 से 2014 के बीच और 2014 से 2022 के दौरान जितनी जलमल शोधन क्षमता सृजित हुई, उतनी क्षमता केवल एक साल में 2022-23 के दौरान विकसित की गई.”

देश में नदियां खासकर गंगा की सफाई किसी भी सरकार के लिए अब तक बड़ी चुनौती रही. गंगा की अविरल धारा को बरकरार रखने और इसमें जा रहे कचरे से इसे मुक्त करने के लिए लगातार सरकारी स्तर पर कई बड़े प्रयास किए गए. लेकिन, पिछले करीब 5 सालों के अंदर गंगा की सफाई को लेकर अप्रत्याशित काम हुआ और इसमें आशातीत कामयाबी भी मिली. ये दावा है केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं के पूरी होने की धीमी रफ्तार के बारे में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि 1985 से 2014 तक करीब 30 वर्षों में चार हजार करोड़ रुपये खर्च करके जितनी जलमल शोधन क्षमता सृजित की गई, उससे कहीं अधिक क्षमता नमामि गंगे परियोजना के तहत 2014 से 2022 तक आठ वर्ष के दौरान विकसित की गई.

समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटव्यू में गंगा की निर्मलता और अविरलता सुनिश्चित करने के लिए अस्तित्व में आए नमामि गंगे कार्यक्रम की सुस्त रफ्तार की आलोचनाओं को नकारते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया है पिछले एक साल में सर्वाधिक काम हुआ है और नमामि गंगे की मुख्यधारा से जुड़ी परियोजनाएं लगभग पूरी हो गई हैं. शेखावत ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ के साथ इंटव्यू में कहा, “गंगा में प्रदूषण के निस्तारण से संबंधित मुख्यधारा की अधिकांश परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और अब बेसिन आधारित दृष्टिकोण को अपनाकर काम किया जा रहा है.”

गंगा की सफाई में 'नमामि गंगे' की अहम भूमिका

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशानुसार अब श्रेणी-1, श्रेणी-2 और श्रेणी-3 की सहायक नदियों पर जरूरत के मुताबिक प्रदूषण निस्तारण एवं जलमल शोधन संबंधी आधारभूत ढांचे के विकास पर काम किया जा रहा है.

उन्होंने दावा किया, “1985 से 2014 के बीच और 2014 से 2022 के दौरान जितनी जलमल शोधन क्षमता सृजित हुई, उतनी क्षमता केवल एक साल में 2022-23 के दौरान विकसित की गई.” केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि परियोजना पर ठीक ढंग से काम हो रहा है और यह समझना होगा कि साल 2015 में नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू होने के बाद अगले 2 साल नदी में प्रदूषण के स्तर का आकलन करने, इसके निस्तारण के लिए जरूरी कदमों की पहचान करने और आ‍वश्यक नीतियां बनाने में लग गए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “गंगा की निर्मलता का कार्य वास्तव में वर्ष 2017 से शुरू हुआ. यह एक व्यापक कार्य है, क्योंकि गंगा 2,600 किलोमीटर में प्रवाहित होती है और इसके तटों पर कई शहर और करीब चार हजार गांव बसे हुए हैं.” राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल 428 परियोजनाएं मंजूरी की गईं, जिनकी लागत कुल 36,512 करोड़ रुपये है. इनमें से 244 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 130 में कार्य प्रगति पर है और 37 परियोजनाएं निविदा के स्तर पर हैं. इस तरह, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कुल मंजूर परियोजनाओं में से अब तक 58 प्रतिशत पूरी हुई हैं.

दुनिया की 10 सबसे स्वच्छ नदियों में एक गंगा

वहीं, नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत जलमल शोधन संबंधी आधारभूत ढांचे से जुड़ी कुल 186 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिनमें से 105 पूरी हो गई हैं, 44 में कार्य प्रगति पर है और 28 परियोजनाएं निविदा के स्तर पर हैं. शेखावत ने दावा किया कि यह सरकारी प्रयासों का ही नतीजा है कि आज गंगा दुनिया की 10 सबसे स्वच्छ नदियों में से एक बन गई है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ हमारा दावा नहीं है, बल्कि कुंभ के आयोजन को लेकर देश-दुनिया से मिली प्रतिक्रिया और गंगा में जलीय जीवों की संख्या में वृद्धि इसे प्रमाणित करती है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने गंगा संरक्षण परियोजना को दुनिया की 10 शीर्ष पुनर्जीवन परियोजनाओं में शामिल किया है. अर्थगंगा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए जल शक्ति मंत्री ने कहा कि गंगा को साफ करना केवल नदी को निर्मल एवं अविरल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका से जुड़ा विषय भी है.

ये पूछे जाने पर कि बीते दो दशक में नदियों को जोड़ने की 30 संकल्पित परियोजनाओं में से केवल एक ही परियोजना धरातल पर आई है, शेखावत ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर काम शुरू हो गया है और 15 से ज्यादा नदी लिंक पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर राज्यों के साथ साझा की गई है.

उन्होंने कहा, “4 प्राथमिकता वाली नदी लिंक परियोजनाओं पर राज्यों के बीच आपसी चर्चा के बाद डीपीआर मंजूरी पाने के करीब है.” शेखावत ने कहा कि संविधान के तहत जल राज्य का विषय है और राज्य इस पर और खुले मन से विचार करें तथा सहमति बनाएं, तो निश्चित तौर पर इन परियोजनाओं को गति मिलेगी, साथ ही बड़े भूभाग पर जहां पानी की कमी है या आने वाले समय में समस्या आ सकती है, वहां के लोगों की मदद हो सकेगी.

राजेश कुमार पत्रकारिता जगत में पिछले करीब 14 सालों से ज्यादा वक्त से अपना योगदान दे रहे हैं. राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों से लेकर अपराध जगत तक, हर मुद्दे पर वह स्टोरी लिखते आए हैं. इसके साथ ही, किसी खबरों पर किस तरह अलग-अलग आइडियाज के साथ स्टोरी की जाए, इसके लिए वह अपने सहयोगियों का लगातार मार्गदर्शन करते रहे हैं. इनकी अंतर्राष्ट्रीय जगत की खबरों पर खास नज़र रहती है, जबकि भारत की राजनीति में ये गहरी रुचि रखते हैं. इन्हें क्रिकेट खेलना काफी पसंद और खाली वक्त में पसंद की फिल्में भी खूब देखते हैं. पत्रकारिता की दुनिया में कदम रखने से पहले उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में मास्टर ऑफ ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म किया है. राजनीति, चुनाव, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर राजेश कुमार लगातार लिखते आ रहे हैं.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

लालू फैमिली ही नहीं, यूपी से लेकर तमिलनाडु तक इन सियासी परिवारों में भी पड़ चुकी फूट!
लालू फैमिली ही नहीं, यूपी से लेकर तमिलनाडु तक इन सियासी परिवारों में भी पड़ चुकी फूट!
दिल्ली ब्लास्ट: रोहतक की डॉक्टर प्रियंका शर्मा कश्मीर के अनंतनाग से डिटेन, अब परिवार ने क्या बताया?
दिल्ली ब्लास्ट: रोहतक की डॉक्टर प्रियंका शर्मा कश्मीर के अनंतनाग से डिटेन, अब परिवार ने क्या बताया?
Box Office: दुलकर सलमान की 'कांथा' ने निकाला आधा बजट, अब हिट टैग के लिए सरपट दौड़ रही फिल्म
दुलकर सलमान की 'कांथा' ने निकाला आधा बजट, अब हिट टैग के लिए सरपट दौड़ रही फिल्म
भारत के कितने क्रिकेटरों के पास है Lamborghini कार? 300 से ज्यादा की स्पीड से दौड़ती है रोहित शर्मा की कार
भारत के कितने क्रिकेटरों के पास है Lamborghini कार? 300 से ज्यादा की स्पीड से दौड़ती है रोहित शर्मा की कार
Advertisement

वीडियोज

ममता को मिलेगी 'INDIA' की कमान? विश्लेषकों का सटीक विश्लेषण
Lalu Yadav के सामने ही परिवार में चल गई चप्पल और गाली?
Bihar की तस्वीर बदल देगा NDA?
अमृत ​​मान इंटरव्यू | चमकने के लिए जन्मे | दिलजीत दोसांझ और सिद्धू मूस वाला | संगीत, सफलता और बहुत कुछ
हैप्पी खुश हो गया|  हंसी, प्यार और पागलपन फीट नरेश कथूरिया | दीदार गिल और संजीव अत्री
Advertisement
Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.77 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.67 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
लालू फैमिली ही नहीं, यूपी से लेकर तमिलनाडु तक इन सियासी परिवारों में भी पड़ चुकी फूट!
लालू फैमिली ही नहीं, यूपी से लेकर तमिलनाडु तक इन सियासी परिवारों में भी पड़ चुकी फूट!
दिल्ली ब्लास्ट: रोहतक की डॉक्टर प्रियंका शर्मा कश्मीर के अनंतनाग से डिटेन, अब परिवार ने क्या बताया?
दिल्ली ब्लास्ट: रोहतक की डॉक्टर प्रियंका शर्मा कश्मीर के अनंतनाग से डिटेन, अब परिवार ने क्या बताया?
Box Office: दुलकर सलमान की 'कांथा' ने निकाला आधा बजट, अब हिट टैग के लिए सरपट दौड़ रही फिल्म
दुलकर सलमान की 'कांथा' ने निकाला आधा बजट, अब हिट टैग के लिए सरपट दौड़ रही फिल्म
भारत के कितने क्रिकेटरों के पास है Lamborghini कार? 300 से ज्यादा की स्पीड से दौड़ती है रोहित शर्मा की कार
भारत के कितने क्रिकेटरों के पास है Lamborghini कार? 300 से ज्यादा की स्पीड से दौड़ती है रोहित शर्मा की कार
लालू परिवार में बवाल की असली वजह आई सामने, तेजस्वी पर लगे गंभीर आरोप, जानें क्यों रोहिणी ने सबसे तोड़ा नाता
लालू परिवार में बवाल की असली वजह आई सामने, तेजस्वी पर लगे गंभीर आरोप, जानें क्यों रोहिणी ने सबसे तोड़ा नाता
Special Feature: ऐश्वर्या राय सरकार, स्टाइल और संस्कृति का संगम
ऐश्वर्या राय सरकार: स्टाइल और संस्कृति का संगम
NEET PG 2025 राउंड 1 काउंसलिंग कल से शुरू, जानें चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया
NEET PG 2025 राउंड 1 काउंसलिंग कल से शुरू, जानें चॉइस फिलिंग की प्रक्रिया
यहां परिंदों के भी बनते हैं पासपोर्ट, फ्लाइट पकड़ने से पहले लेना पड़ता है एयरलाइन टिकट
यहां परिंदों के भी बनते हैं पासपोर्ट, फ्लाइट पकड़ने से पहले लेना पड़ता है एयरलाइन टिकट
Embed widget