CAA से जगी पाकिस्तानी शरणार्थियों में नागरिकता मिलने की उम्मीद, कहा- अभी होती है दिक्कतें
भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के ऐसे धार्मिक अल्पसंख्यक जो साल 2014 से पहले यहां आ गए थे उन्हें नागरिकता देने का कानून सीएए अब अमल में आ गया है. ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने बात की इन शरणार्थियों से कि अभी तक उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
लखनऊ: देशभर में समर्थन और विरोध के बीच नागरिकता कानून अमल में आ गया है. संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी और अब गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद भारत में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को देश की नागरिकता दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है.
ऐसे में इन तीन देशों से भारत आये लोग इस कानून को लेकर क्या सोचते हैं, उन्हें इससे क्या उम्मीदें हैं, इस कानून का विरोध करने वालों पर उनका क्या रुख है, इसपर एबीपी न्यूज़ ने ऐसे कई लोगों से बात की. ये सभी लोग सालों पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत से भारत आये थे और बहुत कोशिशों के बाद भी इन्हें अभी तक भारत की नागरिकता नहीं मिली है. लेकिन अब ये सभी लोग खुश हैं और इनके अंदर बरसों पुरानी अपनी मांग पूरी होने की उम्मीद भी जग गई है.
कुछ को पहले ही मिल चुकी है भारतीय नागरिकता
यूपी के लखनऊ के आलमबाग इलाके में रहने वाले सैकड़ों सिंधी सालों साल पहले पाकिस्तान से भारत आये थे. पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन का दबाव और उत्पीड़न से त्रस्त होकर ये सभी लोग भारत का वीजा लेकर यहां आ गए. भारत का माहौल देख इन्हें वापस पाकिस्तान जाने की हिम्मत नहीं हुई तो नागरिकता के लिए आवेदन कर दिया. कुछ चुनिंदा लोगों को छोड़कर ज़्यादातर लोगों को सालों भटकने के बावजूद नागरिकता नहीं दी गई. ऐसे में सबसे पहले हमने एक ऐसे शख्स से बात की जिसे नागरिकता मिल चुकी है.
उन्होंने बताया कि एक आम भारतीय की तरह उनके पास भारत का पासपोर्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड और पैन कार्ड जैसे दस्तावेज हैं. उन्होंने बताया कि नागरिकता मिलने के साथ एक रेड कार्ड दिया जाता है, जिसके आधार पर भारत के अन्य दस्तावेज बनवाये जा सकते हैं. इन्हें मिलने वाले पासपोर्ट में इनके जन्म स्थान के बारे में लिखा होता है यानी भारत की नागरिकता मिलने के बाद सिर्फ पासपोर्ट में ही पाकिस्तान का ज़िक्र होता है. बाक़ी सभी दस्तावेज़ वैसे ही होते हैं, जो एक आम भारतीय को मिलते हैं.
बिना नागरिकता के होती हैं ये दिक्कतें
इसके अलावा जिन लोगों को अबतक नागरिकता नहीं मिल सकी है, वो सभी लोग अब बेहद खुश हैं. सबको उम्मीद है कि अब बहुत जल्द इन्हें भारतीय नागरिक होने का हक मिल जाएगा. जब हमने पूछा कि बिना नागरिकता के इन्हें क्या दिक्कतें होती हैं तो इन लोगों ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई से लेकर नौकरी, कहीं आना-जाना और ऐसे काम जिसमें दस्तावेज की जरूरत होती है वह नहीं कर पाते हैं.
इन लोगों ने बताया कि चाहे अपना व्यापार करना हो, बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाना हो, सरकारी नौकरी हो, ऐसे काम बिना दस्तावेज के नहीं किए जा सकते हैं. इन शरणार्थियों ने कहा कि इस वजह से कौशल होते हुए भी उन्हें छोटे-मोटे काम कर गुजारा करना पड़ता है. हालांकि, इन लोगों ने कहा उन्हें अब इस बात की खुशी है कि उन्हें भी भारत की नागरिकता मिल जाएगी.
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