भारत जानवरों के मामले में दुनिया का बहुत ही खास देश है. क्योंकि यहां 104 नेशनल पार्क और 553 वन्य अभ्यारण्य हैं. भारत में पर्वतों पर बर्फीली जलावायु से लेकर रेगिस्तान तक देखने को मिलते हैं. यहीं कारण है कि देश-विदेश से पर्यटक लगातार भारत के अलग-अलग राज्यों में घूमने आते हैं.  इतना ही दुनिया में कई जानवर ऐसे भी हैं जो केवल भारत में दिखते हैं. आज हम आपको ऐसे ही जानवरों के बारे में बताने वाले हैं. 


एक सींग वाला गैंडा


एक सींग वाला गैंडा पहले पाकिस्तान और म्यांमार में भी पाया जाता था. लेकिन आज ये केवल भारत और नेपाल में देखने को मिलते हैं. जानकारी के मुताबिक इनकी संख्या करीब 3700 ही बची है. इन 3700 में से भी ज्यादातर असम के कांजीरंगा नेशनल पार्क में मिलते हैं. 


एशियाई बब्बर शेर 


ये शेर गुजरात के गिर नेशनल पार्क में पाए जाते हैं. यह शेरों की एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो अफ्रीकी शेरों से अलग है. एक समय था जब ये मध्य पूर्व से लेकर भारत के मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक में मौजूद थे. 1990 में इनकी संख्या 284 थी. लेकिन लगातार सरकार के ध्यान देने पर 2020 में इनकी संख्या 794 तक पहुंच गई हैं. 


बाघ


भारत में दुनिया के 70 फीसदी बाघ रहते हैं. लेकिन इसमें भी पट्टी धारी बाघ के केवल भारत के बंगाल राज्य में पाए जाते हैं. बता दें कि यहां 50 टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें करीब 3 हजार बाघ हैं. हालांकि इनके अवैध शिकार के कारण इनका अस्तित्व खतरे में है.


सोन चिड़िया


सोन चिड़िया या ग्रेड इंडियन बस्टर्ड विलुप्त होने की कगार पर आ चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक दुनिया में सोन चिड़िया बहुत कम बची हैं. इनके शिकार होने की वजह से ये विलुप्त होने की स्थिति में पहुंच गई हैं. ये चिड़िया भारत के 11 राज्यों के अलावा पाकिस्तान में पाई जाती हैं. 


वंडारू


पश्चिमी घाट के वर्षावनों में पाए जाने वाले लायन टेल्ड मकाक को वंडारू नाम से भी जाना जाता है. इन जानवरों की शेर जैसी पूंछ के अलावा फर वाला मुंह आकर्षित करता है. ये अक्सर पेड़ों पर ही रहना पसंद करते हैं. जानकारी के मुताबिक आज इनकी संख्या 3 से 4 हजार बची हुई है. ये सबसे ज्यादा केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य में देखे जाते हैं.


कश्मीरी हंगुल 


कश्मीरी हंगुल यूरोपीय लाल बाहरसिंगा की एक उप प्रजाति है. ये जानवर अक्सर जम्मू कश्मीर में पाए जाते है. हालांकि पहले ये हिमाचल प्रदेश में भी मिलते थे. जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में इनकी संख्या केवल 150 है. 



नीलगिरी तहर


नीलगिरी पश्चिमी घाट में मिलने वाले एक खास तरह की बकरी है. ये जानवर करीब 6500 फुट की ऊंचाई पर रहते हैं. एक समय पर ये घाट में हर जगह देखने को मिलती थे. लेकिन अब ये केवल नीलगिरी और अनामाली की पहाड़ियों में देखने को मिलती हैं. इसके अलावा केरल के एराविकुलम नेशनल पार्क में ये देखे जा सकते हैं.


बारहसिंगा 


बारहसिंगा हिरण के बाहर सिंग होते हैं, इसीलिए इन्हें बारह सिंगा कहते हैं. फिलहाल ये मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं. बता दें कि 1960 के दशक में ये विलुप्त हो गए थे. लेकिन सरकार द्वारा उसके बाद किए गए प्रयासों से इनकी जनसंख्या बढ़ने लगी और पार्क में ही 800 बारह सिंगा हैं. ये नेपाल और आसाम में भी देखने को मिलते हैं. 


किंग कोबरा


किंग कोबरा भारत में बहुत देखने को मिलते हैं. लेकिन अंडमान निकोबार में कोबरा की कई प्रजातियां देखने को मिलती हैं, इनमें से अंडमान कोबरा केवल यहीं देखने को मिलता है.


डॉलफिन


गंगा नदी में पाई जाने वाली डॉलफिन केवल भारत की गंगा नदी में प्रमुखता से देखने को मिलती है. डॉलफिन अक्सर साफ पानी में पाई जाती है. एक समय में ये गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी में बहुत अधिक संख्या में मिलती थी. लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो गई हैं और इनके संरक्षण पर काम हो रहा है. ये भारत के अलावा नेपाल और बांग्लादेश में भी मिलती हैं.


 


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