मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा आइजोल पूर्व-1 से चुनावी मैदान में हैं. मिजो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष जोरमथांगा 7वीं बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. वह तीन बार मिजोरम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. साल 2018 के विधानसभा में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया था. सीएम जोरमथांगा के सामने चुनावी मैदान में जोरम पीपुल्स मूवमेंट के उपाध्यक्ष लालथानसांगा उतरे हैं. आइजोल पूर्व-1 सीट एक समय में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था.

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चुनाव आयोग पर देश में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है. प्रत्येक चुनाव में, यह राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने के लिए एक आदर्श आचार संहिता जारी करता है.
आर्टिकल 324 चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण को लेकर अधिकार तय करता है. इसके अनुसार चुनाव आयोग कि चुनाव से संबंधित सभी जिम्मेदारी सौंपी जाती है.
भारत की आबादी का सबसे अधिक हिस्सा युवा है. युवाओं को वोट करने के लिए प्रेरित करने के लिए भारत सरकार हर साल 25 जनवरी को "राष्ट्रीय मतदाता दिवस" मनाती है.
हर तारीख को कई न कोई इतिहास बना होता है. 25 जनवरी को भी एक इतिहास बना. इस दिन चुनाव आयोग की स्थापना हुई. इसके अगले दिन यानी 26 जनवरी को भारत को गणतंत्र बनाने के लिए संविधान लागू हुआ.
चुनाव आयोग को देश में चुनावों का संरक्षक माना जाता है. यही देश में चुनाव करवाने वाली संस्था है.
चुनाव कई चरणों में करवाया जाता है. इसकी पूरी एक प्रक्रिया होती है. चुनाव आयोग पहले वोटिंग की तारीख की घोषणा करता है. इस घोषणा के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच "आदर्श आचार संहिता" लागू होती है. फिर चुनाव आयोग परिणामों की तारीख की घोषणा करता है. उस तारीख को चुनाव आयोग सभी उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी करता है.
विधान सभा के सदस्य राज्यों के लोगों के प्रत्यक्ष प्रतिनिधि होते हैं क्योंकि उन्हें किसी एक राज्य के 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के नागरिकों द्वारा सीधे तौर पर चुना जाता है। इसके अधिकतम आकार को भारत के संविधान के द्वारा निर्धारित किया गया है जिसमें 500 से अधिक और 60 से कम सदस्य नहीं हो सकते.
पहले आम चुनाव से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार है
आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा चुनावी तारीखों की घोषणा के बाद से ही लागू हो जाती है और जब तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तब तक रहती है.
Code of Conduct कहते हैं.
श्याम सरन नेगी कल्पा, हिमाचल प्रदेश में एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक ने 1951 में हुए स्वतंत्र भारत के पहले आम चुनाव में सबसे पहला मतदान किया.
25 अक्टूबर, 1951 से 21 फरवरी, 1952 तक