Karnataka Election Results 2023: कर्नाटक में कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, कुल 224 में से आधी से ज्यादा सीटों पर नतीजे घोषित हो चुके हैं, वहीं बाकी सीटों पर आखिरी दौर में काउंटिंग जारी है. अभी तक के रुझानों औ नतीजों में कांग्रेस 136 के बड़े बहुमत के साथ राज्य में सरकार बना रही है. यानी इस बार बीजेपी को करारा झटका लगा है. चुनाव नतीजों के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शिमला के जाखू हनुमान मंदिर पहुंचीं, जहां उन्होंने बजरंग बली के दर्शन किए. वही बजरंग बली, जिनका कर्नाटक के चुनाव में खूब जिक्र हुआ. बीजेपी ने इस मुद्दे को खूब उछाला, लेकिन बजरंग बली का असली आशीर्वाद कांग्रेस को मिला. क्योंकि तमाम उन इलाकों में कांग्रेस ने बीजेपी को पछाड़ा है, जिन्हें भगवा पार्टी का गढ़ माना जा रहा था. 


बजरंग बली का खूब हुआ जिक्र
सबसे पहले बजरंग बली की बात कर लेते हैं. दरअसल कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल जैसे संगठनों पर बैन लगाने की बात कही थी, जिसके बाद पीएम मोदी और बीजेपी ने इसे बजरंग बली से जोड़ दिया. कहा गया कि कांग्रेस बजरंग बली को टारगेट कर रही है, इसका जमकर प्रचार हुआ और तमाम नेताओं ने इसे हथियार बनाकर कांग्रेस पर वार किया. हालांकि इसका चुनावी फायदा बीजेपी को नहीं मिला. इसके उलट कांग्रेस को भारी बहुमत मिल गया और बीजेपी करीब 64 सीटों पर ही सिमटकर रह गई. 


प्रियंका ने लिया आशीर्वाद
अब कांग्रेस नेता बजरंग बली का सहारा लेकर बीजेपी पर तंज कस रहे हैं, रुझानों के बाद से ही कांग्रेस के कई कार्यकर्ता हाथों में बजरंग बली की तस्वीर और हाथ में गदा लिए दिखे. इसके अलावा प्रियंका गांधी भी शिमला में हनुमान मंदिर पहुंच गईं. जहां उन्होंने बजरंग बली का आशीर्वाद लिया और ध्यान भी लगाया. इसे प्रियंका गांधी का बीजेपी को जवाब माना गया. कांग्रेस ने भी बजरंग बली का ग्राफिक्स बनाकर इसे शेयर किया और लिखा- 'जय बजरंग बली तोड़ दी भ्रष्टाचार की नली...'






बीजेपी के किलों को किया ध्वस्त
अब आपको बताते हैं कि कांग्रेस को कैसे बजरंग बली का आशीर्वाद मिला और उसने बीजेपी के किन किलों को भेदने का काम किया है. पिछले चुनावों में जिन हिंदू बहुल इलाकों से बीजेपी को जमकर वोट मिले थे, इस बार वहां पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है. यानी बीजेपी ने अपना वोट बैंक खोया है. 


बेंगलुरु शहर 
कर्नाटक के बेंगलुरु शहर रीजन में कुल 28 सीटें आती हैं, जिनमें से बीजेपी ने 15 सीटें जीती हैं, वहीं कांग्रेस ने 13 सीटों पर कब्जा किया है. वहीं पिछले यानी 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस रीजन में 11 और कांग्रेस को 13 सीटें मिली थीं. यानी बीजेपी ने बेंगलुरु रीजन में बेहतर प्रदर्शन किया. 


ओल्ड मैसूर रीजन
इस रीजन को वैसे तो कांग्रेस का ही गढ़ माना जाता है, लेकिन बीजेपी ने पिछली बार यहां 15 सीटें हासिल की थी, जो इस बार कम होकर 5 हो गईं. इस बार रीजन की करीब 55 सीटों में से कांग्रेस ने 34 सीटों पर कब्जा किया है. 2018 में कांग्रेस को यहां से 20 सीटें मिली थीं. वहीं जेडीएस को सबसे ज्यादा 30 सीटों पर जीत मिली थी. यानी ओल्ड मैसूर से जेडीएस को कांग्रेस ने नुकसान पहुंचाया है. 


मुंबई कर्नाटक रीजन 
इस रीजन में बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर रहा है. मुंबई कर्नाटक रीजन में आने वाली करीब 50 सीटों में से बीजेपी ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस 17 सीटों पर जीती. जबकि पिछले चुनाव में बीजेपी को 26 सीटें और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं. 


कोस्टल कर्नाटक 
कर्नाटक के इस रीजन में करीब 21 सीटें आती हैं, जिनमें से बीजेपी ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने 8 सीटें जीती हैं. वहीं पिछले चुनाव की बात करें तो 2018 में कांग्रेस को महज 3 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी ने 16 सीटें जीती थीं. यानी यहां भी बीजेपी को नुकसान हुआ है. 


सेंट्रल कर्नाटक 
कर्नाटक के इस रीजन को बीजेपी का गढ़ कहा जाता था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने इस किले को ध्वस्त कर दिया. पिछले चुनाव में बीजेपी को सेंट्रल कर्नाटक में 21 सीटें मिली थीं, जबकि कांग्रेस को महज 7 सीटें ही मिल पाईं. इस बार यहां बीजेपी महज 6 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस ने 26 सीटें अपने नाम की हैं. 


हैदराबाद कर्नाटक रीजन 
हैदराबाद कर्नाटक रीजन में भी बीजेपी को नुकसान और कांग्रेस को फायदा मिला है. यहां की 31 सीटों में से कांग्रेस को 20 सीटों पर जीत मिली है, वहीं बीजेपी 8 सीटों तक सिमट गई. जबकि 2018 में बीजेपी को यहां से 15 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत दर्ज हुई. 


लिंगायतों के गढ़ में बीजेपी को नुकसान
बीजेपी को इस बार साउथ कर्नाटक, कित्तूर कर्नाटक और वेस्ट कर्नाटक में काफी नुकसान झेलना पड़ा है. कित्तूर सीएम बसवराज बोम्मई का क्षेत्र है, ऐसे में बीजेपी के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है. इस क्षेत्र में बेलागवी, धारवाड़, विजयपुरा, हावेरी, गडग, बागलकोट और उत्तर कन्नड़ जैसे जिले आते हैं. जहां बीजेपी ने पिछले चुनावों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. इस क्षेत्र में बीजेपी को करीब 15 सीटों का नुकसान हुआ है. बता दें कि कित्तूर में लिंगायतों का काफी दबदबा माना जाता है. इस रीजन में कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचा है. 


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