Indore Swine Flu Update: इंदौर में कोरोना के मामलों से राहत, बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के केस, अब तक 16 मरीज मिल चुके हैं H1N1संक्रमित
Indore Swine Flu: इंदौर शहर में कोरोना के मामलों को लेकर तो राहत है लेकिन स्वाइन फ्लू या एच1एन1 के मामले बढ़ रहे हैं. इस महीने अब तक 9 एच1एन1 के केस सामने आ चुके हैं.
Indore Swine Flu Update: इंदौर में कोरोना (Corona) के मामले बेशक घट रहे है लेकिन स्वाइन फ्लू (Swine Flu) या इंफ्लूएंजा एच1एन (H1N1) के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. वहीं शहर में H1N1 मामलों की बढ़ती संख्या ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. गौरतलब है कि इंदौर में फिलहाल स्वाइन फ्लू या एच1एन1 के कुल मामलों की संख्या 16 तक पहुंच गई है.
अगस्त महीने में इंदौर में 9 स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज
मीडिया रिपोर्ट्स क मुताबिक इस साल इंदौर में अब तक स्वाइन फ्लू के 16 मामले पॉजिटिव पाए जा चुकें हैं और इस महीने में ही करीब 9 मामले सामने आए हैं. वहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक, "शहर में स्वाइन फ्लू के 16 मामले पाए गए हैं, जिनमें से चार मरीजों का अभी भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है."
एच1एन1 टेस्टिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी हो सकते हैं
वहीं स्वाइन फ्लू के बढते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग एच1एन1 टेस्टिंग के लिए नए दिशानिर्देश जारी करने जा रहा है. इसके तहत मामलों के फाइनल कंफर्मेशन के लिए सरकारी लैब-एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब को ऑथराइज किया गया है. मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सत्या का कहना है कि, “हम मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. इलाज करा रहे मरीज स्थिर हैं और उन्हें जल्द ही अस्पतालों से छुट्टी मिल जाएगी. ”
एच1एन1 और कोरोना के लक्षणों को लेकर कंफ्यूजन
गौरतलब है कि शहर में एच1एन1 के मामले बढने के साथ ही, डॉक्टरों के बीच भ्रम की स्थिति भी बनी हुई है क्योंकि कोविड-19 और एच1एन1 के लक्षण समान हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को एच1एन1 टेस्टिंग के मरीजों के सैंपल तभी भेजने का निर्देश दिया है, जब मरीज 'सी कैटेगरी' में आता है.
H1N1 मरीजों की कितनी कैटेगिरी हैं
कैटेगिरी ए- A कैटेगिरी वाले मरीजों को टेस्ट की जरूरत नहीं होती है. इन मरीजों में हल्का बुखार, खांसी और गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, मतली और दस्त के लक्षण होते हैं. इन मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है.
कैटेगिरी बी - B कैटेगिरी वाले मरीजों को हाई ग्रेड फीवर होता है और वे उच्च जोखिम वाली श्रेणी में होते हैं. इन मरीजों में हल्की बीमारी वाले बच्चे, प्रेग्नेंट महिलाएं, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग और फेफड़े, लीवर, हृदय या किसी अन्य बीमारी के मरीज शामिल हैं.
कैटेगिरी सी- C कैटेगिरी वाले मरीजों में श्रेणी ए और बी के सभी लक्षण होते हैं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर तत्काल अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है.
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