Property Price Hike: अगर आप वित्त वर्ष 2023-24 में घर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. इंडिया रेटिंग और रिसर्च (India Ratings and Research) की रिपोर्ट के अनुसार नये वित्त वर्ष में आवासीय प्रॉपर्टी की मांग में इजाफे के कारण उनकी कीमतों में भी 5 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकता है. ऐसे में अगर आप मकान या फ्लैट खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग और रिसर्च ने दावा किया है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में घरों की कीमतों में 8 से 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.


दरअसल, मार्केट में मंदी और बढ़ती महंगाई के कारण घरों की कीमतों में इजाफा हुआ है. मगर हाउसिंग रियल एस्टेट सेक्टर इस दबाव को झेलकर अगले वित्त वर्ष में भी तेजी के साथ आगे बढ़ेगा. इंडिया रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में आवासीय रियल एस्टेट सेक्टर को 'सुधार' से बदलकर 'तटस्थ' कर दिया है.


घरों की बढ़ेगी डिमांड


रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भले ही आने वाले वक्त में घरों की कीमतों में इजाफा होगा मगर इससे घरों की मांग पर किसी तरह का असर नहीं पड़ने वाला है. वित्त वर्ष 24 में घरों की बिक्री में साल दर साल के हिसाब से 9 फीसदी का इजाफा दर्ज किया जा सकता है. ऐसे में बढ़ती महंगाई प्रॉपर्टी की मांग पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है.


घरों की कीमतों में क्यों हो रहा इजाफा


गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2022-23 में साल दर साल के हिसाब से मकान और फ्लैट की कीमतों में 8 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं यह तेजी वित्त 24 में भी जारी रहेगी और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में 5 फीसदी के दर से बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. Ind-Ra की रिपोर्ट के अनुसार घरों की कीमतों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण यह है कि बढ़ती महंगाई. महंगाई के कारण घरों के कंस्ट्रक्शन कास्ट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसमें 8 से 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां इसका भार ग्राहकों पर ही डाल रही है. अगले वित्त वर्ष में भी महंगाई की मार पड़ने वाली है और वित्त वर्ष 24 तक घर 5 फीसदी तक महंगे हो जाएंगे.


ग्राहकों पर पड़ रही दोहरी मार


हाउसिंग सेक्टर में जहां एक तरफ प्रॉपर्टी के दामों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ महंगी होम लोन ने लोगों पर महंगाई का और बोझ बढ़ा दिया है. पिछले साल मई से लेकर अब तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 250 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है. इस बढ़ोतरी का सीधा असर होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन की ब्याज दरों पर पड़ा है. लोगों को होम लोन लेने पर ज्यादा ईएमआई चुकाना पड़ रहा है. इसका सीधा असर देश के मिडिल क्लास वर्ग पर पड़ा है जिसके लिए घर का सपना और महंगा हो गया है. 


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