IDFC Bank: प्राइवेट सेक्टर के आईडीएफसी लिमिटेड (IDFC Limited) और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) का विलय होने जा रहा है. इस विलय को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के अधिकतर शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की चेन्नई बेंच ने यह मीटिंग आयोजित की थी. 


आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दी


आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने शेयरधारकों के इस फैसले की जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है. बैंक ने बताया कि मर्जर के प्रस्ताव को 99.95 फीसदी इक्विटी शेयरहोल्डर्स ने मंजूरी दी है. NCLT द्वारा आयोजित बैठक में ई वोटिंग और रिमोट ई वोटिंग के जरिए यह फैसला हुआ है. जल्द ही इस फैसले की घोषणा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल द्वारा भी की जा सकती है.


आरबीआई ने दिसंबर में दे दी थी मर्जर को मंजूरी 


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने दिसंबर, 2023 में आईडीएफसी लिमिटेड और इसकी बैंकिंग सब्सिडियरी आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के रिवर्स मर्जर की अनुमति दे दी थी. आईडीएफसी फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी लिमिटेड, आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने इस मर्जर को जुलाई, 2023 में मंजूरी दी थी. इस प्रस्तावित रिवर्स मर्जर स्कीम के तहत आईडीएफसी के शेयरहोल्डर्स को 100 शेयर के बदले 155 शेयर मिलेंगे. आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर्स की फेस वैल्यू 10 रुपये होगी. 


शनिवार को स्पेशल ट्रेडिंग के दौरान उछले शेयर 


आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के विलय को मंजूरी मिलने के चलते इनके शेयर में शनिवार को स्पेशल ट्रेडिंग के दौरान उछाल देखा गया. आईडीएफसी का शेयर बीएसई पर 0.10 रुपये ऊपर जाकर 114.35 रुपये पर बंद हुआ. साथ ही आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का शेयर भी 0.20 रुपये उछलकर 77.44 रुपये पर बंद हुआ है.  


साल 2015 से शुरू हुआ था आईडीएफसी फर्स्ट बैंक


आईडीएफसी लिमिटेड की स्थापना 1997 में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग के लिए हुई थी. साल 2014 में कंपनी को आरबीआई ने बैंकिंग सेक्टर में आने की मंजूरी दे दी थी. इसके बाद अक्टूबर, 2015 से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कामकाज शुरू किया था.


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