नई दिल्ली: अरबपति बर्मन परिवार द्वारा चलाई जा रही कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड अपने दो साल में सबसे धीमी गति से बढ़ने वाली कंपनियों का अधिग्रहण करने और बिक्री को दोबारा बढ़ाने के लिए मोटी रकम खर्च करने जा रही है. कंपनी के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी.


मोहित मल्होत्रा ​​ने कहा कि हेल्थ केयर, पर्सनल केयर और खाने की चीजों में विकल्प तलाश रही है. डाबर टारगेट सैट कर 1 बिलियन से 10 बिलियन रुपये वाली कंपनियों को खरीदना चाहता है. मल्होत्रा ​​ने कहा, "हमने कंपनियों को खरीदने के लिए एक वार चेस्ट तैयार किया है और इसके लिए कंपनी के पास करीब 35 बिलियन रुपये (490 मिलियन डॉलर) तक की रकम है. उन्होंने कहा कि मंदी के साथ, कुछ सौदे सस्ते हो जाएंगे जो पहले बहुत महंगे थे."


पिछले 6 सालों में सबसे खराब हालत


डाबर, भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी लिमिटेड और बिस्किट निर्माता ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड सहित कई कंपनियों ने पिछले छह सालों में सबसे धीमी वृद्धि की है. क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे अधिक आबादी वाले उपभोक्ताओं की खरीद में कटौती पाई गई, जो कम से कम 2014 के बाद से सबसे कम है.


कंपनी ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचने के लिए देश के दूरदराज के हिस्सों में कंपनी का विस्तार करने जा रही है. मल्होत्रा ​​ने कहा कि यह अगले साल मार्च तक 55 हजार गांवों को कवर करने और अगले साल अप्रैल-मार्च 2021 तक करीब 44 हजार गांवों को कवर करने के लिए अपने ग्रामीण नेटवर्क का विस्तार करने जा रही है.


ऐसी कंपनियों की है तलाश


मल्होत्रा ​​ने कहा, "हम उस तरह की कंपनियों को खरीदने की उम्मीद कर रहे हैं जो हमें ग्रामीण भारत में ले जाती हैं साथ ही शहरी और ग्रामीण छवि के बीच की खाई को मिटाने में हमारी मदद करती हैं." धीमी अर्थव्यवस्था के बीच ग्राहकों को सस्ते ब्रांडों की ओर रुख करने के लिए, डाबर ने हेयर ऑयल, टूथपेस्ट और फ्रूट ड्रिंक के छोटे पैकेट बेचने शुरू किए.


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