Business Startup Classroom: मैंने अपने अनुभव में देखा है कि बिजनेस शुरू करने से पहले, ये फैसला करना कि आपके बिजनेस के लिए कौन सी लीगल एंटिटी सही रहेगी, इसको लेकर बहुत कंफ्यूजन रहती है. हमने खुद SkillingYou शुरू करने से पहले, महीनों तक इस पर समय निकाल दिया था, फैसला ही नही कर पा रहे थे कि कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड, पार्टनरशिप या किसी और एंटिटी में रजिस्टर करें. हालांकि ये बेहद जरुरी है आप कि आप इस मुद्दे पर सही फैसला लें और सही समय पर ले पायें. तो चलिए आपके स्टार्टअप के लिए किस एंटिटी में रजिस्टर करना सही रहेगा.


एंटिटी कितने टाइप की होती हैं


सबसे पहले तो ये समझ लेते हैं की हमारे यहां लीगल एंटिटी के प्रकार कितने हैं जो बिजनेस या किसी भी तरह के फर्म को चलाने के लिए काम आते हैं. हर एंटिटी के अपने फायदे और नुकसान हैं. आपके लिए कौन सी एंटिटी सही रहेगी इसके लिए ये जानना जरुरी है कि आपका स्टार्टअप क्या है और उसमे आपके लॉन्ग टर्म गोल क्या हैं, तो स्टार्टअप गोल से समझने से पहले, ये समझ लेते हैं कि एंटिटी टाइप समझ लेते हैं. आप इनमे से कोई एक एंटिटी टाइप अपने स्टार्टअप के लिए चुन सकते हैं.


1- प्रोपराइटरशिप – जैसे की नाम खुद बता रहा है, ये किसी भी एक व्यक्ति द्वारा रजिस्टर किया जा सकता है, ये सबसे आसान लीगल एंटिटी होती है, छोटे दुकानदार, जैसे कोई शॉप, जनरल स्टोर, कंसल्टिंग,  के लिए सबसे उपयुक्त होता है. इसका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस बहुत ही आसान और कम खर्चे में हो जाता है. इसमें आप इसे अपने नाम से भी चला सकते हैं, इसके लिए कोई और नाम रखने की जरुरत भी नहीं होती है. इसमें टैक्स फाइलिंग बहुत ही आसान होती है. 


२- पार्टनरशिप- ये कम से कम दो पार्टनर्स के बीच होती है, जो बिजनेस या स्टार्टअप के मालिक होते हैं, जब आप किसी के साथ मिलकर कोई बिजनेस चलाना चाहते हैं तो ये सबके उपयुक्त तरीका है रजिस्टर करने का, इसमें भी टैक्स फाइलिंग आसानी से हो जाती है, कम खर्चे वाला रजिस्ट्रेशन होता है. ये छोटे या बड़े बिजनेस के लिए उपयुक्त रहता है, अगर आप उसे कई सारे राज्यों में नहीं सोच रहे हैं या आपके बिजनेस में इन्वेस्टर्स की जरुरत नहीं पड़ रही है तो. 


3- प्राइवेट लिमिटेड- अगर आप एक बड़े बिजनेस या स्टार्टअप के बारे में सोच रहे हैं जिसे देश के किसी भी हिस्से में ऑपरेट करना चाहते हैं, तो ये सबसे उपयुक्त तरीका है शुरू करने का. इसमें कम से कम दो डायरेक्टर्स की जरुरत होती है, जो शेयर होल्डर भी कहे जाते हैं. इसका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पहले के दो प्रकारों से बहुत अलग और खर्चीला होता है, साथ इसका एक फिक्स्ड सालाना खर्च भी होता है, जो इसके टैक्स, ऑडिट, ROC फाइलिंग के लिए आपको CA को देना पड़ता है. 


एक स्टार्टअप के लिए ये सबसे उपयुक्त एंटिटी है, क्योंकि आप अपने स्टार्टअप को देश और विदेश में भी ले जाना कहते हैं, साथ ही आपके साथ आपके को-फाउंडर भी होते है. जहां शेयर ट्रान्सफर करना आसान हो जाता है. इसके साथ ही, फंडिंग के लिए इन्वेस्टर्स सबसे ज्यादा प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों को ही प्रेफर करते हैं. 


4- लिमिटेड लाइबिलिटी कंपनी-जैसा की वर्ड में ही लिमिटेड लाइबिलिटी लगा है, इसमें प्राइवेट लिमिटेड के हिसाब से कम खर्च और आसान प्रोसेस से चलाया जा सकता है, इसमें भी कम से दो पार्टनर्स की जरुरत पड़ती है,  इसके लिए हर पार्टनर को शेयर की साझेदारी के हिसाब से ही जिम्मेदारी और अधिकार  मिलते हैं और एक पार्टनर अपनी जिम्मेदारी के लिए ही जवाबदेह होता है. 


हर लीगल एंटिटी के अपने फायदे और नुकसान हैं, आप जब भी अपने स्टार्टअप के लिए कुछ ऐसा सोच रहे हैं तो किसी भरोसेमंद CA से मिलकर उसे अपने बिजनेस प्लान के बारे में बताएं और उससे राय लें की किस तरह के एंटिटी में रजिस्टर करना सही रहेगा.




नोटः लेखक Skilling You के संस्‍थापक और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.


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