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Budget 2022: वित्त मंत्री से बजट में होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग
India Budget 2022: रियल एस्टेट हेवलपर्स ने वित्त मंत्री होमलोन के ब्याज और मूलधन पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाने की मांग की है.
![Budget 2022: वित्त मंत्री से बजट में होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग Budget 2022 Home Loan Tax Deduction on Interest limit be raised to 5 lakh. Real Estate Sector Demand Relief For Homebuyers Budget 2022: वित्त मंत्री से बजट में होमलोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/7/2017/01/04115202/3-You-can-claim-additional-deduction-on-home-loan-interest.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Budget 2022: अगले 15 दिनों बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी. मोदी सरकार के बजट से रियल एस्टेट इंडस्ट्री को भी काफी उम्मीदें है. रियल एस्टेट सेक्टर पर कोरोना महामारी का बुरा प्रभाव पड़ा है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट देने के लिए वित्त मंत्री की ओर से कई ऐलान करने की उम्मीद पाले हुए है. जिसमें डेवलपर्स के साथ-साथ होमबायर्स को टैक्स छूट के साथ अन्य रियायतें शामिल है.
होमबायर्स को मिले राहत
ग्लोबल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट नाइट फ्रेंक इंडिया (Knight Frank India) का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर को टॉनिक देने के लिए बजट में होम लोन के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक की जानी चाहिए. वहीं, प्रिंसिपल अमाउंट पर 80सी में अलग से 1.50 लाख रुपये तक छूट दी जाए. नाइट फ्रेंक इंडिया का कहना है कि भारत की GDP में रियल एस्टेट सेक्टर की सबसे बड़ी हिस्सेदार है तो दूसरा दूसरा सबसे बड़ा एम्प्लायर है. इस सेक्टर से 200 से ज्यादा इंडस्ट्रीज जुड़ी हैं. इनमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सर्विसेज इंडस्ट्री शामिल हैं. कोरोना महामारी का इस सेक्टर पर काफी तगड़ा असर हुआ. ऐसे में इस सेक्टर में तेज रिकवरी के लिए बजट से उम्मीदें पाले हुए है.
होम लोन के ब्याज पर 5 लाख हो टैक्स छूट
नाइट फ्रेंक इंडिया ने अपनी बजट सिफारिशों में कहा है कि इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के अंतर्गत हाउसिंग लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. इसके अलावा, प्रिंसिपल अकाउंट पर भी अलग से 1.50 लाख रुपये तक सालाना डिडक्शन का प्रावधान किया जाए. सेक्शन 80 में अलग से प्रिंसिपल अमाउंट पर यह छूट दी जाए. इससे अफोर्डेबल हाउसिंग को भी बूस्ट मिलेगा. जिससे होम बॉयर्स को टैक्स में बड़ी राहत मिल सकेगी और उनपर टैक्स के बोझ को घटाने में मदद मिलेगी और रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होगा.
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