एक्सप्लोरर

खेल में इन तमाम चुनौतियों से कुश्ती लड़ती हैं महिलाएं, यौन हिंसा को लेकर क्यों नहीं है कोई कमेटी?

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पिछले कई दिनों से देश के तमाम बड़े पहलवान प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला पहलवानों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप उन पर लगाए हैं. अब खेल मंत्री के आश्वासन के बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया है और एक कमेटी बना दी गई है. जो चार हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस पूरे मामले को लेकर भारतीय जनवादी महिला समिति की उपाध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी जगमति सांगवान ने Abplive.com से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे महिलाओं को खेल में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पढ़ें जगमति सांगवान का ये पूरा ब्लॉग...

कुश्ती संघ पर जो आरोप लगाए गए हैं वो काफी गंभीर आरोप हैं. जिसमें लड़कियों के साथ यौन हिंसा, उनके वजीफे के पैसे, उनकी आर्थिक मदद के पैसे उन्हें नहीं दिए जाने और खिलाड़ियों के साथ मारपीट करने जैसे मामले काफी गंभीर हैं. ये काफी अच्छी बात है कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाया है. हम खुद खेल से जुड़े हुए हैं, हमने देखा है कि ये जो खेल संघ है वहां जिस तरह का वातावरण है वो काफी चिंताजनक है. वहां पर कोई यौन हिंसा विरोधी कमेटियां नहीं बनाई गई हैं. इनमें कोई भी पारदर्शिता नहीं है. नीचे से लेकर ऊपर तक वही सब हो रहा है जो इन खिलाड़ियों ने आरोप लगाए हैं. 

महिला खिलाड़ियों के सामने चुनौतियां
लड़कियों की बात करूं तो ज्यादातर महिला खिलाड़ी ऐसी हैं जो गरीब परिवार से आती हैं. उनके सामने आर्थिक चुनौती होती है. उसके साथ-साथ उन्हें जहां अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना है वहां उन्हें अपनी इज्जत की रक्षा का बोझ भी लेकर चलना पड़ता है. क्योंकि जो माहौल है वो उनका भरोसा नहीं जगाता है कि उनकी इज्जत की रक्षा हो सकती है. महिला खिलाड़ी बहुत तरह के बोझ अपने सिर पर ढोने के लिए मजबूर हैं. खेल संघों के अंदर कई लोग ऐसे होते हैं जो इन लड़कियों की अस्मिता का शिकार करते हैं. इसीलिए खेल मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए. 

अगर लड़कियों को अच्छा वातावरण मिलेगा और सरकार की तरफ से सुविधाएं मिलेंगी तो खेल के प्रति उनकी इच्छा और ज्यादा बढ़ेगी. आज लड़कियां हर खेल में आने को तैयार हैं, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था. मैं खुद एक किसान परिवार से हूं, मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर तक इसलिए खेल पाई क्योंकि हरियाणा के अंदर एक सरकारी खेल-कूद महाविद्यालय था. ये स्पोर्ट्स कॉलेज आज के दिन बंद पड़ा है. खेल के लिए अब प्राइवेट कॉलेज में जाना होता है और लड़के-लड़कियों को भारी खर्चा करना पड़ रहा है. परिवार को पूरे परिवार का बजट निचोड़कर इसमें लगाना पड़ता है. ऐसे में सरकारों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि जिस क्षेत्र में युवा आगे बढ़ रहे हैं वहां सुविधाएं दें. 

अगर इस ताजा मामले की मैं बात करूं तो अब इसमें कमेटी बनाई गई है. इस कमेटी का रेफरेंस किसी को पता नहीं है. कमेटी में जो चेहरे हैं उनमें कोई भी जेंडर के मुद्दे पर काम करने वाले चेहरे और मानवाधिकारों पर काम करने वाले लोग शामिल नहीं हैं. खिलाड़ियों ने पहले ही साफ किया था कि बृजभूषण के अध्यक्ष रहते निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है. अभी वो अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि कमेटी की कितनी निष्पक्ष जांच होगी. फिलहाल कमेटी के जो चेहरे हैं वो सरकार के पक्ष में नजर आ रहे हैं. 

सरकार ने बाहुबली को क्यों बनाया अध्यक्ष
जो कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं उनका इतिहास एक बाहुबली के तौर पर रहा है. सरकार खुद उस अध्यक्ष के साथ जूझ रही है. सरकार ने इस तरह के पदों पर ऐसे लोगों को बिठाया है, ये न्याय प्रक्रिया को अवरुद्ध करने वाले लोग हैं. साथ ही इन्होंने खेल के वातावरण को भी खराब किया है. सरकार को अब खुद इस चीज का एहसास हो रहा है कि ये अब उनकी भी सुन नहीं रहे हैं. वो कह रहे हैं कि मुझे लोगों ने चुना है और मैं किसी की दया से नहीं बना हूं. ये सभी को पता है कि अध्यक्ष को जनता नहीं बल्कि राज्यों की एसोसिएशन चुनती हैं. सरकार के पास अधिकार है कि वो उन्हें इस पद से हटा सकती है.   

महिलाओं के पक्ष में माहौल की जरूरत
जहां तक महिला खिलाड़ियों का सवाल है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में देखने को मिला है. हरियाणा जिसे खेल का हब कहा जाता है, वहां के खेल मंत्री पर एक जानी मानी एथलीट ने गंभीर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, लेकिन सरकार पूरे मामले पर लीपापोथी कर रही है. भले ही उनसे खेल महकमान वापस लिया गया है, लेकिन आज भी वो कैबिनेट मिनिस्टर हैं. खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री बिना कमेटी की जांच के ये कह रहे हैं कि लड़की ने अनर्गल आरोप लगाए गए हैं. तो वो तमाम एजेंसियों को सिग्नल दे रहे हैं कि आपको इस पर किस तरह कार्रवाई करनी है. मैंने खुद पीटी ऊषा को खुला पत्र लिखा और कहा कि इन्हें हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटाया जाना चाहिए. 

हर स्तर पर काम करने की जरूरत
कुश्ती, हॉकी और बॉक्सिंग में जो भी लड़कियां खेलने जाती हैं, उनके मां-बाप उन्हें लेने और छोड़ने जाते हैं. इसके अलावा उनके साथ वहां मौजूद रहते हैं. इस तरह के परिवार पर लगातार बोझ बढ़ता है. इसके लिए व्यवस्था करने की जरूरत है. हरियाणा सरकार खुद खेल नर्सिरीज को बंद करने का काम कर रही है. नीचे के स्तर पर ये काफी समस्याएं हैं. पूरे खेल जगत को महिलाओं की दृष्टि से सुरक्षित बनाने के लिए और आम खिलाड़ियों के परिवारों की नजर में जिम्मेदार संस्था के लिए अलग-अलग स्तर पर काम करना होगा. इस पर सरकार को, समाज को, अभिभावकों को भी और समाजिक संगठनों को भी काम करने की जरूरत है. 

आज जिन खिलाड़ियों ने जो ये आवाज उठाई है, उन्होंने अपना करियर दांव पर लगाकर आवाज उठाई है. इसमें अगर पारदर्शी तरीके से न्याय होता है तो निश्चित तौर पर अभिभावकों और खिलाड़ियों के मन में ये आएगा कि उनके साथ गलत होगा तो किसी को बख्शा नहीं जाएगा. हालांकि अभी जो ढीला रवैया चल रहा है उससे परिवारों की चिंता बढ़ रही है. हम हरियाणा के गांवों में देख रहे हैं कि लोगों में काफी आक्रोश है, लोग पूछ रहे हैं कि सरकार अध्यक्ष को हटा क्यों नहीं रही है. 

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
for smartphones
and tablets

वीडियोज

PM Modi का सपना साकार करेंगे बनारस के लोग? देखिए ये ग्राउंड रिपोर्ट | Loksabha Election 2024Mumbai Breaking News: आंधी ने मचाया कोहराम, होर्डिंग गिरने से 8 की मौत और 100 से ज्यादा घायलLoksabha Election 2024: देश में चौथे चरण की 96 सीटों पर आज 63 फीसदी मतदान | BJP | Congress | TmcSushil Modi Pass Away in Delhi AIIMS : बिहार के पूर्व डिप्टी CM सुशील मोदी का निधन

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
PM Modi Nomination: 12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
12 राज्यों के सीएम, सहयोगी दलों के 6 चीफ... पीएम मोदी के नामांकन में आने वाले VVIP की ये है लिस्ट
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सुशील कुमार मोदी के निधन पर भावुक हुए लालू यादव, कहा- '51-52 वर्षों से हमारे मित्र रहे...'
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
सलमान खान को माफ कर सकता है बिश्ननोई समाज, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक्टर के आगे रखी ये शर्त
Lok Sabha Elections 2024: बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
बंगाल में सबसे ज्यादा तो जम्मू-कश्मीर में सबसे कम वोटिंग, जानें चौथे चरण में कितना हुआ मतदान
TVS iQube: टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
टीवीएस ने किया iQube लाइन-अप को अपडेट, दो नए वेरिएंट्स हुए शामिल
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
अखिलेश यादव पर जूते-चप्पल नहीं फूल मालाएं बरसा रहे हैं वीडियो में लोग
Chabahar Port: भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
भारत और ईरान के इस फैसले से पाकिस्तान-चीन को लग जाएगी मिर्ची, जानें क्या है मामला
Kidney Transplant: क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
क्या ट्रांसप्लांट के वक्त पूरी तरह हटा देते हैं खराब किडनी, ट्रीटमेंट में कितने रुपये होते हैं खर्च? जानें पूरा प्रोसेस
Embed widget