एक्सप्लोरर

लोकसभा चुनाव परिणाम 2024

UTTAR PRADESH (80)
43
INDIA
36
NDA
01
OTH
MAHARASHTRA (48)
30
INDIA
17
NDA
01
OTH
WEST BENGAL (42)
29
TMC
12
BJP
01
INC
BIHAR (40)
30
NDA
09
INDIA
01
OTH
TAMIL NADU (39)
39
DMK+
00
AIADMK+
00
BJP+
00
NTK
KARNATAKA (28)
19
NDA
09
INC
00
OTH
MADHYA PRADESH (29)
29
BJP
00
INDIA
00
OTH
RAJASTHAN (25)
14
BJP
11
INDIA
00
OTH
DELHI (07)
07
NDA
00
INDIA
00
OTH
HARYANA (10)
05
INDIA
05
BJP
00
OTH
GUJARAT (26)
25
BJP
01
INDIA
00
OTH
(Source: ECI / CVoter)

BLOG: सर्जिकल स्ट्राइक से चुनावी लाभ

यहां हम गर्व से कह सकते हैं कि भारतीय सेना के शानदार कारनामे से पाकिस्तान की सेना अभी तक उभर नहीं सकी है, वहां की सेना और सरकार ने अभी तक नहीं सर्जिकल स्ट्राइक होने को नहीं स्वीकारा है. वहां की सेना और आतंकवादी इसका बदला लेने के लिए तरस रहे हैं लेकिन एक साल में भारत पर एक भी बड़ा आतंकवादी हमला करने में कामयाब नहीं हुए हैं.

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के एक साल बाद भी इसके नफा-नुकसान पर बहस जारी है. सर्जिकल स्ट्राइक के पक्ष के लोग कहते हैं कि भारत ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर करार जवाब दिया है. स्ट्राइक से पहले के एक साल में 100 आतंकवादी मारे गये थे और उसके एक साल बाद 178 आतंकवादियों को मारने में भारतीय सेना ने सफलता पाई है. उधर स्ट्राइक का विरोध करने वाले कहते हैं कि इससे सीमा पर या सीमा के अंदर आतंकवाद को रोका नहीं जा सका है. स्ट्राइक से पहले के नौ महीनों में भारत के 38 सैनिक आंतकवादी हमलों में घाटी में शहीद हुए थे लेकिन स्ट्राइक के एक साल बाद उनका आंकड़ा बढ़ कर 69 हो गया है. सवाल उठता है कि सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता और असफलता को हम शहीद सैनिक बनाम आतंकवादियों की मौत के आंकड़े से तौल सकते हैं या इसके गहरे अर्थ निहित हैं. वैसे कहने को तो लोग यहां तक कह रहे हैं कि मोदी सरकार से पहले भी भारतीय सेना सीमा पार जाकर हमले करती रही थी, लेकिन तब की सरकारें उसकी उस तरह नुमायश नहीं करती थी जैसा कि मोदी सरकार कर रही है. हालांकि भारतीय सेना ऑफ द रिकार्ड तो यही कहती रही है कि दुश्मन को टार्गेट बनाकर बाकायदा योजना बनाकर पहली बार इस तरह का हमला किया गया और उसमें शत प्रतिशत सफलता भी हासिल की गयी लिहाजा इसे सर्जिकल स्ट्राइक कहा जा सकता है. वैसे दिलचस्प तथ्य है कि इस हमले के एक साल भी हमें यह नहीं पता कि भारतीय सैनिक पाकिस्तान सेना के कितने जवानों और कितने आतंकवादियों को मार कर आए. सेना का कहना है यह आंकड़ा जरुरी नहीं है. जरुरी यह था कि भारत का एक भी सैनिक वहां छूटना नहीं चाहिए था और ऐसा हुआ भी. हम सेना के कथन पर यकीन करते हुए इस बहस को तो विराम देते हैं लेकिन यह सवाल तो हमेशा उठता ही रहेगा कि आखिर सर्जिकल स्ट्राइक से हम पाकिस्तान की सरकार, वहां की सेना और आंतकवाद को पनाह देने वाली आईएसआई को कितने दबाव में डालने में कामयाब हुए. यहां हम गर्व से कह सकते हैं कि भारतीय सेना के शानदार कारनामे से पाकिस्तान की सेना अभी तक उभर नहीं सकी है, वहां की सेना और सरकार ने अभी तक नहीं सर्जिकल स्ट्राइक होने को नहीं स्वीकारा है. वहां की सेना और आतंकवादी इसका बदला लेने के लिए तरस रहे हैं लेकिन एक साल में भारत पर एक भी बड़ा आतंकवादी हमला करने में कामयाब नहीं हुए हैं. घाटी में भी उनकी गतिविधियों में कुछ हद तक कमी देखी जा सकती है. पत्थरबाजी के पीछे उनकी तरफ से मिलने वाले पैसों का खुलासा हुआ है. अलगाववादियों के चेहरे बेनकाब हुए हैं. भारतीय सेना ने चुन चुन कर घाटी में छुपे आतंकवादियों को मार गिराना शुरु का है. लश्कर से लेकर अन्य संगठनों के स्थानीय सरगना मारे गये हैं. सबसे बड़ी बात कि इस एक साल में सेना पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का कोई गंभीर आरोप नहीं लगा है. लेकिन क्या इतने भर से हमें खुश हो जाना चाहिए. पाकिस्तान अभी भी सीमा पार से आतंकवादी भेज रहा है. अभी भी वहां लांचिग पैड बने हुए हैं जहां से आतंकवाद घाटी में घुसने के मौके देख रहे हैं, पाकिस्तान ने एक साल में 450 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया है, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग कर बेगुनाह भारतीयों को मारा है, घाटी के अंदर सेना को प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, यहां तकि सेना को एक कश्मीरी नागरिक को अपनी जीप के आगे बांध कर ले जाना पड़ा ताकि कुछ नागरिकों की जान बचाई जा सके, भारत को लेकर पाकिस्तान की नीति में कोई फर्क नहीं आया है यहां तक कि चीन भी आतंकवाद के मुददे पर पाकिस्तान का साथ देने लगा है. भारत और कश्मीर के बीच बातचीत बंद है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम पाकिस्तान को नीचा दिखाने में कामयाब हुए हैं लेकिन सीमा पर तनाव कम नहीं कर पाए हैं. सच्ची बात तो यह है कि भारत से ज्यादा नये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान पर दबाव डालने में ज्यादा कामयाब हुए हैं. कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि पाकिस्तान और कश्मीर को लेकर केन्द्र सरकार की दश्कों पुरानी नीतियों को बदलने से मोदी सरकार को चुनावों में कहीं राजनीतिक फायदा जरुर हुआ हो लेकिन घाटी में घमासान वैसा ही मचा हुआ है. यहां तर्क दिया जा सकता है कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिए मोदी सरकार को वक्त दिया जाना चाहिए. आखिर दश्कों तक चली नीतियों से भी कहां पाकिस्तान को हम थामने में कामयाब हो सके थे और घाटी में अलगाववादियों को सरकारी सब्सिडी से हम घाटी में जबरन शांति खरीद रहे थे. जब सात साल अटलबिहारी वाजपेयी और दस साल हमनें मनमोहनसिंह सरकार को दे दिये तो मोदी सरकार की कश्मीर नीति को तीन साल में खारिज नहीं किया जा सकता. अलबत्ता नीति में हो रहे यू टर्न जरुर चिंतित करते हैं कि आखिर हमारे पास क्या कोई नीति है भी या हम हवा हवाई ज्यादा हो रहे हैं. अंत में, कहा जाता है कि सत्तारुढ़ दल अपने राजनीतिक मकसद को पूरा करने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाते हैं. वैसे किसी भी लोकतांत्रिक देश में सैनिक कार्रवाई की आड़ में अगर राजनीतिक हित भी सध रहे हों और सेना का मनोबल भी बढ़ रहा हो तो उससे बड़ी कोई दूसरी कामयाबी नहीं हो सकती. इस नजरिए से देखा जाए तो सर्जिकल स्ट्राइक को दस में से बीस नंबर दिये जा सकते हैं. घाटी में एक जगह स्ट्राइक होती है और पूरे भारत में मोदी के नाम का डंका बजता है. देशभक्ति का ज्वार पैदा किया जाता है. इससे मूल मुद्दे हाशिए पर रखने में आसानी होती है. विपक्ष को बैकफुट पर लाया जाता है. पंचायत हो या नगर निगम नगर पालिका या फिर विधानसभा सत्तारुढ़ दल चुनाव जीत लेता है. (नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)
और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में मानसून की होगी एंट्री, यूपी-दिल्ली वालों को करना होगा इंतजार, जानें देशभर का मौसम
महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में मानसून की होगी एंट्री, यूपी-दिल्ली वालों को करना होगा इंतजार, जानें देशभर का मौसम
फर्जी आधार कार्ड से संसद भवन में घुसने की कोशिश, तीन गिरफ्तार
फर्जी आधार कार्ड से संसद भवन में घुसने की कोशिश, तीन गिरफ्तार
16 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने की थी 15 साल बड़े सुपरस्टार से शादी, फिल्मों में दे चुकी हैं ग्लैमरस रोल, पहचाना क्या?
16 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने की थी 15 साल बड़े सुपरस्टार से शादी, जानें कौन हैं वो
क्रिकेट फैंस की मौज, Ind vs Pak के बीच वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए ऐसे पाएं Hotstar का फ्री सब्सक्रिप्शन
क्रिकेट फैंस की मौज, Ind vs Pak के बीच वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए ऐसे पाएं Hotstar का फ्री सब्सक्रिप्शन
metaverse

वीडियोज

Breaking News: JDU ने शुरू की अग्निवीर योजना पर सियासत, कर दी ये बड़ी मांग | Nitish KumarGullak Season 4 Review: ये सीरीज आपकी-हमारी कहानी है, बचपन की गलियों में ले जाती 'गुल्लक' दिल जीत लेगीआज 11 बजे तक की NDA के संसदीय दल की बैठक आज, मोदी को संसदीय दल का नेता चुना जाएगा | Elections 2024Breaking: संसद भवन में घुस रहे 3 मजदूरों को पकड़ा गया..तीनों के पास से मिला फर्जी आधार कार्ड

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में मानसून की होगी एंट्री, यूपी-दिल्ली वालों को करना होगा इंतजार, जानें देशभर का मौसम
महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में मानसून की होगी एंट्री, यूपी-दिल्ली वालों को करना होगा इंतजार, जानें देशभर का मौसम
फर्जी आधार कार्ड से संसद भवन में घुसने की कोशिश, तीन गिरफ्तार
फर्जी आधार कार्ड से संसद भवन में घुसने की कोशिश, तीन गिरफ्तार
16 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने की थी 15 साल बड़े सुपरस्टार से शादी, फिल्मों में दे चुकी हैं ग्लैमरस रोल, पहचाना क्या?
16 की उम्र में इस एक्ट्रेस ने की थी 15 साल बड़े सुपरस्टार से शादी, जानें कौन हैं वो
क्रिकेट फैंस की मौज, Ind vs Pak के बीच वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए ऐसे पाएं Hotstar का फ्री सब्सक्रिप्शन
क्रिकेट फैंस की मौज, Ind vs Pak के बीच वर्ल्ड कप मैच देखने के लिए ऐसे पाएं Hotstar का फ्री सब्सक्रिप्शन
Khesari Lal Yadav: यूपी में क्यों हार गए निरहुआ? हिट मशीन खेसारी लाल यादव ने बताया कारण
यूपी में क्यों हार गए निरहुआ? हिट मशीन खेसारी लाल यादव ने बताया कारण
Flashback Friday: 'हम पांच' कैसे बना एकता कपूर की लाइफ का टर्निंग पॉइंट, जानें इंडियन डेली सोप्स की रानी से जुड़ी कमाल की बातें
जानें एकता कपूर कैसे बन गईं इंडियन डेली सोप्स की रानी, टीवी शो 'हम पांच' से चमका सितारा
Grapes In Pregnancy: प्रेगनेंसी में भूलकर भी न खाएं ये खट्टे-मीठे फल, बढ़ सकती हैं दिक्कतें
प्रेगनेंसी में भूलकर भी न खाएं ये खट्टे-मीठे फल, बढ़ सकती हैं दिक्कतें
Shani Mangal 2024: मंगल पर शनि की दृष्टि इन राशियों पर भारी, उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा जून का महीना
मंगल पर शनि की दृष्टि इन राशियों पर भारी, उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा जून का महीना
Embed widget