एक्सप्लोरर

BLOG: अगर हम रेप पीड़िता के साथ नहीं खड़े हैं तो हमारी इंसानियत शक के दायरे में है

हमारे पास आंकड़ों का अंबार लगाने के अलावा क्या है, कोई बुरी घटना हुई नहीं कि गूगल करना शुरू कर दिया. तलाशना शुरू कर दिया ताकि अपनी बात को पुष्टि कर सकें. बता सकें कि आधी दुनिया की हालत समाज में क्या है. डेटा की कोई कमी नहीं है. लेकिन मानवता का खून पीते लंबे दांतों और टपकते पंजों वाली प्रवृत्ति को नंगधड़ंग अट्टहास करते आसानी से देखा जा सकता है.

कठुवा की 8 साल की नाबालिग से रेप के मामले में. उन्नाव की 18 साल की किशोरी के मामले में. जनवरी में हरियाणा के कई जिलों में मारी गई, बलात्कार की गई नाबालिग लड़कियों के मामले में. रोजाना कितने ही मामले- जस्टिस-जस्टिस की चिल्ला-चिल्ली के साथ लोगों के भीड़, फिर बात जहां की तहां. आंकड़ों के पुलिंदे कहीं कंप्यूटर स्क्रीन से नदारद होकर हिस्ट्री में चले जाते हैं या किताबों की ढेरियों के बीच दफन हो जाते हैं.

हम बेफिक्र लोग हैं. दिमाग में बहुत दिनों तक कोई बात नहीं रखते. नाबालिग या उसकी जैसी बच्चियों के नाम भी कुछ दिनों में भूल जाएंगे. उनके नाम भी डेटा की बोझ में दब जाएंगे. तभी जब एनसीआरबी यानी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो अपने हालिया आंकड़े में बताता है कि 2014 से 2016 के बीच बच्चों के खिलाफ अपराधों मे 19.6% की बढ़ोतरी हुई है तो हम किसी बच्चे का नाम नहीं जानते, या याद नहीं रख पाते. केस, नंबर्स के तराजू में तौला जाता है.

पता चलता है कि 2014 में बच्चों के साथ 89 हजार से ज्यादा क्राइम हुए और 2016 में एक लाख से अधिक. क्या फर्क पड़ता है- हम बेफिक्र, बेशर्म लोग हैं. सन्निपात में चिंघाड़ते, बड़बड़ाते पागल हो गए लोगों के लिए कोई ठोस सजा तय नहीं करते. कई बार उन्हें बचाने के लिए आंदोलन, जुलूस भी निकालते हैं. इसे सांप्रदायिक साजिश बताते हैं. धर्म पर धर्म चढ़ा जाता है, जातियों पर जातियां. बदले लिए जाते हैं- खुद को बड़ा, असरदार साबित किया जाता है. इस तरह सबसे कमजोर को तह-नहस कर दिया जाता है. चतुराई से कूट भाषा में कहा जाता है- मारो, नेस्तनाबूद कर दो. क्योंकि तुम्हारे राजनीतिक, सामाजिक आका तसल्ली से कुर्सियों पर धंसे हुए हैं.

हम फिर आंकड़ों का सहारा लेते हैं. देश में हर दो में से एक बच्चे को कभी न कभी सेक्सुअल अब्यूज का निशाना बनाया जाता है. यह हैरान करने वाला डेटा है, पर सच ही है. वर्ल्ड विजन इंडिया नाम के ह्यूमनिटेरियन एड ऑर्गेनाइजेशन के एक सर्वे में देश के 26 राज्यों के 12 से 18 साल के 45,844 बच्चों ने यह बात कही थी. हर पांच में से एक बच्चे ने यह कहा था कि वह सुरक्षित महसूस नहीं करता क्योंकि उसे यौन शोषण का डर लगता है. सर्वे में हर चार में से एक परिवार ने कहा था कि वह बच्चे के साथ होने वाले उत्पीड़न की रिपोर्ट नहीं करते. पिछले ही हफ्ते उन्नाव में अपनी बेटी के बलात्कार के खिलाफ संघर्ष करने वाले पिता की पीट-पीटकर ‘हत्या’ कर दी गई. अपनी मौत से कौन नहीं डरता. नाबालिग के परिवार वालों को खदेड़ने के लिए क्या-क्या नहीं कर दिया गया.

आठ साल की नाबालिग के साथ जम्मू-कश्मीर के कठुआ में जो हुआ, वह सामान्य नहीं. न ही उन्नाव की रेप विक्टिम के पिता के साथ जो हुआ, वह कोई आम घटना है. यूं रेप, सेक्सुअल असॉल्ट की कोई भी घटना असामान्य ही होती है. बर्बर ही होती है. बर्बरता की डिग्रियां नहीं तय की जा सकतीं. फिर जब इंसाफ की जगह बदले की भावना ले ले, तो आपके पास कोई शब्द नहीं होते. बस, यह दावा बार-बार कमजोर होता है कि हम धर्मनिरपेक्ष, उदारमना हैं. बड़े दिलवाले. दलितों का दमन नहीं करते. सर्वधर्म समभाव में यकीन रखते हैं. औरतों की इज्जत करते हैं. सबको समान अधिकार देते हैं.

फिर सजा का किसी को कोई डर नहीं है. औरतों, बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों में कन्विक्शन रेट यानी सजा की दर 18.9 है. मतलब पांच में से एक से भी कम अपराधी को अदालतों में सजा दी जाती है. यह जानकर दुख होगा कि अगर इस देश में आप किसी औरत, लड़की के साथ अपराध करेंगे तो पांच बार में से चार बार बहुत आसानी से आजाद हो जाएंगे, मस्त बाहर घूमेंगे. लिखते-लिखते बार-बार रिपीट करना अच्छा भी नहीं लगता लेकिन देश औरतों के लिए बहुत खतरनाक हो चुका है.

इधर महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कठुआ की नाबालिग सहित बच्चों के साथ होने वाले असॉल्ट्स के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने बच्चों के साथ रेप करने वालों को डेथ पैनेल्टी देने की बात भी कही है. इसके लिए वह पॉस्को कानून में बदलाव करना चाहती हैं. इसके अलावा और भी बहुत कुछ है जो किए जाने की जरूरत है. हम सभी को अपनी सोच बदलनी होगी.

जब समाज में औरतें कहेंगी कि वे सुरक्षित अनुभव कर रही हैं तब ही माना जाएगा कि वे सुरक्षित हैं. अगर मर्द कहेंगे कि देश में बच्चियां, औरतें सुरक्षित हैं जिनका काम ही रहा है सदियों से औरतों का उत्पीड़न करना, उन पर हमला करना, असुरक्षा का माहौल बनाना तो उन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इस बात को इस तरह से देखने की जरूरत है कि भारत के सभ्य समाज को अब अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए और ये कहना चाहिए कि ये असभ्यता, अशालीन आचरण अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. याद रखिए, सेक्सुअल असॉल्ट के मामलों में अगर हम विक्टिम के साथ नहीं खड़े हैं तो हमारी इनसानियत शक के दायरे में है. औरतों के साथ हो रही हिंसा पर बोलने के लिए औरत होना ज़रूरी नहीं. आप मर्द होकर भी यह बोल सकते हैं. तभी माना जाएगा कि इस मरे हुए समाज में आप अब भी जिंदा हैं. वरना, हम सब मरे हुए हैं.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h

टॉप हेडलाइंस

पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
Indigo Flight Crisis Live Updates LIVE: इंडिगो के हालात कब तक होंगे सामान्य? एयरलाइन के CEO ने दिया जवाब; सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
LIVE: इंडिगो के हालात कब तक होंगे सामान्य? एयरलाइन के CEO ने दिया जवाब; सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
IND vs SA 3rd ODI: कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
ABP Premium

वीडियोज

Indigo की फ्लाइट कैंसिल होते ही आसमान छूने लगे हवाई सफर के टिकटों का दाम । Breaking News
वरिष्ठ पत्रकारों ने समझा दिया कि पुतिन के दौरे से भारत को कितना मिलेगा फायदा ? । Putin India
Indigo की अबतक 550 से ज्यादा फ्लाइट हुई कैंसिल, गुस्साए यात्रियों ने एयरपोर्ट पर मचाया हंगामा
पीएम मोदी और पुतिन के बीच चली ढाई घंटे की बात में क्या चर्चा हुई ?। Breaking News
PM Modi और Putin के इस प्लान से भारत बन जाएगा सर्वशक्तिमान । Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पुतिन के भारत दौरे से अमेरिका में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में ले लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
पुतिन के भारत दौरे से US में खलबली! ट्रंप ने दिल्ली के पक्ष में लिया बड़ा फैसला; बताया कैसे देगा साथ
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा ने लिए सात फेरे, देखें शादी की पहली तस्वीर
Indigo Flight Crisis Live Updates LIVE: इंडिगो के हालात कब तक होंगे सामान्य? एयरलाइन के CEO ने दिया जवाब; सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
LIVE: इंडिगो के हालात कब तक होंगे सामान्य? एयरलाइन के CEO ने दिया जवाब; सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी
IND vs SA 3rd ODI: कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
कल तीसरे वनडे में बनेंगे 400 रन! टूट जाएंगे सारे रिकॉर्ड; देखें विशाखापत्तनम में सबसे बड़ा टीम टोटल
पलाश मुच्छल संग शादी टलने के बाद स्मृति मंधाना का पहला पोस्ट, फैंस बोले- 'रो-रोकर आवाज ही बदल गई...'
पलाश संग शादी टलने के बाद स्मृति का पहला पोस्ट, फैंस बोले- 'रो-रोकर आवाज ही बदल गई'
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
Snake-Friendly Plants: आपके होम गार्डन में तो नहीं लगा ये वाला पौधा, सांप इसमें चुपचाप बना लेते हैं घर
आपके होम गार्डन में तो नहीं लगा ये वाला पौधा, सांप इसमें चुपचाप बना लेते हैं घर
Bihar Forest Department Recruitment 2025: बिहार वन विभाग में बम्पर पदों पर होगी भर्ती, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन
बिहार वन विभाग में बम्पर पदों पर होगी भर्ती, जानें कैसे कर सकते हैं आवेदन
Embed widget