एक्सप्लोरर

'स्टेशनों पर अश्लील वीडियो का प्रसारण रोकने के लिए हो AI का इस्तेमाल, सख्ती से लागू हो कानून'

पटना रेलवे स्टेशन में उद्घोषणा के लिए लगाये गये टीवी स्क्रीन्स में रविवार को नग्न सामग्री वाले पोर्नोग्राफिक वीडियो के प्रसारण के बाद हड़कम्प मच गया. तीन मिनट का यह वीडियो उस समय प्रसारित हुआ जब रेलवे के डीआरएम स्तर के बड़े अधिकारी स्टेशन के इंस्पेक्शन दौरे पर थे. रेलवे सम्पत्तियों की सुरक्षा के लिए तैनात केन्द्रीय एजेंसी आरपीएफ अधिकारियों के प्रयास के बाद आपत्तिजनक वीडियो बंद हो सका. उसके पहले स्टेशन में उपस्थित हजारों यात्रियों ने यह वीडियो देखा जिनमें महिलायें और बच्चे भी शामिल थे. 

कोलकाता की एक निजी कम्पनी को यह सिस्टम चलाने का ठेका दिया गया था जिसके खिलाफ ब्लैकलिस्टिंग के साथ कानूनी कार्रवाई हो रही है. तीस साल पहले भी पटना जंक्शन में ऐसे ही आपत्तिजनक वीडियो का प्रसारण हुआ था. स्टेशन, बस स्टैण्ड और अनेक सार्वजनिक जगहों पर फ्री वाई-फाई का चलन भी बढ़ गया है. एक रिपोर्ट के अनुसार इन जगहों पर वाई-फाई सुविधा का दुरुपयोग करके अनेक लोग आपत्तिजनक और पोर्नोग्राफिक सामग्री को देखते और सुनते हैं. विधायिका के भीतर भी मोबाइल में माननीय सदस्य आपत्तिजनक सामग्री देखते हुए पकड़े जा चुके हैं. 

पोर्नोग्राफी की मंडी में गैरकानूनी तरीके से बच्चों और महिलाओं को पोर्नोग्राफी के धंधे में ढकेल करके वीडियो का निर्माण होता है. पोर्नोग्राफी जैसे गैरकानूनी धंधों से हुई नाजायज आमदनी के खिलाफ भी क़ानून हैं. लेकिन उलझन भरे क़ानून और लचर न्यायिक व्यवस्था की वजह से पोर्नोग्राफी का वीभत्स नाला बेरोकटोक पूरे समाज और देश को प्रदूषित कर रहा है. दूसरी तरफ कानून के पहरेदार और अदालतें अपसंस्कृति के परंपरागत झरोखों को ही बंद करने में व्यस्त हैं. पटना स्टेशन पर हुई घटना देशव्यापी संक्रामक बीमारी की छोटी झलक है, जिसके अनेक कानूनी और न्यायिक पहलू हैं.

टेक जगत में पोर्नोग्राफी का बढ़ता कारोबार

आमिर खान की थ्री इडियट फिल्म का चतुर टॉप करने के लिए हॉस्टल के अन्य छात्रों के कमरे में अश्लील तस्वीरों वाली मैग्नीज डाल देता था. कुछ दशक पहले ऐसी अश्लील किताबों को लुगदी साहित्य कहते थे. उन्हें छापने, बांटने और पढ़ने के लिए लोगों को बहुत पापड़ बेलने पड़ते थे. लेकिन अब गूगल और एप्पल में उपलब्ध लाखों एप्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये पोर्नोग्राफी की महामारी को एक सेकंड में अरबों लोगों तक पहुंचाने की जुगत बन गई. भारत में 76 करोड़ स्मार्टफोन, 62 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन और 21 करोड़ घरों में टीवी हैं. मोबाइल में पोर्नोग्राफी की घुसपैठ पेगासस के हथियार से भी ज्यादा खतरनाक है. पोर्नोग्राफी की 40 अरब डॉलर की मंडी का बच्चे, बूढ़े और जवान सभी शिकार हो रहे हैं. लेकिन डिजिटल कम्पनियां और सरकार पोर्नोग्राफी का वायरस रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही. भारत में आईपीसी, आईटी एक्ट और अन्य कानूनों के अनुसार पोर्नोग्राफिक साहित्य या वीडियो का निर्माण, प्रकाशन और प्रसारण गैर-कानूनी है.

आईटी एक्ट के तहत गम्भीर अपराध

पटना जंक्शन से जुड़े मामले में ठेकेदार यह दावा कर सकता है कि गलती से वीडियो का प्रसारण हो गया था. लेकिन इस मामले में यह समझना जरुरी है कि पोर्नोग्राफी वीडियो का निर्माण और प्रसारण भारत में गैर जमानती अपराध है. आईटी एक्ट की धारा 67 के प्रावधान को देखा जाये तो उसके तहत कहा गया है कि अगर कोई शख्स अश्लील मैटेरियल इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रसारित करता है यानि ट्रांसमिट करता है या प्रकाशित करता है तो वह अपराध है. इसके लिए पहली बार दोषी पाये जाने पर 3 साल तक कैद और पांच लाख तक जुर्माने का प्रावधान है. वहीं अगर दूसरी बार दोषी पाया जाता है तो पांच साल तक कैद और 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर आईटी एकट 67A के प्रावधान को देखा जाये तो सैक्सुअल कंटेंट को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रसारित या प्रकाशित करने पर दोषी को पहली बार के अपराध के लिए पांच साल कैद और 10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. अगर आरोपी दूसरी बार दोषी करार दिया जा रहा है तो वैसे मामले में 7 साल तक कैद का सजा हो सकती है और जुर्माना हो सकता है.

आईपीसी में सख्त सजा का प्रावधान

आईपीसी की धारा 292 के तहत प्रावधान है कि अगर कोई शख्स कोई अश्लील सामाग्री, किताब या अन्य अश्लील सामाग्री, किताब या अन्य अश्लील सामग्री बेचता है या उसे वितरित करता है या सर्कुलेट करता है तो ऐसे मामले में दोषी पाये जाने पर पहली बार में 2 साल तक कैद और दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 5 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है. वहीं आईपीसी की धारा-293 के तहत प्रावधान है कि अगर कोई 20 साल से कम उम्र के शख्स को अश्लील सामाग्री या किताब सर्कुलेट करता है या बेचता है तो इस मामले में तीन साल तक कैद की सजा हो सकती है और दूसरी बार दोषी पाये जाने पर 7 साल तक कैद की सजा हो सकती है. साथ में 2 हजार तक जुर्माने का भी प्रावधान है. वहीं आईपीसी की धारा 294 के तहत प्रावधान है कि अगर कोई शख्स पब्लिक प्लेस में अश्लील हरकत करता है या फिर अश्लील गाने गाता है या अश्लील भाषा का इस्तेमाल करता है तो दोषी पाये जाने पर 3 महीने तक कैद हो सकती है.

सुप्रीम कोर्ट में बच्चों की सुरक्षा का मामला और पॉक्सो कानून- बच्चों की सुरक्षा के लिए पॉक्सो जैसा कानून होने के साथ पोर्नोग्राफी के लिए पांच साल की सजा और दस लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. आंकड़ों के अनुसार बलात्कार और टीन प्रेग्नेंसी की संख्या में वृद्धि का बड़ा कारण अश्लील वीडियो का बढ़ता चलन है. भारत में बाल पोर्नोग्राफी पूरी तरह से अपराध है. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में भी पिछले कई सालों से मामला चल रहा है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि बाल पोर्नोग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिए समग्र कदमों के तहत हजारों बेवसाइट्स को ब्लॉक किया गया. लेकिन रक्तबीज की तरह ब्लॉक की गई बेवसाइट्स नये तरीके से फिर बाजार में आ जाते हैं. कम्पनियों के बड़े मुनाफे की वजह से इस नग्नता और उसके दुष्प्रभावों से सरकार आंख मूँद रही है. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बच्चों को पोर्नोग्राफी की रंगीन दुनिया में जाने से कैसे रोका जा सकेगा?

टेक और सोशल मीडिया कम्पनियों की जवाबदेही

पटना रेलवे स्टेशन में मोबाइल या कम्प्यूटर में सोशल मीडिया के माध्यम से ही आपत्तिजनक वीडियो आया होगा. फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म में पोर्नोग्राफी काफी सहजता से उपलब्ध है. सरकार के पास इंटरनेट के नियमन के लिए तकनीक और इच्छाशक्ति का अभाव है. ध्यान रहे कि छोटे-मोटे सटोरियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, पर खरबों डॉलर के पोर्नोग्राफी व्यापार को रोकने में रिजर्व बैंक, वित्त मंत्रालय समेत सभी सुरक्षा एजेंसियां विफल हो रही हैं.

प्रसारण रोकने के लिए AI का हो इस्तेमाल

दरअसल, अश्लील वीडियो और पोर्नोग्राफी का खरबों डॉलर का विश्व बाजार है, जिसकी खपत के मामले में भारत की पांचवीं रैंक है. एक अनुमान के अनुसार भारत में स्मार्ट फोन और मोबाइल से 25 करोड़ लोग एडल्ट कंटेंट देखते हैं, जो डिजिटल इंडिया में सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है. इंटरनेट में पोर्नोग्राफी को रोकने से देश की टेलीकॉम कम्पनियों द्वारा डेटा बिक्री से आमदनी में 30 से 70 फीसदी तक की कमी हो जायेगी. कानून के अनुसार सरकार अगर अश्लील और पोर्नोग्राफिक बेवसाइट्स को बंद कर दे तो खरबों डॉलर का गैर-कानूनी कारोबार ठप्प हो जायेगा. इंटरनेट और सोशल मीडिया कम्पनियों के नियमन के लिए भारत में आईटी नियम बनाये गये हैं इसके तहत आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने और हटाने के लिए शिकायत अधिकारी, नोडल अधिकारी, कंप्लायंस अधिकारी और डेजिनेटेड अधिकारी की नियुक्ति के लिए कानूनी प्रावधान हैं. इन नियमों का सही तरीके से पालन कराने के लिए सरकार ने शिकायत के लिए अपीलों का तंत्र भी बनाया है. इसे प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिर्शियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से पोर्नोग्राफिक कंटेंट के प्रसारण पर रोक लगानी होगी, तभी पटना स्टेशन पर जिस तरह की घटना हुई है, उन पर लगाम लगेगी.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.]

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
'नाम नहीं जुड़वाओगे तो राशन-पानी बंद', एमपी के मंत्री ने दिया ऐसा बयान, मच गया बवाल
'नाम नहीं जुड़वाओगे तो राशन-पानी बंद', एमपी के मंत्री ने दिया ऐसा बयान, मच गया बवाल
US Cuts Work Permit: वर्क परमिट को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला, भारतीयों पर लटकी तलवार, जानें क्या होगा इससे?
वर्क परमिट को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला, भारतीयों पर लटकी तलवार, जानें क्या होगा इससे?
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
ABP Premium

वीडियोज

सुंदर बच्चियों की 'सीरियल किलर' LADY !  | Sansani | Crime News
India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
दो प्लेन, एक राष्ट्रपति… दुनिया देखती रह गई, पुतिन की सीक्रेट फ्लाइट का भेद दिल्ली पहुंचकर खुला!
'नाम नहीं जुड़वाओगे तो राशन-पानी बंद', एमपी के मंत्री ने दिया ऐसा बयान, मच गया बवाल
'नाम नहीं जुड़वाओगे तो राशन-पानी बंद', एमपी के मंत्री ने दिया ऐसा बयान, मच गया बवाल
US Cuts Work Permit: वर्क परमिट को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला, भारतीयों पर लटकी तलवार, जानें क्या होगा इससे?
वर्क परमिट को लेकर ट्रंप का बड़ा फैसला, भारतीयों पर लटकी तलवार, जानें क्या होगा इससे?
UP AQI: नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
नोएडा-गाजियाबाद नहीं थम रहा जहरीली हवा का कहर, घुट रहा दम, आज भी हालत 'बेहद खराब'
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
मिचेल स्टॉर्क ने हरभजन सिंह को भी पीछे छोड़ा, बनाया ये खास रिकॉर्ड
नंदमुरी बालकृष्ण की 'अखंडा 2' की रिलीज टली, शो से कुछ घंटे पहले प्रीमियर भी हुआ कैंसिल, मेकर्स ने जारी किया बयान
नंदमुरी बालकृष्ण की 'अखंडा 2' की रिलीज टली, शो से कुछ घंटे पहले प्रीमियर भी कैंसिल
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
स्टील के बर्तन में कभी न रखें ये फूड आइटम्स, हो सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा
कम अपराध, ज्यादा सम्मान… दुनिया के वे देश, जहां महिलाएं महसूस करती हैं सबसे ज्यादा सुरक्षित
कम अपराध, ज्यादा सम्मान… दुनिया के वे देश, जहां महिलाएं महसूस करती हैं सबसे ज्यादा सुरक्षित
Embed widget