आठ अरब जनसंख्या या उपभोक्तावाद : असली समस्या क्या है?

पलक झपकते ही धरती पर मनुष्य की संख्या में कुछ लोग और जुड़ते चले जा रहे हैं, हर एक बीतते सेकंड के साथ औसतन तीन लोग जन्म लेते हैं, यानी  कि  जितनी देर में आप इस आलेख को पढेंगे हमारी आबादी में शायद

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