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प्रेम उलझाता है, करुणा मुक्त करती है
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प्रश्न पूछा गया कि प्रेम और करुणा में क्या अंतर है? इसका जवाब देना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन इसे समझने की पहले कोशिश करनी चाहिए. उन सभी भावनाओं में से, जिन्हें आप अपने अंदर पोषित कर सकते हैं, करुणा सबसे कम उलझाने वाली होती है, और साथ ही, वह सबसे ज्यादा मुक्त करने वाली भावना है जो आपके पास हो सकती है. आप करुणा के बिना जी सकते हैं, लेकिन आपमें भावनाएं वैसे भी हैं तो उन्हें किसी दूसरी चीज की अपेक्षा करुणा में बदलना बेहतर होगा, क्योंकि हर दूसरी भावना में उलझाने वाली बनने की क्षमता है. करुणा भावना का एक ऐसा आयाम है जो मुक्त करता है, जो किसी व्यक्ति या किसी चीज के साथ नहीं उलझता.
आम तौर पर, आपका प्रेम जुनून से प्रेरित होता है. करुणा का मतलब एक सर्व-समावेशी जुनून है. जब वह विशिष्ट होता है तो हम उसे जुनून कहते हैं. जब वह सर्व-समावेशी बन जाता है तो वह करुणा बन जाता है. शुरुआत में प्रेम एक खास पसंद से शुरू होता है, तो यह किसी व्यक्ति या किसी चीज के अच्छे होने पर निर्भर करता है - बेशक आपके प्रति. आप हमेशा किसी व्यक्ति या किसी चीज की अच्छाई पर भरोसा कर रहे हैं. या दूसरे शब्दों में, भावना सीमित हो जाती है. जिस व्यक्ति से आप प्रेम करते हैं अगर वह अच्छा है, सिर्फ तभी आप उससे प्रेम करना जारी रख सकते हैं. अगर वह वैसा निकलता है जो आपके ख्याल में बुरा है, तो आप उससे प्रेम नहीं कर सकते.
करुणा का लाभ यह है कि अगर कोई बहुत बुरा है, एक दयनीय दशा में है, या एक बुरे मूड में है, तो आप उसके प्रति अधिक करुणा रख सकते हैं. करुणा आपको सीमित नहीं करती. यह अच्छे और बुरे में अंतर नहीं करती. तो प्रेम की अपेक्षा करुणा निश्चित रूप से ज्यादा मुक्त करने वाली भावना है.
प्रेम आम तौर पर किसी व्यक्ति के प्रति होता है. यह सुंदर हो सकता है, लेकिन यह बहुत विशिष्ट होता है. अगर दो प्रेमी साथ बैठते हैं, तो बाकी की दुनिया उनके लिए गायब हो जाती है. वे घनिष्ठता की अपनी ही कृत्रिम दुनिया बना लेते हैं. मूल रूप से, यह एक साजिश जैसा है. आप हमेशा अपनी साजिश का मजा लेते हैं, क्योंकि साजिश में आप खास बन जाते हैं - कोई दूसरा इस बारे में नहीं जानता. आम तौर पर, अधिकतर लोगों के लिए, बस यह साजिश ही प्रेम का आनंद है.
वे प्रेम में पड़ते हैं, वे उसका खूब मजा लेते हैं, लेकिन जब उनकी शादी हो जाती है, तो दुनिया में उसकी घोषणा हो जाती है. अचानक, सारा रोमांच चला जाता है क्योंकि वह अब साजिश नहीं रही. हर कोई उस बारे में जानता है.
प्रेम का साजिश का यह पहलू लोगों के लिए बहुत ज्यादा दबाव पैदा करता है. अगर आप बाकी के अस्तित्व को अपने अनुभव से निकाल देते हैं, तो उससे पीड़ा आएगी. अगर यह जुनून के रूप में शुरू होता है और जुनून के रूप में खत्म होता है, तो आप अपने जीवन में बहुत सी परेशानियों को बुला रहे हैं - वो उलझाने वाली होंगी. अगर यह जुनून के रूप में शुरू होता है और असीम करुणा में विस्तार करता है, तो यह मुक्त करने वाला हो सकता है.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ़ लेखक ही ज़िम्मेदार हैं.]
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