मिट रही भाषाएं और भारतीय प्राचीन संस्कृति पर बढ़ता खतरा...कई लिपियां हो चुकी हैं विलुप्त 

भारत को विविधताओं को देश कहने के पीछे पानी और वाणी की प्रकृति है. यहां एक कहावत है कि ‘कोस-कोस पर पानी बदले और तीन कोस पर वाणी. पानी जहां भारत की भौगोलिक विविधता तो वहीं वाणी भारत की सांस्कृतिक

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