बिहार की बाढ़ प्राकृतिक कहर कम, नेताओं-नौकरशाहों की उदासीनता और अकर्मण्यता है अधिक

थोड़े ही दिन पहले बिहार में “जितिया” नाम का एक पर्व मनाया जा रहा था. अन्य कई राज्यों की ही तरह बिहार में भी स्थानीय पर्व होते हैं और ये “जितिया” संतति की लम्बी आयु के लिए, विशेषकर मिथिलांचल

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