Budget 2022: अमीर और गरीब के बीच बढ़ती हुई खाई को कितना कम कर पायेगा?
Budget 2022: मोदी सरकार का नौवां बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने पिटारे से आम आदमी के के लिए तो कोई सौगात नहीं निकाली लेकिन अगर अगले एक साल में 60 लाख युवाओं को रोजगार देने और 80 लाख नये घर बनाने का सपना साकार कर लेती है, तब इसे कुछ हद तक बेरोजगारी दूर करने की दिशा में एक सफल कदम माना जा सकता है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने इसे गरीबों का कल्याण करने वाला बजट बताते हुए जमकर तारीफ की है लेकिन मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने इसे एक 'लॉलीपॉप बजट' करार देते हुए इसे अमीरों को फायदा पहुंचाने वाला बजट करार दिया है.
अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे आंकड़ों की जुबानी जुमलेबाजी करके जनता को मूर्ख बनाने की कवायद ही बताया है.राजनीति अपनी जगह है लेकिन अर्थशास्त्रियों की नज़र में भी इसे लोक-लुभावन बजट नहीं कहा जा सकता. नौकरीपेशा वर्ग को हर साल सरकार से उम्मीद होती है कि इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव होगा और आयकर सीमा की छूट में कोई बढ़ोतरी होने से उसे कुछ फायदा मिलेगा लेकिन सरकार ने इस बार भी उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
दरअसल, पिछले नौ साल से अब तक पेश हुए किसी बजट में टैक्स स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है. व्यक्तिगत करदाताओं के लिए बुनियादी छूट की सीमा में आखिरी बार बदलाव 2014 में हुआ था.तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का पहला बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने करमुक्त आय की सीमा को दो लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया था.उस वक़्त वरिष्ठ नागरिकों के लिए करमुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख से 3 लाख रुपये किया गया था. तब से ही करमुक्त आय की सीमा में अब तक कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है.
चूंकि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव सिर पर हैं, इसलिये ये माना जा रहा था कि सरकार इनकम टैक्स (Income Tax) की सीमा में कुछ और छूट देने का ऐलान करके उस वर्ग के एकमुश्त वोट हासिल करने का सियासी दांव खेल सकती है.लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उल्टे निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जनता को ऐसी कोई राहत न देने के लिये महाभारत के एक श्लोक का सहारा लेते हुए अपने इस फैसले को जायज़ ठहराने की कोशिश की.उन्होंने अपने बजट भाषण में महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 का श्लोक 11 संस्कृत में पढ़ते हुए लोगों को इसका हिंदी अर्थ समझा दिया.उस श्लोक का मतलब है, 'राजा को किसी भी तरह की ढिलाई न करते हुए धर्म के मुताबिक करों का संग्रहण करने के साथ-साथ राज धर्म के मुताबिक शासन करके लोगों के कल्याण के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करनी चाहिए.'
हालांकि बजट (Budget 2022) पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू है, गरीब का कल्याण. हर गरीब के पास पक्का घर हो, नल से जल आता हो, उसके पास शौचालय हो, गैस की सुविधा हो, इन सभी पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके साथ ही आधुनिक इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी जोर दिया गया है. लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस पर निराशा जताई और कहा कि यह है मोदी सरकार जीरो सम बजट!
हालांकि रेलवे के लिए सरकार ने दिल खोलकर अपना पिटारा खोला है.वित्त मंत्री ने एलान किया कि 400 नई पीढ़ी की वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 साल के दौरान चलाई जाएंगी। 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल भी इस दौरान डेवलप किए जाएंगे.रेल क्षेत्र 'एक स्टेशन एक उत्पाद' भी विकसित करेगा, जिससे स्थानीय उत्पादों को रेलवे के जरिये ढुलाई का फायदा मिलेगा.
अगर किसानों की बात करें, तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने तो अपनी तरफ से इसे राहत ही बताया है लेकिन किसान नेता इससे भी खुश नहीं हैं. वित्त मंत्री ने एलान किया कि अब 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी.इसके साथ ही किसानों को डिजिटल सर्विस मिलेगी, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सेवाएं शामिल हैं.किसान नेता राकेश टिकैत ने तो इसे बेहद निराशाजनक बताते हुए ईसकी तुलना दिल्ली दर्शन कराने से करते हुए कहा कि "जहां से बस में बैठे थे,सरकार ने किसानों को वहीं लाकर छोड़ दिया.इस बजट को मैं 10 में से जीरो अंक देता हूं."
जिस क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर इतनी हायतौबा मची हुई थी, बजट के जरिये सरकार ने उसे कानूनी जामा पहनाते हुए अब इसे वैध कर दिया है. अब क्रिप्टोकरेंसी के जरिए होने वाली आय पर 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा और साथ ही सरकार इस पर एक फीसदी टीडीएस भी वसूलेगी.
कांग्रेस (Congress) ने सरकार के इस फैसले पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह देश के अमीरों को और अमीर करने का काम हो रहा है.पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, आरबीआई की जगह आज वित्त मंत्री ने ये ऐलान किया कि क्रिप्टोकरेंसी अब देश में वैध होगी. ये देश के काफी अमीर लोगों के कहने पर किया गया है. ये सब भारत के 99.99% लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है.
चिदंबरम (P Chidambaram) ने कहा कि भारत में अमीर और ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं. देश के कुल 142 अमीर लोगों की आय में कई गुना का इजाफा हुआ है. सरकार को मिलने वाला कुल पैसा 42 लाख करोड़ है और इन सभी अमीरों ने अपनी संपत्ति में लगभग 30 लाख करोड़ की बढ़ोतरी की है, वो वक्त दूर नहीं है जब वो सरकार को मिलने वाले कुल पैसे से आगे निकल जाएंगे. हर बजट के बाद उस पर राजनीति करने की परंपरा रही है लेकिन अर्थशास्त्र का कोई विशेषज्ञ आम आदमी को क्या ये समझा पायेगा कि ये बजट अमीर और गरीब की खाई को कम करेगा या उसे और गहरा करेगा?
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