Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: गरुड़ पुराण सनातन हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण ग्रंथ है. गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ग्रंथ है, जिसमें मुख्य रूप से मृत्यु और मृत्यु के बाद की घटनाओं पर चर्चा की गई है. इसके अधिकाष्ठा स्वयं भगवान श्रीहरि विष्णु हैं.


भगवान विष्णु के प्रिय वाहन पक्षीराज गरुड़ उनसे मृत्यु, जीवन-मरण और पुनर्जन्म से संबंधित गूढ़ प्रश्न पूछते हैं, जिसका भगवान विष्णु सविस्तार उत्तर देते हैं. प्रश्न-उत्तर की यही श्रृंखला गरुड़ पुराण कहलाती है. इस ग्रंथ के माध्यम से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग पता चलता है.


गरुड़ पुराण में कर्मों के आधार पर मिलने वाले फल के बारे में बताया गया है, जोकि मृत्यु के बाद मिलते हैं. इसमें बताया गया है कि, मृत्यु के बाद भी व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार अच्छी-बुरी परिस्थियों का सामना करना पड़ता है. इसमें यमलोक मार्ग का भी जिक्र मिलता है.


यमपुरी मार्ग में पड़ती है ये दो नदियां


गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा यमपुरी जाती है. लेकिन मार्ग में दो नदियों के जीआत्मा का सामना होता है. ये नदियां हैं वैतरणी नदी और पुष्पोदका नदी. इसमें से वैतरणी नदी बहुत ही खरतनाक और विकराल है. इस नदी को देखकर ही आत्मा डर जाती है. कहा जाता है कि, यह नदी खून और मवादों से भरी होती है और इस नदी से ऐसी आत्माओं को गुजरना पड़ता है, जिसने जीवन में बुरे कर्म किए हों.


वहीं पुष्पोदका नदी निर्मल है. आज आपको इसी नदी के बारे में बताएंगे. यमपुरी के मार्ग में पुष्पोदका नदी पड़ती है, जिसे पार करके आत्मा यमलोक पहुंचती हैं. लेकिन इस नदी को पार करने का सुख केवल ऐसी आत्माओं मिलता है, जिन्होंने अपने जीवन में अच्छे कर्म किए हों. जो लोग अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं, जीवन में अच्छे काम करते हैं, दूसरों की मदद करते हैं, सच बोलते हैं,  सही तरीके से धन अर्जित करते हैं, बुजुर्गों का सम्मान करते हैं और जीवन में गौ दान करते हैं उनका सामना इस नदी से होता है. यहां पहुंचकर आत्मा विश्राम करती है और इसके बाद यमपुरी पहुंचती है. इस नदी का जल भी निर्मल होता है.


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