एक्सप्लोरर

Bharat Gaurav: चैतन्य महाप्रभु कौन थे? क्या है इनका धार्मिक योगदान, शुरू किया था हरिनाम संकीर्तन आंदोलन

Bharat Gaurav: चैतन्य महाप्रभु (Chaitanya Mahaprabhu) को गौड़ीय वैष्णव संप्रदाय का आदि आचार्य माना जाता है. भजन, कीर्तन और गायकी को एक नई शैली प्रदान की. इन्हें श्रीकृष्ण का अवतार भी माना जाता है.

Bharat Gaurav Chaitanya Mahaprabhu: चैतन्य महाप्रभु वैष्णव धर्म के प्रचारक और भक्तिकाल के साथ ही महान संत और प्रमुख कवियों में एक हैं. चैतन्य प्रभु ने ही वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी. जात-पात की जंजीर को तोड़ने और सभी मानव जाति को एक सूत्र मे पिरोने के लिए चैतन्य महाप्रभु ने हरिनाम संकीर्तन आंदोलन की भी शुरुआत की. विलुप्त होते वृंदावन को फिर से बसाने में भी चैतन्य महाप्रभु का अहम योगदान रहा है. जानते हैं भारत गौरव और श्रीकृष्ण प्रेमी चैतन्य महाप्रभु के प्रारंभिक जीवन, कृष्ण भक्ति, विचार, कार्य आदि के बारे में.

चैतन्य महाप्रभु का प्रारंभिक जीवन

चैतन्य महाप्रभु का जन्म बंगाल के नवद्वीप नामक गांव (अब मायापुर) में संवत 1407 में फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन के दिन हुआ था. चैतन्य महाप्रभु के पिताजी का नाम श्री जगन्नाथ मिश्र और माता का नाम शची देवी था. बंगाल में तो वैष्णवों द्वारा इन्हें भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है. चैतन्य महाप्रभु ने श्रीकृष्ण प्रेम में मतवाले होकर कई लीलाएं और नृत्य किए, जिसे देख हर कोई हतप्रभ रह जाता था.

13 माह मां के गर्भ में रहे थे चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु का जन्म बहुत ही चमत्कारी था. आमतौर पर 9 महीने गर्भ में रहने के बाद किसी शिशु का जन्म होता है. लेकिन चैतन्य महाप्रभु अपनी मां के गर्भ में 13 महीने रहे थे. चैतन्य महाप्रभु के माता-पिता को पहले आठ कन्याएं हुई हुई थीं. लेकिन पैदा होते ही एक के बाद एक सभी की मृत्यु हो गई. इसके बाद एक पुत्र हुआ, जिसका नाम विश्वरूप रखा गया. विश्वरूप जब दस बरस का हुआ तब एक और पुत्र हुआ. माता पिता ने इनका नाम विश्वंभर रखा. ज्योतिष ने जब इनकी कुंडली देखी तो कहा कि, यह बालक आगे चलकर महापुरुष कहलाएगा और जीवनभर हरिनाम का प्रचार करेगा. ज्योतिष की भविष्यवाणी सच हुई और आगे चलकर बालक विश्वंभर चैतन्य महाप्रभु कहलाएं.

चैतन्य महाप्रभु ने किए दो विवाह

करीब 15-16 वर्ष की आयु में ही चैतन्य महाप्रभु का विवाह लक्ष्मी देवी के साथ संपन्न हुआ. लेकिन सांप के काटने के कारण पत्नी की मृत्यु हो गई. इसके बाद वंश को आगे बढ़ाने के लिए विवशतापूर्वक चैतन्य महाप्रभु को दूसरा विवाह करना पड़ा. चैतन्य महाप्रभु का दूसरा विवाह नवद्वीप के राजपंडित सनातन की पुत्री विष्णुप्रिया के साथ हुआ.

कृष्ण प्रेमी थे चैतन्य महाप्रभु

चैतन्य महाप्रभु भक्ति को ही मुक्ति का मार्ग का मानते थे. वे कृष्ण भक्ति के धनि थे. 24 वर्ष की आयु में ही चैतन्य महाप्रभु ने घर-गृहस्थी छोड़ संयास ले लिया और कृष्णभावनामृत की शिक्षा देने लगे. इनका उद्देश्य कृष्ण नाम का प्रचार, संसान में भगवतभक्ति और शांति की स्थापना करना था. इसलिए चैतन्य महाप्रभु कृष्ण-नाम के कीर्तन और भजन करने लगे. वे ‘श्री कृष्ण, श्री कृष्ण, मेरे प्राणाधार, श्री हरि तुम कहां हो’ पुकारते हुए कीर्तन करते थे. इसका प्रभाव यह पड़ा कि कुछ ही समय में उनके कई शिष्य भी बन गए. इतना ही नहीं बहुत से अद्वैत वेदांती और संन्यासी भी उनके संग कृष्ण प्रेमी बन गए.

चैतन्य महाप्रभु की रचना

चैतन्य महाप्रभु ने अनेक ग्रंथों की रचना की. लेकिन आज केवल आठ श्लोक वाले शिक्षाष्टक से अलावा कुछ नहीं बचा है. इन शिक्षाष्टक में चैतन्य महाप्रभु ने श्रीकृष्ण को ही एकमात्र देव कहा है. ‘हरे-कृष्ण, हरे-कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे। हरे-राम, हरे-राम, राम-राम, हरे-हरे॥ यह 32 अक्षरीय कीर्तन महामंत्र चैतन्य महाप्रभु की ही देन है.  विश्वभर में श्री हरिनाम संकीर्तन भी श्री चैतन्य महाप्रभु की ही देन है.

चैतन्य महाप्रभु ने विलुप्त वृंदावन को फिर से बसाया

हिंदू धर्म में वैष्णव पंरपरा के लिए वृंदावन को एक पवित्र स्थान माना जाता है. यह पवित्र तीर्थ स्थलों में एक है, जोकि कृष्ण-राधा की भक्ति और पूजा का केंद्र है. लेकिन 16 वीं शताब्दी तक वृंदावन की पहचान खो गई थी. तब चैतन्य महाप्रभु ने इसे फिर से पहचान दिलाई.

1515 में उन्होंने कृष्ण के जीवन से जुड़े पवित्र स्थानों का पता लगाने के लिए पूरे वृंदावन का दौरा किया और विलुप्त हो चुके वृंदावन को नए सिरे से बसाया. इसलिए कहा जाता है यदि चैतन्य महाप्रभु के चरण वृंदावन में न पड़े होते तो श्रीकृष्ण की लीला भूमि वृंदावन केवल मिथक बनकर रह जाती. श्रीकृष्ण के प्रति चैतन्य महाप्रभु की भक्ति, प्रेम, भाव और अस्तित्व की विशेषताएं युगों-युगों तक मानवता को प्रेरित करती रहेंगी.

ये भी पढ़ें: Funeral Hindu Tradition: शव यात्रा के दौरान क्यों बोलते हैं ‘राम नाम सत्य है’, क्या कहते हैं शास्त्र? जानें

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह

वीडियोज

Reliance का बड़ा FMCG Move | SIL Brand Relaunch | Packaged Foods Market में Entry | Paisa Live
बीमारी ने बिगाड़ी Yuzvendra Chahal की हालत, इस वजह से क्रिकेट करियर पर लगा ब्रेक!
Avatar: Fire & Ash Review: कमाल VFX और शानदार Experience; लेकिन फिल्म की लंबाई झेली नहीं जाती
Danish Pandor Interview: Viral Craze, Akshaye Khanna का Iconic Dance, Ranveer Singh संग Experience और Success के पीछे की Journey
EDLI Rule Change पर बड़ा Clarification | Paisa Live

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
Exclusive: 'नीली हल्दी, मलयालम', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ऐसा क्या कहा, मीटिंग में लगने लगे ठहाके
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
नागपुर की कंपनी में वाटर टैंक टावर गिरने से हादसा, 3 की मौत, कई मजदूरों की हालत नाजुक
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह
IPL 2026 ऑक्शन के बाद वेंकटेश अय्यर अचानक बने कप्तान, रजत पाटीदार की लेंगे जगह
New Year Party Playlist 2026: इन बॉलीवुड गानों के बिना अधूरी रहेगी पार्टी
इन बॉलीवुड सॉन्ग्स के बिना नए साल का जश्न रहेगा अधूरा, देखें लिस्ट
पाकिस्तान के कबड्डी खिलाड़ी ने भारत की जर्सी पहन खेला मैच, लोग बोले - मिल गया एक और 'धुरंधर'
पाकिस्तान के कबड्डी खिलाड़ी ने भारत की जर्सी पहन खेला मैच, लोग बोले - मिल गया एक और 'धुरंधर'
Snacks To Avoid After 6 PM: शाम 6 बजे के बाद गलती से भी न खाएं ये स्नैक्स, वरना रात भर पेट में बनती रहेगी गैस
शाम 6 बजे के बाद गलती से भी न खाएं ये स्नैक्स, वरना रात भर पेट में बनती रहेगी गैस
प्राइवेट नौकरी करते हैं तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन का कर लें जुगाड़, इस योजना में हर महीने मिलेंगे 5000 रुपये
प्राइवेट नौकरी करते हैं तो रिटायरमेंट के बाद पेंशन का कर लें जुगाड़, इस योजना में हर महीने मिलेंगे 5000 रुपये
Embed widget