UP Natural Farming Board: मौसम की अनिश्चितताओं  और खेती में बढ़ते जोखिमों के बीच अब सरकार खेती की लागत को कम करने का प्रयास कर रही है. इसके लिये देशभर में जैविक खेती (Organic Farming) और प्रकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. कई राज्यों में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के लिये अब ग्राउंड लेवल पर काम चल रहा है.


इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्राकृतिक खेती के जरिये किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिये अब उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड (UP Natural Farming Board) का गठन कर दिया है. ये बोर्ड किसानों को प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग (Natural Farming Training) से लेकर उनकी उपज की बिक्री के लिये प्रचार-प्रसार में भी मदद करेगा. 


इन कामों पर रहेगा फोकस
उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड के तहत राज्य में खेती और किसानों के लिये नीतियां बनाने, मार्गदर्शन और कई तरह की योजनायें भी संचालित की जायेंगी. विभिन्न सदस्यों के सहयोग से गठित ये समिति 2 महीने में एक बार मीटिंग करेगी, जिसमें प्राकृतिक खेती का प्रचार-प्रसार, प्राकृतिक खेती की उपज की मार्केटिंग और इससे जुड़ी योजनाओं पर क्रियान्वयन और दिशा तय की जायेगा. इतना ही नहीं, प्रकृतिक खेती से उपजे कृषि उत्पादों के सही दाम दिलवाने में भी प्राकृतिक खेती बोर्ड किसानों की मदद करेगा.
  
प्राकृतिक खेती बोर्ड का कार्यभार
रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्राकृतिक खेती बोर्ड का कार्यालय लखनऊ में बनाया जायेगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री, उपाध्यक्ष कृषि और कृषि मंत्री की ओर से की जायेगी. इसके अलावा वित्त विभाग, कृषि विपणन, उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन व दुग्ध विकास विभाग, पंचायतीराज व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, सहकारिता विभाग, सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्यम विभाग के मंत्रियों को भी बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की सदस्यता दी जायेगी.


इस बोर्ड में मुख्य सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त तथा पशुधन व दुग्ध विकास, उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण, कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, पंचायतीराज व ग्राम्य विकास, सहकारिता तथा नियोजन विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सीजीएम नाबार्ड, समन्वयक एसएलबीसी, राष्ट्रीय स्तर के दो विशेषज्ञों के साथ-साथ आइसीएआर और कृषि विश्वविद्यालय के दो विशेषज्ञ गर्वनिंग बॉडी से जुड़ेंगे.


इतना ही नहीं,  मुख्यमंत्री द्वारा नामित प्राकृतिक खेती करने वाले दो प्रगतिशील किसान और प्राकृतिक खेती करने वाले दो किसान उत्पादक संगठनों को भी सदस्यता दी जायेगी. 


उपज की मार्केटिंग का प्रचार-प्रसार
उत्तर प्रदेश का नवगठित प्रकृतिक खेती बोर्ड प्राकृतिक खेती (UP Natural Farming Board) से लेकर उपज की बिक्री में अहम भूमिका निभायेगा. इसके लिये नये विकल्पों की तलाश और विकास किया जायेगा. साथ ही, सीधा उपभोक्ताओं में प्राकृतिक खेती के उत्पादों का प्रसार-प्रचार होगा. इससे उपज की मांग बढेगी और बिक्री में भी आसानी रहेगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक खेती से जुड़ने वाले किसानों के समूह बनाये जायेंगे और इन्हें किसान उत्पादक संगठन में तब्दील कर दिया जायेगा.



  • प्राकृतिक खेती बोर्ड की तरफ से कृषि उत्पादों के परीक्षण और कीटनाशकों के अवशिष्ट परीक्षण की व्यावस्था के लिये लैब्स बनाई जायेंगी.

  • राज्य के अलग-अलग एग्रो क्लाइमेट क्षेत्रों में भी प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये रिसर्च कार्यक्रम भी चलाये जायेंगे.

  • प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को कृषि और निजी संस्थाओं की ओर से अच्छी क्वालिटी के प्रमाणित बीज और पौधे भी वितरित (Seed Distribution)  किये जायेंगे.

  • वहीं भविष्य में प्राकृतिक खेती (Natural farming) के विकास विस्तार के लिये भी विशेषज्ञों या  दूसरी जरूरतों के लिये वित्त विभाग को भी बोर्ड से जोड़ा जायेगा.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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