National Agriculture Market: आज ई-नाम (E-NAM) के जरिये कई किसान खेतों से ही फसल का सौदा कर रहे हैं. इससे मंडी ट्रांसपोर्ट की लागत बचती है, साथ ही घर बैठे उपज के मुंह मांगे दाम मिल जाते हैं. सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि ई-नाम सिर्फ एक मंडी (Agriculture Market) तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा आज देश की 21 राज्यों की हजारों मंडी तक फैला हुआ है. ई-नाम से जुड़कर किसान अपनी उपज को देश की किसी भी मंडी में बेच सकते हैं और अपनी सहूलियत के मुताबिक दाम भी तय कर सकते हैं.


पिछले दिनों कुछ समय से ई-नाम के यही खासियत किसानों को उनकी उपज के बेहतर दाम दिलवा रही है. ई-नाम की इंटर स्टेट ट्रेडिंग (Inter State Trading on E-NAM) के जरिये अब किसान अपनी उपज को दूसरे राज्यों में बेच रहे हैं. इसके लिये किसानों को ट्रांसपोर्ट या अपनी उपज ढोकर भी नहीं ले जानी होती, बल्कि ई-नाम से जुड़े व्यापारी ऑनलाइन (Online Trading by E-NAM) ही सब तय करके खुद किसान के पास आकर उपज को खरीदकर ले जाते हैं.


मलबरी सिल्क कोकून
ई-नाम पर सिर्फ फल, सब्जी, अनाज ही नहीं, बल्कि मलबरी सिल्क (Mulberry silk cocoon) के भी काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं. हाल ही में महाराष्ट्र की बारामती मंडी में मलबरी सिल्क कोकून की इंटर स्टेट ट्रेडिंग हुई है, जिसके तहत केरल के एक व्यापारी ने कर्नाटक में सिल्क की प्रोसेसिंग के लिये 5.460 क्विंटल मलबरी सिल्क कोकून खरीदा है. मलबरी सिल्क कोकून की प्रति क्विंटल कीमत 47,500 रुपये और कुल व्यापार मूल्य 2.8 लाख रुपये मिला है. इसे ई-नाम पर सिल्क यानी रेशम का पहला इंटर स्टेट ट्रेडिंग कहा जा रहा है. 






मछली की ट्रेडिंग
सब्जी, दाल, अनाज ही क्यों, ई-नाम पर मछलियों की खरीद-बिक्री करके भी काफी अच्छा दाम पा सकते हैं. हाल ही में मछलियों की इंटर मंडी ट्रेडिंग करके किसान ने अपनी बोली के अनुसार दाम हासिल किये हैं. ई-नाम पर ये व्यापार उड़ीसा की दो मंडियों के बीच हुई है, जिसमें मछली उत्पादक ने रहामा मंडी से अपनी 5 क्विंटल मछली को हिंडोल मंडी मे बेचा है. इस तरह ई-नाम पर पहली बार सूखी मछली की इंटर मंडी ट्रेडिंग ने सफलता पाई है.


हीं झींगा मछली उत्पादकों को भी सूखा झांगा की ई-नाम पर ऑनलइन ट्रेडिंग के जरिये काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं. 7 क्विंटल झींगा की भी पहली इंटर मंडी ट्रेडिंग उड़ीसा की रहामा मंडी से भद्राक मंडी के बीच हुई है.


शकरकंद की इंटर स्टेट ट्रेडिंग
किसान उत्पादक संगठनों की सफलता भला किस से छिपी रही है. पहले जो किसान खेती में अकेले ही परेशानियों का सामना करते थे, अब एफपीओ समूहों से जुड़कर खेती से लेकर उपज की बिक्री तक कई काम आसानी से निपटा रहे हैं. इसी सूची में शामिल है झारखंड के रामगढ़ का किसान उत्पादक संगठन, जिसने हाल ही में शकरकंद की पहला इंटर स्टेट ट्रेडिंग (Inter State Trading) को अंजाम दिया है. ई-नाम पर शकरकंद की ऑनलाइन बोली (E-NAM Trading of Sweet Potato) लगाकर उड़ीसा की केंदुपटना मंडी को बेचा गया है. इस तरह ई-नाम (E-National Agriuclture Market) पर किसान अपनी उपज की ऑनलाइन बोली लगवाकर देश के किसी भी मंडी में खरीद-बिक्री को अंजाम दे सकते हैं और बाजिव दाम पा सकते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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